जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में एक विशेष फंड का गठन करते हुए सार्वजनिक निर्माण विभाग के माध्यम से राज्य के सभी नगर निगम की 30 किलोमीटर, नगर परिषद की 20 किलोमीटर और नगर पालिका की 10 किलोमीटर मुख्य सड़कों के मेजर रिपेयर कार्य करवाने की घोषणा की थी.
इस काम पर लगभग 1 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे. सार्वजनिक निर्माण विभाग को ये राशि उपलब्ध करवाने के लिए वित्त विभाग की सहमति के बाद हुडको से लोन लिया जाएगा. मुख्यमंत्री की बजट घोषणा को मूर्त रूप देने की कड़ी में प्रत्येक नगर निगम/परिषद/पालिका के लिये सड़क निर्माण/सुदृढ़ीकरण के लिए राशि का निर्धारण किया गया है.
राज्य की 213 नगरीय निकायों से 1000.54 करोड़ के प्रस्ताव क्षेत्रीय उप निदेशक, सार्वजनिक निर्माण विभाग के जोनल अतिरिक्त मुख्य अभियन्ता और नगरीय निकायों के अधीक्षण अभियन्ता की गठित कमेटी से प्राप्त हुए हैं. इस काम के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग को कार्यकारी एजेन्सी नियुक्त किया गया है. ऐसे में स्वायत्त शासन विभाग की ओर से सार्वजनिक निर्माण विभाग को ये राशि उपलब्ध करवाने के लिए वित्त विभाग की सहमति के बाद हुडको से स्वीकृति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है.
ऐसे में नगरीय निकायों से प्राप्त प्रस्तावों पर बजट घोषणा अनुरूप सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से कार्यों की प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी करनी होगी, कार्यों की तकनीकी स्वीकृति जारी करनी होगी, आरटीपीपी एक्ट 2012 और नियम 2013 के अनुसार निविदा प्रक्रिया सम्पादित करनी होगी, कार्य सम्पादन के दौरान निर्माण सामग्री के सैम्पल्स की जांच करवाकर गुणवत्तापूर्ण कार्य करवाना होगा, कार्यों का थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन आईआईटी/एमएनआईटी संस्थान से करवाना होगा और कार्यों का सुचारू रूप से सम्पादन और सूचना संकलित करने के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग में नोडल अधिकारी नियुक्त करने और मॉनिटरिंग प्रकोष्ठ गठित करना होगा.
इसके अलावा जिन नगरीय निकायों के प्रस्ताव निर्धारित राशि से अधिक प्राप्त हुए हैं, उन नगरीय निकायों में विभाग द्वारा निर्धारित राशि तक ही कार्य सम्पादित करवाए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं.