बीकानेर. जिला देहात कांग्रेस के अध्यक्ष महेंद्र गहलोत ने प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को पत्र लिखकर खुद को केश कला बोर्ड का चेयरमैन बनाने की सिफारिश की है.
दरअसल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार को बनने के बाद अब निकाय चुनाव से पहले राजनीतिक नियुक्तियों की शुरुआत की संभावना जताई जा रही है. ऐसे में देहात कांग्रेस के अध्यक्ष महेंद्र गहलोत ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को पत्र लिखकर खुद को केश कला बोर्ड का चेयरमैन बनाने की सिफारिश की है. लेकिन इस पत्र में ही महेंद्र गहलोत ने लिख दिया कि अगर वे उन्हें मनचाहा पद देते हैं तो वह सब कुछ छोड़कर केवल उनके साथ ही रहेंगे.
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इस लाइन के साथ लिखा गया उनका पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो जाने के बाद बीकानेर कांग्रेस की राजनीति में हड़कंप मच गया है. इसका मुख्य कारण यह है कि महेंद्र गहलोत पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी के कैंप से माने जाते हैं. रामेश्वर डूडी के चलते ही उन्हें देहात कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था. महेंद्र गहलोत को देहात कांग्रेस की राजनीति में डूडी का सबसे विश्वस्त आदमी माना जाता है. बावजूद उसके गहलोत की ओर से पायलट को इंगित कर लिखे गए पत्र की इन लाइनों ने राजनीतिक रूप से हड़कंप मचा दिया है.
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महेन्द्र गहलोत ने बताया बदनाम करने की साजिश
इस पूरे मामले को लेकर जब महेंद्र गहलोत से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि वायरल हुआ पत्र केवल उन्हें बदनाम करने के लिए साजिश है. क्योंकि ऐसा कोई पत्र उन्होंने नहीं लिखा है. हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि खुद को चेयरमैन बनाने को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और रामेश्वर डूडी से मुलाकात की है. गहलोत ने कहा कि वे 30 साल से सक्रिय राजनीति में हैं और रामेश्वर डूडी के नेतृत्व में ही काम कर रहे हैं. ऐसे में उनको बदनाम करने के लिए कुछ लोगों ने इस तरह की हरकत की है.
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'विरोधी मेरे राजनीतिक कद से परेशान'
किसी का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि वे जिस जाति से आते हैं और जिस तरह से राजनीति में आगे बढ़ रहे हैं, उससे उनके विरोधी परेशान हैं. वे भाजपा से जुड़े हुए लोग हैं. गहलोत ने इस दौरान अपने द्वारा लिखे गए पत्रों और वायरल हुए पत्रों के अंतर को बतलाते हुए कहा कि यह पूरी तरह से झूठ है, ऐसी कोई बात उन्होंने अपने पत्र में नहीं लिखी. हालांकि इस पूरे मामले में गहलोत ने पुलिस में एफआईआर कराने की बात से भी इनकार किया. अब इस पूरे मामले में सच्चाई क्या है यह तो पता नहीं लेकिन इतना जरूर है कि महेंद्र गहलोत के नाम से वायरल हुए इस पत्र के बाद अब डूडी कैंप में ही खुद महेंद्र गहलोत के विरोधी भी सक्रिय हो गए हैं.