बीकानेर. जिले में एक बार फिर खाकी वर्दी ने सामाजिक सरोकार के तहत बीकानेर में आम लोगों के लिए एक नजीर पेश की है. बीकानेर के पुलिस लाइन की एमटी शाखा में अस्थाई तौर पर पुलिस कर्मियों के लिए खाना बनाने का काम करने वाली महिला की बच्ची की शादी में पुलिसकर्मियों ने भाई बनकर मायरा भरा है.
पुलिस लाइन की एमटी शाखा में कार्य करने वाली विधवा महिला नैना की 4 बच्चियां है और नैना की एक बेटी सुनीता की शादी मंगलवार 28 जनवरी को है. ऐसे में जब महिला ने अपनी बच्ची की शादी की जानकारी पुलिसकर्मियों को दी तो पुलिसकर्मियों ने महिला की बच्ची की शादी के लिए कुछ करने की सोची और इसको लेकर जिला पुलिस अधीक्षक प्रदीप मोहन शर्मा से बात की तो उन्होंने हर संभव स्वैच्छिक रूप से सहयोग करने के लिए पुलिसकर्मियों की हौंसला अफजाई की.
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सोमवार को बीकानेर की पुलिस लाइन से बैंड बाजे के साथ पुलिसकर्मी मायरेदार बनकर हाथों में मायरे का सामान लिए थाली लेकर महिला नैना के घर पहुंचे तो रास्ते से गुजरते लोग भी पुलिसकर्मियों के इस कदम की सराहना करते नजर आए.
बता दें कि पुलिसकर्मियों की इस पहल का खुद दुल्हन सुनीता ने भी स्वागत किया. साथ ही उनको धन्यवाद भी ज्ञापित किया. बीकानेर के बीच वाला थानाधिकारी मनोज शर्मा ने कहा कि महिला पुलिस कर्मियों के लिए खाना बनाती है और भले ही वह अस्थाई तौर पर काम करती हो लेकिन पुलिसकर्मियों ने उसे एक परिवार के रूप में माना है और उसकी पारिवारिक स्थिति को देखते हुए पुलिसकर्मी स्वैच्छिक सहयोग के लिए तैयार हुए और उसी का परिणाम मायरे के रूप में सामने आया है.
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बीकानेर के पुलिस लाइन में एमटी शाखा के सब इंस्पेक्टर तोलाराम ने कहा कि खाकी के इस सामाजिक सरोकार के कदम से आम लोग भी कुछ सीख लेंगे और इससे लोगों में एक अच्छा मैसेज जाएगा. मायरे के दौरान बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी नैना के घर पहुंचे. इस दौरान नैना के परिवार और पड़ोसियों ने भी पुलिसकर्मियों के इस कदम की दिल खोलकर तारीफ की. गौरतलब है कि कुछ माह पहले बीकानेर के महिला थाना पुलिस स्टाफ ने भी अपने यहां काम करने वाली कुक की नातिन के शादी में मायरा भरा था.