जयपुर. जालोर में शिक्षक की पिटाई से दलित छात्र की मौत (Jalore Dalit Student death case) मामले में चल रही सियासत से भाजपा ने दूरी बना ली है लेकिन आम आदमी पार्टी और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने इसे लेकर मुखर (AAP and RLP active on Jalore case) हो गई है. आप ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन देकर मामले (AAP gave memorandum to governor) की उच्च स्तरीय जांच करवाने और पीड़ित परिवार को 1 करोड़ का मुआवजा देने की मांग की है. वहीं आरएलपी से जुड़े जनप्रतिनिधि शनिवार को पीड़ित परिवार से मुलाकात करेगा.
शुक्रवार को आम आदमी पार्टी प्रदेश प्रभारी विनय मिश्रा और दिल्ली से विधायक कुलदीप कुमार के नेतृत्व में पार्टी प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की और जालोर में दलित छात्र की मौत की घटना की जानकारी देने के साथ ही प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच करवाने का आग्रह किया. आप नेताओं ने कहा कि इस विद्यालय के आसपास के 50 स्कूलों की जांच करवानी चाहिए तभी सच्चाई सामने आएगी कि वास्तव में उस क्षेत्र के छुआछूत को लेकर क्या हालात चल रहे हैं. मीडिया से रूबरू विनय मिश्रा ने कहा कि सबसे बड़ा आश्चर्य इस बात को लेकर है कि बीजेपी इस मामले में मौन क्यों है. मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के बीच मिलाजुला खेल चल रहा है.
पढ़ें. जालोर में दलित बच्चे की मौत के कारणों पर विधायक जोगेश्वर गर्ग ने जताया संदेह
बेनीवाल शनिवार को जाएंगे जालोर
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ने जालोर में शिक्षक की पिटाई से मौत के मामले पर सरकार को घेरा है. घटना के बाद आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने लगातार बयान जारी कर इस मामले में गहलोत सरकार पर निशाना साध रहे हैं तो अब शनिवार को वे स्वयं विधायकों के साथ जालोर पहुंचकर पीड़ित परिवार से मुलाकात करेंगे.
पढ़ें. दलित छात्र की मौत पर बोले पायलट, समाज को विश्वास दिलाना जरूरी है कि हम उनके साथ हैं
भाजपा ने इसलिए बनाई दूरी...
आम आदमी पार्टी और आरएलपी भले ही जालोर के इस घटनाक्रम को लगातार सियासी रूप से जिंदा रखे हुए हैं लेकिन भाजपा ने इस घटनाक्रम से दूरी बना ली है. बताया जा रहा है कि इसके पीछे बड़ा कारण सामाजिक विद्वेष फैलने की संभावना है, क्योंकि जिस शिक्षक पर पिटाई का आरोप है वह सवर्ण समाज से है. वहीं घटनाक्रम के बाद लगातार जो नए तथ्य सामने आ रहे हैं उसे देखते हुए बीजेपी फिलहाल इस मामले से खुद को दूर किए हुए है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया कहते हैं कि इस प्रकरण की कानूनी जांच के बाद ही (satish poonia statement on jalore case) सही तथ्यात्मक जानकारी सामने नहीं आती तब तक इस बारे में बोलना उचित नहीं होगा.
गौरतलब है कि पिछले दिनों जालोर में शिक्षक की पिटाई से दलित छात्र की मौत का मामला सामने आया था. आरोप लगाया गया कि शिक्षक ने मटके से पानी पीने पर छात्र की पिटाई की जिसके चलते उसकी मौत हो गई. इसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया. हालांकि बाद में कुछ अन्य तथ्य से भी सामने आए जिसमें यह बताया गया कि स्कूल में मटके का प्रयोग होता ही नहीं था. प्रदेश कांग्रेस नेताओं ने इस घटनाक्रम के बाद पीड़ित परिवार से मुलाकात कर 20 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी.