जयपुर. राजधानी जयपुर में पतंगबाजी से बेजुबान पक्षी घायल हो रहे हैं. मकर सक्रांति (Makar Sankranti 2022) के एक दिन पहले जयपुर शहर में करीब 80 पक्षी में घायल हुए हैं. पतंगबाजी से घायल होने वाले पक्षियों के इलाज के लिए जयपुर शहर में करीब 12 जगहों पर एनजीओ के सहयोग से पक्षी उपचार शिविर लगाए गए हैं. पतंगबाजी में ज्यादातर कबूतर घायल हो रहे हैं. इसके साथ ही चील, तोता, मोर समेत अन्य पक्षी भी घायल (Bird Treatment Camp In Jaipur) हुए हैं.
उपचार केंद्र में आए घायल पक्षी
रक्षा संस्थान के मालवीय नगर स्थित पक्षी उपचार केंद्र पर 26 घायल पक्षी आए हैं, जिनमें 22 कबूतर, 3 चील और एक तोता शामिल है. नेचर केयर संस्थान के पक्ष उपचार केंद्र में 10 घायल पक्षी आए हैं. अशोक विहार पक्षी उपचार केंद्र पर 22 पक्षी घायल अवस्था में लाए गए. अशोक विहार में वरिष्ठ वन्यजीव पशु चिकित्सक डॉक्टर अशोक तंवर घायल पक्षियों का इलाज कर रहे हैं. होप एंड बियोंड संस्था के वैशाली नगर और चौड़ा रास्ता पक्षी उपचार पर करीब 20 घायल पक्षी आए हैं. होप एंड बियोंड संस्था की ओर से पक्षियों के उपचार के लिए 13 जनवरी से 16 जनवरी तक निशुल्क शिविर लगाया जा रहा है. होप एंड बियोंड संस्था की ओर से हेल्प लाइन नंबर 8239939929 जारी किया गया है.
चाइनीज मांझा का नहीं करें उपयोग
बर्ड्स एक्सपर्ट जॉय गार्डनर के मुताबिक संस्था के स्वयं सेवा कर्मी घायल पक्षियों को लाकर प्राथमिक उपचार कर रहे हैं. उन्होंने सभी से अपील की है कि पतंगबाजी करते समय चाइनीज मांझा का उपयोग नहीं करें और घायल पक्षी दिखने पर तुरंत संस्था की हेल्प लाइन नंबर पर सूचना दें. रक्षा संस्थान के रोहित गंगवाल के मुताबिक संस्था की ओर से घायल पक्षियों के लिए हेल्पलाइन नंबर 9828500065 जारी किया गया है. लोगों से अपील की गई है कि हेल्पलाइन नंबर पर सूचना देकर ज्यादा ज्यादा पक्षियों की जान बचाने में सहयोग करें. वन विभाग की ओर से रेस्क्यू रेंजर के हेल्पलाइन नंबर 9414378130 और डॉक्टर अशोक तंवर के मोबाइल नंबर 9829022027 जारी किया गया है.
वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉक्टर अशोक तंवर ने बताया कि पक्षी ट्रीटमेंट शिविर मकर सक्रांति पर 13 जनवरी से 15 जनवरी तक तीन दिन लगातार जारी रहेंगे. वन विभाग का अशोक विहार पक्षी उपचार केंद्र पूरे साल चालू रहता है. लेकिन मकर सक्रांति पर ज्यादा पक्षी घायल होते हैं, ऐसे में जयपुर शहर के विभिन्न इलाकों में पक्षी उपचार शिविर लगाए गए हैं.
घायल पक्षियों का होगा इलाज
पक्षी उपचार केंद्र पर ज्यादातर पक्षी पंख कटे हुए आ रहे हैं. घायल पक्षियों का इलाज किया जा रहा है और भोजन पानी के इंतजाम भी किए गए हैं. पक्षियों को तेज ठंड से बचाने के लिए सेंटर पर हीटर की व्यवस्था भी की गई है. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सुबह 6:00 बजे से 8:00 बजे तक और शाम को 5:00 बजे से 7:00 बजे तक पतंगबाजी नहीं करें. सुबह और शाम को पतंगबाजी (kite festival in Jaipur) से ज्यादा पक्षी घायल होते हैं. चाइनीज मांझा का उपयोग नहीं करें, सादा डोर से पतंग उड़ाएं. मकर सक्रांति के 1 दिन पहले कबूतर, मोर, चील समेत अन्य पक्षी घायल अवस्था में आए हैं, जिनका इलाज शुरू कर दिया गया है.
डॉक्टर अशोक तंवर के मुताबिक वन विभाग की ओर से 9 एनजीओ को पक्षी उपचार शिविर के लिए अधिकृत किया गया है. वन विभाग की ओर से हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है, जिस पर कॉल करके घायल पक्षी की सूचना दे सकते हैं. पक्षी के घायल होने पर उसका ब्लड लॉस रोकने के लिए बीटाडीन का उपयोग करके कॉटन लगा दें. घायल पक्षी को खाना पीना नहीं देना चाहिए.