बीकानेर. कोरोना महामारी के चलते लॉक डाउन के बाद पूरे देश में किराना के समान और सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी की मिल रही खबरों के बीच एक सच यह भी है कि अपनी फसल का सही मूल्य मिलने की आस रखने वाले किसानों को भी इस कोरोना इफेक्ट के चलते नुकसान हो रहा है.
शहर के आसपास रहने वाले सब्जियां उगाने वाले किसान हर दिन सब्जी मंडी पहुंचकर अपनी फसल को बेचकर अपना जीवन यापन करते हैं. वहीं कुछ किसान आसपास के प्रदेशों में जाकर भी अपनी फसल बेचने थे लेकिन, अब सब्जी मंडियों के अलावा अन्य जगह पर सब्जियों की दुकान ही नहीं खुल रही है. ऐसे में इन किसानों की सब्जियां नहीं बिक रही है.
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दरअसल, कोरोना के बाद मंडी में आने वाले वो दुकानदार जो गली मोहल्ले में सब्जी की दुकान लगाते थे या रेहड़ी के माध्यम से सब्जी बेचा करते थे वे अब मंडी में नहीं आ रहे हैं और आम उपभोक्ता भी आम दिनों के मुकाबले मंडी में कम ही नजर आ रहा हैं. ऐसे में इन किसानों के सामने समस्या खड़ी हो गई है.
ईटीवी भारत संवाददाता ने जमीन किसानों से बात की तो इनका दर्ज आंसू के रूप में छलक कर सामने आया. किसानों का कहना था कि जो फसल 25 रुपये किलो बिकती थी, वह आज 5 से 7 रुपये किलो में बिक रही है और बाकी बची हुई फसल और भी सस्ते दामों में गौशाला में गायों के लिए देनी पड़ रही है.
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किसानों ने कहा कि सरकार ने दूसरे राज्यों ने बॉर्डर सील कर दिए हैं या फिर अन्य राज्यों की पुलिस जाने नहीं दे रही है. ऐसे में वे नुकसान उठा रहे हैं. कुल मिलाकर दुकानदार भले ही कोरोना के चलते सब्जियों के दामों में बढ़ोतरी कर आम उपभोक्ताओं के साथ छलावा कर रहे हो लेकिन, इस उगाने वाले धरतीपुत्र पूरी तरह से ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं और उनको आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है.