जयपुर. राजधानी की सांगानेर थाना पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए फर्जी पुलिसकर्मी बन लोगों के साथ ठगी की वारदात को अंजाम देने वाले एक शातिर ठग को गिरफ्तार किया है. पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी का नाम राजेंद्र कुमार उर्फ टोपी है.
पुलिस ने आरोपी के पास से पुलिस का एक फर्जी आई कार्ड और खाकी वर्दी बरामद की है. इसके अलावा आरोपी मूलतः अलवर के कठूमर का रहने वाला है जो काफी लंबे समय से जयपुर के सांगानेर इलाके में किराए के मकान में रह रहा है.
आरोपी ने नवंबर माह में बाबूलाल धानका नामक एक व्यक्ति से एक ई-रिक्शा फाइनेंस करवाया था और पुलिस की वर्दी पहनकर और फर्जी आई कार्ड दिखाकर बाबूलाल का विश्वास जीता था. जब आरोपी ने ई-रिक्शा की किस्त नहीं भरी तो बाबूलाल सांगानेर स्थित राजेंद्र के घर पहुंचा तब उसे पता चला कि वह पुलिस में नहीं है.
जिसपर बाबूलाल ने सांगानेर थाने में ठगी का प्रकरण दर्ज करवाया और पुलिस ने कार्रवाई करते हुए राजेंद्र उर्फ टोपी को गिरफ्तार कर लिया. इसके बाद आरोपी पुलिस की वर्दी कहां से लाया और उसने फर्जी आई कार्ड कहां से बनवाया इसके बारे में उससे पूछताछ की जा रही है.
12 बाल श्रमिक करवाए गए मुक्त
राजधानी की भट्टा बस्ती थाना पुलिस ने कार्रवाई को अंजाम देते हुए चूड़ी कारखाने में दबिश देते हुए 12 बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया है. मुक्त करवाए गए बच्चे बिहार और झारखंड के रहने वाले हैं. जिनसे चूड़ी कारखाने में 14 से 15 घंटे काम करवाया जाता था और खाने के लिए केवल एक वक्त ही भोजन दिया जाता था. हालांकि पुलिस के आने की भनक लगने पर चूड़ी कारखाने का संचालक मौके से फरार हो गया, जिसकी तलाश की जा रही है.