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बीकानेर: लगातार शिकायतों पर भी नहीं बनी बात, UPHC से नदारद रहा जरूरी मेडिकल स्टाफ... परेशान लोगों ने विरोध में गेट को किया लॉक

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Published : Apr 26, 2022, 12:41 PM IST

प्रदेश सरकार के चिकित्सा व्यवस्थाओं को मजूबत करने के दावों की पोल बीकानेर स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ने खोल दी. यहां मेडिकल स्टाफ की कमी की शिकायत लगातार किए जाने के बाद भी ध्यान नहीं दिया गया (Absence Of Medical Staff in urban primary health center Bikaner) तो लोगों ने इंदिरा कॉलोनी स्वास्थ्य केंद्र पर ताला जड़ दिया.

urban primary health center Bikaner locked up
परेशान लोगों ने विरोध में की तालाबंदी

बीकानेर. एक ओर प्रदेश सरकार चिकित्सा व्यवस्था मजबूत करने और चिरंजीवी योजना के माध्यम से हर व्यक्ति को ₹10,00000 तक का बीमा करते हुए मुफ्त इलाज देने के लिए काम करने की बात कहती है तो वहीं धरातल पर कई बार कुछ ऐसी तस्वीरें निकल कर आती हैं जो दावे को खारिज (Absence Of Medical Staff in urban primary health center Bikaner) करती हैं.बीकानेर में मंगलवार को शहरी क्षेत्र के इंदिरा कॉलोनी स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कुछ ऐसा ही दिखा.

यहां पिछले कई सालों से चिकित्सा व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो रही है. इसे लेकर स्थानीय लोगों ने कई बार चिकित्सा अधिकारियों और जिला प्रशासन के अधिकारियों को सूचित भी किया. बावजूद इसके स्थिति में सुधार नहीं हुआ. प्रशासन की निष्क्रियता से आजिज आ आक्रोशित लोगों ने मंगलवार को शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ताला जड़ (urban primary health center Bikaner locked up) दिया. शहर भाजपा के जिला उपाध्यक्ष भगवान सिंह मेड़तिया के नेतृत्व में मोहल्लेवासियों ने मौजूद चिकित्सा स्टाफ को शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के परिसर से बाहर करते हुए सभी कमरों के और मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया. उच्च अधिकारियों तक तालाबंदी की सूचना पहुंचाई गई.

पढ़ें-Rajasthan Budget 2022: कोकलियर इंप्लांट्स को चिरंजीवी योजना में किया शामिल, लाखों बच्चों को मिलेगा फायदा

भाजपा नेता ने प्रदेश सरकार पर किया वार: भाजपा नेता भगवान सिंह मेड़तिया का कहना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री दावा करते हैं लेकिन बीकानेर शहर में सबसे बड़ी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पर्याप्त चिकित्सा स्टाफ नहीं है और न ही दवाइयां. उन्होंने कहा कि यहां मौजूद चिकित्सक भी स्थाई नहीं है और बार-बार केवल जुगाड़ से काम चलाया जा रहा है. यहां न लैब टेक्नीशियन है न ही यहां कोई परमानेंट स्टाफ है. इस विरोध के अगुवा मेड़तिया ने कहा- अब जब तक यहां स्थाई स्टाफ नहीं लगाता है तब तक हम लोग इस ताले को नहीं खोलेंगे.

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अस्थाई रूप से लगाए गए चिकित्सा का डॉ संजय का कहना है कि हाल ही में सरकार ने डेपुटेशन खत्म कर दी है. जिसके बाद यहां से डॉक्टर को अन्यत्र लगाया गया है तो वहीं खुद डॉक्टर संजय ने भी स्वास्थ्य केंद्र में पूरा स्टाफ नहीं होने की बात स्वीकार की. फिलहाल मौके पर लोगों का आक्रोश जारी है और स्वास्थ्य केंद्र पर ताला लगाया हुआ है.

बीकानेर. एक ओर प्रदेश सरकार चिकित्सा व्यवस्था मजबूत करने और चिरंजीवी योजना के माध्यम से हर व्यक्ति को ₹10,00000 तक का बीमा करते हुए मुफ्त इलाज देने के लिए काम करने की बात कहती है तो वहीं धरातल पर कई बार कुछ ऐसी तस्वीरें निकल कर आती हैं जो दावे को खारिज (Absence Of Medical Staff in urban primary health center Bikaner) करती हैं.बीकानेर में मंगलवार को शहरी क्षेत्र के इंदिरा कॉलोनी स्थित शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कुछ ऐसा ही दिखा.

यहां पिछले कई सालों से चिकित्सा व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो रही है. इसे लेकर स्थानीय लोगों ने कई बार चिकित्सा अधिकारियों और जिला प्रशासन के अधिकारियों को सूचित भी किया. बावजूद इसके स्थिति में सुधार नहीं हुआ. प्रशासन की निष्क्रियता से आजिज आ आक्रोशित लोगों ने मंगलवार को शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ताला जड़ (urban primary health center Bikaner locked up) दिया. शहर भाजपा के जिला उपाध्यक्ष भगवान सिंह मेड़तिया के नेतृत्व में मोहल्लेवासियों ने मौजूद चिकित्सा स्टाफ को शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के परिसर से बाहर करते हुए सभी कमरों के और मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया. उच्च अधिकारियों तक तालाबंदी की सूचना पहुंचाई गई.

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भाजपा नेता ने प्रदेश सरकार पर किया वार: भाजपा नेता भगवान सिंह मेड़तिया का कहना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री दावा करते हैं लेकिन बीकानेर शहर में सबसे बड़ी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पर्याप्त चिकित्सा स्टाफ नहीं है और न ही दवाइयां. उन्होंने कहा कि यहां मौजूद चिकित्सक भी स्थाई नहीं है और बार-बार केवल जुगाड़ से काम चलाया जा रहा है. यहां न लैब टेक्नीशियन है न ही यहां कोई परमानेंट स्टाफ है. इस विरोध के अगुवा मेड़तिया ने कहा- अब जब तक यहां स्थाई स्टाफ नहीं लगाता है तब तक हम लोग इस ताले को नहीं खोलेंगे.

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अस्थाई रूप से लगाए गए चिकित्सा का डॉ संजय का कहना है कि हाल ही में सरकार ने डेपुटेशन खत्म कर दी है. जिसके बाद यहां से डॉक्टर को अन्यत्र लगाया गया है तो वहीं खुद डॉक्टर संजय ने भी स्वास्थ्य केंद्र में पूरा स्टाफ नहीं होने की बात स्वीकार की. फिलहाल मौके पर लोगों का आक्रोश जारी है और स्वास्थ्य केंद्र पर ताला लगाया हुआ है.

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