बीकानेर. पंचायत चुनाव के नतीजे कांग्रेस के पक्ष में आते नजर आ रहे हैं. वहीं जिला परिषद के चुनाव में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल के बेटे रवि शेखर चुनाव हार गए हैं. खाजूवाला से विधायक गोविंद मेघवाल की पत्नी और बेटी भी चुनाव मैदान में हैं. जिसके चलते गोविंद मेघवाल और अर्जुन राम मेघवाल के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गया था.
जिला परिषद के वार्ड 23 से गोविंद मेघवाल की पत्नी आशा देवी ने रवि शेखर को करीब 2500 वोटों से हरा दिया है. वहीं गोविंद मेघवाल की बेटी और खाजूवाला से निवर्तमान प्रधान सरिता चौहान भी वार्ड 24 से चुनाव जीत गई हैं. सरिता चौहान को कांग्रेस की ओर से जिला प्रमुख का प्रबल दावेदार माना जा रहा है.
गोविंद मेघवाल के बेटा-बेटी और पत्नी तीनों चुनाव जीते...
परिणाम आने के बाद सरिता चौहान ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि यह चुनाव परिणाम उनके पिता के 2 साल में किराए कार्यों का नतीजा है. दरअसल गोविंद मेघवाल ने पंचायत चुनावों में अपने परिवार जनों को टिकट दिए थे, जिसके बाद उन पर परिवारवाद के आरोप लगे, लेकिन चुनाव परिणाम में अपनी पत्नी-पुत्री के साथ ही पंचायत समिति सदस्य के तौर पर अपने बेटे को भी चुनाव जिताने में वे सफल रहे.
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परिवारवाद पर क्या बोली सरिता चौहान...
पिता पर परिवारवाद के आरोपों पर बेटी सरिता चौहान ने कहा कि चुनाव में परिवार के लोगों को टिकट देना हमारी मजबूरी थी, क्योंकि जनता इसकी मांग कर रही थी और अब चुनाव परिणाम से यह बात स्पष्ट हो गई है कि हमारा निर्णय गलत नहीं था.
अर्जुन राम मेघवाल पर साधा निशाना...
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से यह चुनाव केंद्रीय मंत्री और उनके विधायक पिता के बीच माना जा रहा था और अब जनता ने फैसला कर दिया है कि तीन बार से बीकानेर से सांसद और केंद्रीय मंत्री होने के बावजूद भी उन्होंने क्षेत्र के विकास में कोई योगदान नहीं दिया. अब जनता ने उसका जवाब दिया है.
जिला प्रमुख की दावेदारी पर क्या कहा...
जिला प्रमुख के तौर पर खुद की दावेदारी के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसका निर्णय पार्टी आलाकमान को करना है, लेकिन खुद को उन्होंने जिला प्रमुख का दावेदार भी बताया. जिला परिषद की 29 सीटों के पूरे रुझान अभी तक सामने नहीं आए हैं लेकिन कांग्रेस को बढ़त मिलती नजर आ रही है.
ऐसे में यह माना जा रहा है कि एक बार फिर कांग्रेस अपने पुराने रिकॉर्ड को कायम रखने में सफल हो पाएगी. दरअसल अब तक बीकानेर जिला परिषद में एक बार भी भाजपा का जिला प्रमुख नहीं बना है. ऐसे में कांग्रेस ने एक बार फिर इतिहास को दोहराने की तैयारी में है.