जयपुर. राजधानी जयपुर में एडवोकेट गोवर्धन सिंह के खिलाफ जयपुर के वैशाली नगर थाने में (Fraud case filed Against advocate in Jaipur) 13 लाख रुपए की धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. पीड़ित टीकम खंडेलवाल ने ये मामला दर्ज करवाया है. जयपुर की सदर थाना पुलिस ने 27 अप्रैल को महिला आरपीएस अधिकारी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने के मामले में एडवोकेट गोवर्धन सिंह को गिरफ्तार किया था.
रिपोर्ट के मुताबिक 10 जुलाई 2018 को पीड़ित के साथ मारपीट की घटना हुई थी. मारपीट करने वालों ने धमकी देते हुए कहा था कि वो गोवर्धन सिंह वकील हमारा जानकार है, जिसके ऊंचे रसूख हैं. पीड़ित का आरोप है कि घटना के बाद उसकी एफआईआर थाने में दर्ज नहीं की गई. आरोप है कि 12 जुलाई 2018 को वकील गोवर्धन सिंह ने अपने साथियों के साथ पीड़ित के घर पहुंच कर मारपीट की. 5 सितंबर को पीड़ित के घर पर आरोपियों ने आकर धमकी भी दी. 22 नवंबर 2018 को कोर्ट परिसर में भी आरोपियों की ओर से पीड़ित को धमकी दी गई.
20 लाख की थी डिमांड: पीड़ित का आरोप है कि इस घटना के बाद भी वो अशोक नगर (Case of indecent remarks against woman RPS ) थाने पहुंचा था. लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की. इसके बाद एडवोकेट गोवर्धन सिंह ने उससे 20 लाख रुपए की मांग की. पीड़ित ने डर के मारे 13 लाख रुपए दे भी दिए. एडवोकेट गोवर्धन सिंह के रसूख के चलते पीड़ित और उसका परिवार खौफ के साए में जी रहा था. पीड़ित के मुताबिक एडवोकेट गोवर्धन सिंह की गिरफ्तारी की खबर मिलने पर उसने हिम्मत जुटाई और थाने में मामला दर्ज करवाया. मामले की जांच वैशाली नगर थाना अधिकारी कर रहे हैं.
राजधानी जयपुर की सदर थाना पुलिस ने कोरोना लॉकडाउन के दौरान ड्यूटी पर तैनात महिला आरपीएस अधिकारी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी के मामले में आरोपी एडवोकेट को गिरफ्तार किया था. बुधवार 27 अप्रैल को उच्च न्यायालय की ओर से गिरफ्तारी पर लगी रोक हटाने के निर्णय के बाद आरोपी गोवर्धन सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई. पूछताछ के बाद दलित महिला पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के संबंध में अनुसूचित जाति जनजाति निवारण अधिनियम और अन्य आईपीसी धारा के तहत जुर्म प्रमाणित पाए जाने पर आरोपी गोवर्धन सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया था.
क्या है पूरा मामला: पुलिस के मुताबिक 3 अप्रैल 2020 को सदर थाने में महिला आरपीएस अधिकारी ने एडवोकेट गोवर्धन सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि कोरोना महामारी के दौरान खासा कोठी पुलिया के नीचे ड्यूटी पर थी तभी लॉकडाउन में चेकिंग को लेकर विवाद हुआ था. इस दौरान आरोपी ने अपने साथियों के साथ आपत्तिजनक तरीके से अभद्र भाषा का प्रयोग किया और देख लेने की धमकी दी थी. इसके बाद भी आरोपी गोवर्धन सिंह की ओर से महिला आरपीएस अधिकारी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी और महिला की गरिमा के विरुद्ध आपत्तिजनक व्यक्तिगत टिप्पणियां लगातार फेसबुक पेज पर पोस्ट की गईं. आरोपी ने महिला आरपीएस अधिकारी के राजकीय कर्तव्य के संबंध में जातिसूचक टिप्पणी भी की थी. पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू की. मुकदमा दर्ज होने के बाद भी आरोपी पक्ष की ओर से कई बार आपत्तिजनक टिप्पणियां की गईं.