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एडीजी बीएल सोनी ने कोरोना पर लिखी कविता... - वैश्विक महामारी कोरोना

वैश्विक महामारी कोरोना से जुझते दौर में लोग एक से एक बढ़कर कविताएं भी लिख रहे है, ऐसी ही एक कविता राजस्थान पुलिस के एडीजी बीएल सोनी ने लिखी. दरअसल, उन्होंने कोरोना वायरस के दौरान जगह-जगह दौरा और उन्हें उससे जो अनुभव मिला, उसे उन्होंने एक कविता के रूप में कागज पर उतार दिया.

जयपुर की खबर, jaipur news
कोरोना से लिए गए अनुभव से ADG ने लिखी कविता
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Published : Apr 21, 2020, 9:02 PM IST

जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान जहां पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारी लगातार पूरे प्रदेश में व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं और पूरी व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. इसके साथ ही क्षेत्र में जो चीजें देख और अनुभव कर रहे हैं, उसे सकारात्मक तरीके से कविता के रूप में उकेर भी रहे हैं. राजस्थान के एडीजी क्राइम बीएल सोनी ने भी ऐसी ही एक सकारात्मक कविता की रचना की है, जिसका शीर्षक उन्होंने 'कोरोना को हराएंगे, इंसानियत को जिताएंगे, हम फिर से मुस्कुराएंगे' रखा है. कविता के माध्यम से एडीजी क्राइम बीएल सोनी ने सभी लोगों को साकारात्मक सोच रखने और कोरोना से ना डरने का संदेश भी दिया है.

कोरोना से लिए गए अनुभव से ADG ने लिखी कविता

एडीजी क्राइम बीएल सोनी ने बताया कि कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान वह व्यवस्थाओं का जायजा लेने जिन भी स्थानों पर गए और वहां पर जो भी चीजें देखी और अनुभव की, उसे कविता का रूप देने का प्रयास किया. बीएल सोनी ने कहा कि पूरे विश्व में कोरोना वॉरियर्स इस समय जी जान से कोरोना को हराने में जुटे हुए हैं.

पढ़ें- जयपुर: ट्रांसफार्मर में धमाका होने से पास के छप्पर में लगी आग, कोई हताहत नहीं

साथ ही कहा कि देश में अनेक स्थानों पर कोरोना वारियर्स पर हमला हुआ, मजदूरों के सामने रोजगार की समस्या उत्पन्न हुई और इसके साथ ही जो भी चीजें घटित हुई या फिर अनुभव की गई, उसी के आधार पर उन्होंने एक कविता की रचना की.

एडीजी क्राइम बीएल सोनी द्वारा लिखी गई कविता:-

हम कोरोना को हरायेंगे, हम फिर से मुस्कुराएंगे

हम कोरोना को हरायेंगे, मानवता को जितायेंगे, हम फिर से मुस्कुराएंगे
हम कोरोना को हरायेंगे, आएंगे हम फिर से मुस्कुराएंगे...

वायरस यह जुल्मी है बड़ी दूर से आया है,
इंसानी देह का दुश्मन बनकर इसने दुनिया को रुलाया है...
हटता है यह साबुन से, सैनिटाइजर से डरता है,
बार-बार जब मल-मल कर हाथों को हम धोयेंगे,
साफ-सफाई और स्वच्छता बढ़ाएंगे, तभी हम कोरोना को हरा पायेंगे,
हम कोरोना को हराएंगे, हम फिर से मुस्कुराएंगे...

घर में ही सबको रहना, मानना बस यही कहना है,
सोशल डिस्टेंस का मंत्र यह, अपनों को समझाना है,
हिंदू हो या मुस्लिम, चाहे सिख ईसाई,
हम सभी की है कोरोना से लड़ाई...
भाईचारा जोड़ेंगे संक्रमण की चेन तोड़ेंगे,
ले संकल्प हम मन से साथ निभाएंगे,
मानव के इस शत्रु कोरोना को हरायेंगे,
हम कोरोना को हरायेंगे, हम फिर से मुस्कुराएंगे...

