जयपुर. देश में 5 जून से 5 जुलाई के बीच मे 3 ग्रहण लग रहे हैं, जिनमें 2 चंद्र ग्रहण और 1 सूर्य ग्रहण है. विज्ञान में ग्रहण को एक खगोलीय घटना माना जाता है, लेकिन ज्योतिष के मुताबिक यह लोगों के हित के लिए ठीक नहीं होता है. यही वजह है कि इसके परिणाम भी गंभीर हो सकते है.
ज्योतिषाचार्य पंडित पुरुषोत्तम गौड़ के अनुसार 30 दिन के भीतर ही तीन ग्रहण का योग बन रहा है, जिसमें 5 जून को चन्द्र ग्रहण, 21 जून को सूर्य ग्रहण और 5 जुलाई को चन्द्र ग्रहण लगेगा. ऐसा संयोग सैकड़ों साल के बाद बन रहा है. उन्होंने बताया कि 1 महीने के अंदर तीन ग्रहण लगने से विश्व युद्ध, महामारी और प्राकृतिक आपदा जैसे दुष्परिणाम देखने को मिल सकते है. कोरोना वायरस महामारी की चुनौती के बीच ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि 5 जून को 3 घंटे 18 मिनट का चंद्र ग्रहण होगा, जो कि रात 11:15 बजे शुरू होगा और 6 जून को सुबह 12:54 बजे तक अपने अधिकतम ग्रहण पर पहुंचेगा.
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वहीं, इस साल भारत में दिखाई देने वाला एक मात्र सूर्य ग्रहण 21 जून को लगने वाला है. ये सुबह 9 बजकर 15 मिनट से आरंभ हो जाएगा, जो कि दोपहर 2 बजकर 35 मिनट तक अलग- अलग समय पूरे भारत में दिखाई देगा. इस ग्रहण का परमग्रास 99.4 प्रतिशत रहेगा, यानी कुछ स्थानों पर सूर्य पूरी तरह छुप जाएगा.
इस ग्रहण की आकृति राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड के उत्तरी भाग और पंजाब के दक्षिण भाग के दक्षिण भाग के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा. इस ग्रहण के कारण भारत का पड़ोसी देशों से संबंध प्रभावित हो सकता है. वहीं, 5 जुलाई को साल का तीसरा चंद्रग्रहण लगने वाला है. यह ग्रहण भी पूर्ण या आंशिक चंद्र ग्रहण नहीं होगा और यह भी उपछाया चन्द्र ग्रहण होगा.