जयपुर. मुख्यमंत्री शुक्रवार को सड़क सुरक्षा को लेकर परिवहन विभाग और प्रदेश के प्रमुख अधिकारियों की समीक्षा बैठक (Gehlot Review Meet On Road Safety) ले रहे थे. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई आवश्यक दिशा निर्देश अधिकारियों को दिए. सीएम ने सड़क सुरक्षा को लेकर फिक्र जाहिर करते हुए भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की (Gehlot On Road Safety). प्रदेश को रोड सेफ्टी के मामले में मॉडल स्टेट बनाने का संकल्प लिया.
सड़क सुरक्षा में राजस्थान को बनाएं माॅडल स्टेट: मुख्यमंत्री ने सड़क दुर्घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए निर्देश दिया कि सड़क सुरक्षा प्रबंधन को बेहतर करने और दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए पिछले दिनों में किए गए प्रयासों, नवाचारों एवं अभियानों को आगे भी जारी रखा जाए. उन्होंने परिवहन, पुलिस, सार्वजनिक निर्माण सहित अन्य संबंधित विभाग पूरे समन्वय के साथ कार्य करते हुए राजस्थान को सड़क सुरक्षा प्रबंधन में माॅडल स्टेट के रूप में स्थापित करने का मंत्र भी दिया.
सड़क सुरक्षा के लिए बनाएं मास्टर प्लान: सीएम ने मास्टर प्लान की जरूरत पर बल दिया. निर्देशित किया कि परिवहन विभाग जल्द ही एक मास्टर प्लान बनाकर योजनाबद्ध तरीके से कार्य शुरू करे. नियमों का उल्लंघन करने वालों पर ऐसी सख्त कार्रवाई की जाए, जिससे अन्य राज्यों से प्रदेश में आने वाले वाहन चालकों को भी नियमों की पालना करने का संदेश मिले. उन्होंने बिना आईएसआई मार्क हेलमेट पहनने और ऐसे हेलमेट की बिक्री रोकने के लिए पुलिस और परिवहन विभाग को संयुक्त कार्रवाई के निर्देश दिए जाने की बात कही. गहलोत ने नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन की ताकीद की. अधिकारियों को डायरेक्ट किया कि फिटनेस, प्रदूषण जांच व आवश्यक दस्तावेजों के बिना ही चल रहे वाहनों के मालिकों पर सख्त कार्रवाई की जाए. साथ ही वाहन चालकों को नियमित प्रशिक्षित कराने, आवश्यक स्वास्थ्य जांच कराने एवं निगरानी रखने के लिए वाहन मालिकों को जागरूक किया जाए.
सड़क दुर्घटना में चोटिल लोगों का हो मुफ्त इलाज: गहलोत ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभागीय अधिकारियों को सड़क दुर्घटना में घायलों का सरकारी व निजी अस्पतालों में निःशुल्क उपचार सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए. राय दी कि सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए जिला स्तर पर नियमित बैठकें आयोजित होनी चाहिए. उन्होंने दुर्घटनाओं में कमी लाने में नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों की भूमिका पर विचार करने का विचार रखा.
कर Online: कर जमा कराने के लिए लंबी कतारों में खड़े होकर इंतजार करने वालों के लिए सीएम की ये घोषणा राहत दिलाने का संकेत देती है. वाहनों को लेकर Tax जमा कराने वालों को ऑनलाइन सुविधा दी गई है. सीएम ने आगामी 1 जुलाई से ऑनलाइन प्रक्रिया पूरी (Online Deposition Of Inter State Tax) तरह से लागू किए जाने की बात कही है. उन्होंने मीटिंग में साफ कहा- 1 जुलाई से प्रदेश के सभी परिवहन कर संग्रहण केन्द्र बंद हो जाएंगे. वाहनों के प्रदेश में आने और जाने से संबंधित कर (इंटर स्टेट टैक्स) ऑनलाइन ही जमा होंगे. इससे वाहन संचालकों को मदद मिलेगी. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा परिवहन नियमों की अवहेलना करने वाले वाहन चालकों पर कार्रवाई के लिए प्रदेश में अत्याधुनिक इंटरसेप्टर की संख्या बढ़ाई जा रही है।
'82 प्रतिशत मृत्यु तेज गति से': मुख्यमंत्री ने तेज गति को सड़क दुर्घटना का एक प्रमुख कारण बताया. उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मृत्यु में 82 प्रतिशत मृत्यु तेज गति से वाहन चलाने पर होती है. कहा कि नियमों का उल्लंघन करने से हर वर्ष हजारों नागरिक दुर्घटनाओं में मौत का शिकार हो जाते हैं. कई परिवार पूरी तरह बिखर जाते हैं. हमारा प्रयास होगा कि राजस्थान में यह आंकड़ा न्यूनतम स्तर पर आए. संबंधित विभागीय अधिकारी संवेदनशीलता के साथ इन्हें रोकने के लिए कार्य करें. नागरिक स्वयं भी यातायात नियमों का पालन सुनिश्चित करें.
गहलोत ने कहा कि राजमार्गों की ऑडिट में सामने आई दुर्घटना संभावित ब्लैक स्पाॅट्स को अभियान के रूप में सुधारा जाए. अनाधिकृत रोड कट को बंद करने के साथ ही समुचित रोड साइनेज, मार्किंग, लाइटिंग आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. मुख्यमंत्री ने इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) जल्द लागू करने को जरूरी बताया. अधिकारियों से बोले- तकनीकी नवाचारों को बढ़ावा देकर यातायात प्रबंधन को हाईटेक करें, ताकि दुर्घटनाओं पर अंकुश लगे और जाम की स्थिति से बचा जा सके. बैठक में चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा, परिवहन राज्यमंत्री बृजेन्द्र सिंह ओला और पुलिस महानिदेशक एम.एल. लाठर ने बेहतर यातायात प्रबंधन के लिए सुझाव दिए.