बीकानेर. केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि विपक्ष का मकसद केवल हंगामा खड़ा करना है और केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद जब नए मंत्रियों का परिचय कराया जा रहा था तो विपक्ष हंगामा करने के मकसद में था.
शनिवार को बीकानेर में बोलते हुए अर्जुन मेघवाल ने कहा कि जब सभी दलों की संयुक्त बैठक हुई तो उस समय संसद में लाए जाने वाले विषयों और उन पर होने वाली चर्चा को लेकर पूरी तरह से सौहार्दपूर्ण ढंग से चर्चा हुई और विपक्ष की ओर से उठाए गए मुद्दों पर चर्चा करने के लिए सत्ता पक्ष सहमत हो गया. लेकिन, विपक्ष किसी भी तरह से चर्चा नहीं करना चाहता था. पेगासस के मामले को लेकर भी उन्होंने कहा कि यह विशेष सूचना प्रधानमंत्री का है, लेकिन विपक्ष इस मुद्दे पर भी गृहमंत्री और प्रधानमंत्री को बुलाना चाहता था.
उन्होंने कहा कि विपक्ष की ओर से उठाए गए मुद्दों, कृषि कानून के बाद उत्पन्न स्थिति हो या फिर कोविड के बाद के हालातों को लेकर चर्चा सत्ता पक्ष भी हर मुद्दे पर चर्चा करना चाहता था. इसको लेकर राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू की मौजूदगी में चर्चा हुई थी.
वहीं, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथों से कागज फाड़ देने जैसी घटना भी विपक्ष के सदस्यों ने की. इसको लेकर टीएमसी के सांसद को निलंबित भी किया गया. विपक्ष बिना माफी मांगे ही टीएमसी के सदस्य को बहाल करवाना चाह रहा था, जो संसदीय परंपरा के खिलाफ है. ऐसे में यह साफ है कि विपक्ष किसी भी मुद्दे पर चर्चा करने की बजाय केवल लोकतंत्र की मर्यादाओं को तार-तार करने में जुटा हुआ था.