हो बाहर जाना अगर मजबूरी, तो मास्क लगाना है बहुत जरूरी,
जब जाएं मंडी या दुकान, सोशल डिस्टेंस का रखें ध्यान...
हैं फरिश्ते डॉक्टर, नर्स, पुलिस, सफाई कर्मी,
दिन-रात सेवा करते हो सर्दी या गर्मी,
है समाज के यह नायक इन्हें जरूर सराहेंगे,
हम कोरोना को हरायेंगे, हम फिर से मुस्कुराएंगे...

अपने हैं जो मजदूर भाई, हुई बंद इनकी कमाई,
लॉकडाउन में बढ़ गई अब इनकी कठिनाई,
चाहिए मदद अब इनको अब अपनी भाई...
हम इन अपनों के लिए मदद का हाथ बढ़ाएंगे,
सम्मान और प्यार से इन्हें भी खिलाएंगे,
हम कोरोना को हरायेंगे, हम फिर से मुस्कुराएंगे...

लगता है इस बार सृष्टि ने भी यह ठाना है,
ऊंच-नीच का भेद सभी के दिलों से मिटाना है,
गलियों सड़कों को खाली रखकर प्राकृतिक संतुलन बनाना है...
तो फिर हम अपना व्यवहार सुधारेंगे, जीव दया बढ़ाएंगे,
पेड़-पहाड़, जल-नदियां का व पशु-पक्षी बचाएंगे, पर्यावरण बचाएंगे,
हम कोरोना को हरायेंगे, हम फिर से मुस्कुराएंगे...

होगी फिर से आबाद बस्तियां,
होंगे रोशन बाजार-मॉल-स्कूल और शहरों की गलियां,
चहकेगी फिर से खेतों में चिड़िया, महक उठेगी फिर गांवों की बगियां...
अपनेपन का भाव लेकर सुख-दुख का साथ निभाएंगे,
दूर भगाकर इस दुश्मन को खुशियां साथ मनाएंगे,
हम मानवता को जिताएंगे, कोरोना को हरायेंगे,
हम कोरोना को हरायेंगे, हम फिर से मुस्कुराएंगे...

जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान जहां पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारी लगातार पूरे प्रदेश में व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं और पूरी व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग कर रहे हैं. इसके साथ ही क्षेत्र में जो चीजें देख और अनुभव कर रहे हैं, उसे सकारात्मक तरीके से कविता के रूप में उकेर भी रहे हैं. राजस्थान के एडीजी क्राइम बीएल सोनी ने भी ऐसी ही एक सकारात्मक कविता की रचना की है, जिसका शीर्षक उन्होंने 'कोरोना को हराएंगे, इंसानियत को जिताएंगे, हम फिर से मुस्कुराएंगे' रखा है. कविता के माध्यम से एडीजी क्राइम बीएल सोनी ने सभी लोगों को साकारात्मक सोच रखने और कोरोना से ना डरने का संदेश भी दिया है.

कोरोना से लिए गए अनुभव से ADG ने लिखी कविता

एडीजी क्राइम बीएल सोनी ने बताया कि कोरोना वैश्विक महामारी के दौरान वह व्यवस्थाओं का जायजा लेने जिन भी स्थानों पर गए और वहां पर जो भी चीजें देखी और अनुभव की, उसे कविता का रूप देने का प्रयास किया. बीएल सोनी ने कहा कि पूरे विश्व में कोरोना वॉरियर्स इस समय जी जान से कोरोना को हराने में जुटे हुए हैं.

