जयपुर. आखातीज के अबूझ सावे पर रविवार को होने वाले विवाह आयोजनों पर जिला प्रशासन की नजर बनी रहेगी. कोरोना आपदा के कारण विवाह समारोह के लिए जिला प्रशासन से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य होगा और कोरोना संक्रमण से बचाव के सभी उपाय एवं दिशा निर्देशों की पालन जरूरी होगी.
आखातीज पर जिले में कोई भी बाल विवाह न हो सके, इसके लिए भी जिला कलेक्ट्रेट में ‘राउण्ड द क्लाॅक’ नियंत्रण कक्ष स्थापित कर विस्तृत आदेश जारी किए गए हैं. जिला कलेक्टर डाॅ. जोगाराम ने बताया कि विवाह आयोजनों के इच्छुक व्यक्तियों को सशर्त अनुमति के लिए जिला कलेक्ट्रेट में एक निश्चित प्रारूप में आवेदन करना होगा.
आयोजन कर्ता को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत जारी आदेशो की पूर्ण पालना करनी होगी और लाॅकडाउन की गाइडलाइन और जारी निर्देशों की भी पूरी पालना करनी होगी. धारा 144 के दिशा निर्देशों के अनुसार विवाह समारोह में पांच से अधिक व्यक्ति शामिल नहीं हो सकेंगे.
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उन्होंने बताया कि अगर वर-वधु की आयु निर्धारित वैवाहिक आयु से कम पायी जाएगी तो सम्बन्धित वर-वधू पक्ष एवं अन्य सभी सम्बन्धित के विरुद्ध बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 और 2007 के तहत कठोर विधिक कार्रवाई की जाएगी.
मास्क पहना अनिवार्य
जिस भी व्यक्ति को वैवाहिक आयोजन की सशर्त अनुमति दी जाएगी, उसे अपना पहचान पत्र, वैवाहिक गतिविधियां समाप्त होने तक साथ रखना होगा. साथ ही आवागमन के लिए वाहन संख्या का भी ब्योरा देकर स्वीकृति प्राप्त करनी होगी.
विवाह में सम्मलित होने वाले सभी व्यक्तियों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा. समारोह में सामाजिक दूरी बनाए रखनी होगी. वाहनों और व्यक्तियों को सैनिटाइज किया जाना और बार-बार हाथों को साबुन और हैण्ड सैनिटाइजर से साफ करना सुनिश्चित करना होगा. जिला कलेक्टर ने बताया कि सामान्य सशर्त अनुमति कर्फ्यू ग्रस्त क्षेत्र और कन्टेनमेंट जोन के लिए लागू नहीं होगी. इन क्षेत्रों के लिए अनुमति अलग से प्राप्त करनी होगी.
बाल विवाह रोकने के लिए सजग रहें अधिकारी-
जिला कलेक्टर डाॅ. जोगाराम ने जिले में आखातीज पर बाल विवाह पर निगरानी और रोकथाम के लिए विस्तृत दिशा निर्देश जारी कर कहा है कि इस सामाजिक बुराई की रोकथाम के लिए सभी अधिकारी-कर्मचारी समुचित कार्रवाई करें. उन्होंने इस सम्बन्ध में जागरूकता अभियान के लिए ब्लाॅक और जिला स्तर पर गठित विभिन्न सहायता समूह, महिला समूह, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहयोगिनी के कोर ग्रुप एनजीओ की सहायता प्राप्त करने के लिए अधिकारियेां को निर्देशित किया है.
जिला कलेक्टर ने बाल विवाह की रोकथाम से जुडे सभी अधिकारियों को गांवों में अपना सूचना तंत्र मजबूत करने के साथ ही सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखे जाने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा है कि बाल विवाह एक संज्ञेय एवं गैर जमानती अपराध है.
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम में बाल विवाह में सहयोग करने वाले पंडित, मौलवी, पादरी, टेण्टवाला, हलवाई, बैण्ड बाजे वाला और इसमें भाग लेने वाले सभी संज्ञेय एवं गैर जमानती अपराध के लिए उत्तरदायी हैं. इनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी.
जिला स्तरीय नियंत्रण कक्ष स्थापित
जिला कलेक्टर डाॅ.जोगाराम ने बताया कि अक्षय तृतीया पर बाल विवाह की रोकथाम के लिए जिला स्तर पर जयपुर कलेक्ट्रेट में कमरा संख्या 4 में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है. उप नियंत्रक नागरिक सुरक्षा जगदीश प्रसाद रावत इसके प्रभारी हैं. नियंत्रण कक्ष पर बाल विवाह के सम्बन्ध में प्राप्त होने वाली शिकायतों की एंट्री बाल विवाह शिकायत रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा.
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शिकायत प्राप्त होते ही उसके त्वरित निस्तारण के लिए शिकायत सम्बन्धित उपखण्ड मजिस्ट्रेट, उप अधीक्षक पुलिस, तहसीलदार, थानाधिकारी को मोबाइल और उनके कार्यालय के फोन नंबर पर अवगत कराया जाएगा. नियंत्रण कक्ष प्रभारी इसके 6 घंटे की अवधि में सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई की जानकारी पुनः प्राप्त कर पंजिका में दर्ज करेंगे. नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नम्बर 0141-2204475 और 0141-2204476 एवं प्रभारी उप नियंत्रक नागरिक सुरक्षा जगदीश प्रसाद रावत के मोबाइल नम्बर 9351472888 हैं.