जयपुर. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लगे लॉकडाउन का असर सभी व्यापारिक क्षेत्रों पर पड़ा है. वहीं, प्रॉपर्टी बाजार भी इससे अछूता नहीं रहा है. अप्रैल महीने की बात करें तो, अकेले जयपुर में ही रजिस्ट्री की संख्या में पिछले साल के मुकाबले 98 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है.
कोरोना वायरस के कारण चल रहे लॉकडाउन का असर चल और अचल संपत्ति की खरीद-फरोख्त पर भी पड़ा है. निर्माण कार्य भी मजदूर नहीं मिलने के कारण ठप हो गए हैं. जिसकी वजह से करोड़ों रुपए के प्रोजेक्ट अटके हुए हैं. हर महीने होने वाले जमीन के सौदों में भी 20 फीसदी तक गिरावट दर्ज की गई है. जिसकी वजह से जयपुर के मुद्रांक एवं पंजीयन कार्यालय में पंजीयन नहीं होने से सरकार को भी करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है.
इसके साथ ही लॉकडाउन में जमीन के सौदों में गिरावट होने के कारण सरकार के पास भी पर्याप्त राजस्व नहीं पहुंच पाया है. जयपुर की रजिस्ट्री के आंकड़े देखें तो अप्रैल में 98 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है. जिसके कारण सरकार को स्टांप ड्यूटी में 10 फीसदी सरचार्ज बढ़ाना पड़ा था. 2019 के अप्रैल महीने में संपत्तियों की रजिस्ट्री से सरकार को 295 करोड़ का राजस्व मिला था. जबकि, इस साल अप्रैल महीने में 98 फीसदी राजस्व में गिरावट आई है और महज 7.77 करोड़ की ही रजिस्ट्री हो पाई है. मई के शुरुआती आंकड़े देखें तो, 2019 में मई महीने में रजिस्ट्री से सरकार को 375 करोड़ की आय हुई थी, लेकिन इस साल 20 मई तक केवल 48 करोड़ की ही आय अब तक सरकार को हुई है.
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बता दें कि, पिछले दिनों सरकार ने अपनी आय बढ़ाने के लिए स्टांप ड्यूटी पर लगने वाले सर्च का सरचार्ज 10 फीसदी बढ़ा दिया था. इस साल फरवरी में सरकार ने अचल संपत्तियों की रजिस्ट्री पर लगने वाले स्टांप ड्यूटी को भी एक फीसदी बढ़ा दिया था. अभी अचल संपत्तियों की रजिस्ट्री करवाने पर स्टांप ड्यूटी पुरुषों के लिए 6 फीसदी, महिलाओं के लिए पांच फीसदी और एस एसटी महिलाओं के लिए 4 फीसदी ड्यूटी देय है. इसके अलावा एक फीसदी रजिस्ट्रेशन शुल्क लगता है. ऐसे में अब कुल स्टांप ड्यूटी पर 30 फीसदी सरचार्ज अलग से लगता है.