पढ़ें- जयपुर: ट्रांसफार्मर में धमाका होने से पास के छप्पर में लगी आग, कोई हताहत नहीं

साथ ही कहा कि देश में अनेक स्थानों पर कोरोना वारियर्स पर हमला हुआ, मजदूरों के सामने रोजगार की समस्या उत्पन्न हुई और इसके साथ ही जो भी चीजें घटित हुई या फिर अनुभव की गई, उसी के आधार पर उन्होंने एक कविता की रचना की.

एडीजी क्राइम बीएल सोनी द्वारा लिखी गई कविता:-

हम कोरोना को हरायेंगे, हम फिर से मुस्कुराएंगे

हम कोरोना को हरायेंगे, मानवता को जितायेंगे, हम फिर से मुस्कुराएंगे
हम कोरोना को हरायेंगे, आएंगे हम फिर से मुस्कुराएंगे...

वायरस यह जुल्मी है बड़ी दूर से आया है,
इंसानी देह का दुश्मन बनकर इसने दुनिया को रुलाया है...
हटता है यह साबुन से, सैनिटाइजर से डरता है,
बार-बार जब मल-मल कर हाथों को हम धोयेंगे,
साफ-सफाई और स्वच्छता बढ़ाएंगे, तभी हम कोरोना को हरा पायेंगे,
हम कोरोना को हराएंगे, हम फिर से मुस्कुराएंगे...

घर में ही सबको रहना, मानना बस यही कहना है,
सोशल डिस्टेंस का मंत्र यह, अपनों को समझाना है,
हिंदू हो या मुस्लिम, चाहे सिख ईसाई,
हम सभी की है कोरोना से लड़ाई...
भाईचारा जोड़ेंगे संक्रमण की चेन तोड़ेंगे,
ले संकल्प हम मन से साथ निभाएंगे,
मानव के इस शत्रु कोरोना को हरायेंगे,
हम कोरोना को हरायेंगे, हम फिर से मुस्कुराएंगे...

हो बाहर जाना अगर मजबूरी, तो मास्क लगाना है बहुत जरूरी,
जब जाएं मंडी या दुकान, सोशल डिस्टेंस का रखें ध्यान...
हैं फरिश्ते डॉक्टर, नर्स, पुलिस, सफाई कर्मी,
दिन-रात सेवा करते हो सर्दी या गर्मी,
है समाज के यह नायक इन्हें जरूर सराहेंगे,
हम कोरोना को हरायेंगे, हम फिर से मुस्कुराएंगे...

अपने हैं जो मजदूर भाई, हुई बंद इनकी कमाई,
लॉकडाउन में बढ़ गई अब इनकी कठिनाई,
चाहिए मदद अब इनको अब अपनी भाई...
हम इन अपनों के लिए मदद का हाथ बढ़ाएंगे,
सम्मान और प्यार से इन्हें भी खिलाएंगे,
हम कोरोना को हरायेंगे, हम फिर से मुस्कुराएंगे...

लगता है इस बार सृष्टि ने भी यह ठाना है,
ऊंच-नीच का भेद सभी के दिलों से मिटाना है,
गलियों सड़कों को खाली रखकर प्राकृतिक संतुलन बनाना है...
तो फिर हम अपना व्यवहार सुधारेंगे, जीव दया बढ़ाएंगे,
पेड़-पहाड़, जल-नदियां का व पशु-पक्षी बचाएंगे, पर्यावरण बचाएंगे,
हम कोरोना को हरायेंगे, हम फिर से मुस्कुराएंगे...

होगी फिर से आबाद बस्तियां,
होंगे रोशन बाजार-मॉल-स्कूल और शहरों की गलियां,
चहकेगी फिर से खेतों में चिड़िया, महक उठेगी फिर गांवों की बगियां...
अपनेपन का भाव लेकर सुख-दुख का साथ निभाएंगे,
दूर भगाकर इस दुश्मन को खुशियां साथ मनाएंगे,
हम मानवता को जिताएंगे, कोरोना को हरायेंगे,
हम कोरोना को हरायेंगे, हम फिर से मुस्कुराएंगे...

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