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बीकानेरः मंडी शुल्क में 2% बढ़ोतरी के विरोध में तीसरे दिन भी बंद रही मंडियां, 45 करोड़ का व्यापार प्रभावित - बीकानेर में मंडियां बंद

लॉकडाउन के चलते राज्य सरकार ने अपनी राजस्व आय बढ़ाने के लिए अब मंडी में आने वाली कृषि जिंसो की खरीद पर भी टैक्स लेना शुरू कर दिया है. जिसके चलते बीकानेर कृषि उपज मंडी में आज तीसरे दिन भी कारोबार ठप्प रहा. मंडी बंद होने के बाद लगभग 45 करोड़ का व्यापार प्रभावित हुआ है.

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मंडी शुल्क में 2% बढ़ोतरी के विरोध में तीसरे दिन भी बंद रही मंडियां
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Published : May 8, 2020, 5:00 PM IST

बीकानेर. लॉकडाउन के चलते राज्य सरकार ने राजस्व आय बढ़ाने के लिए कृषि जिंसों पर भी 2 प्रतिशत टैक्स लेना शुरू कर दिया है. जिसको लेकर मंडी व्यापारी लगातार अपना विरोध जता रहे हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को बीकानेर की कृषि उपज मंडी में तीसरे दिन भी कारोबार ठप रहा. मंडी के व्यापारियों ने जिले के मुख्य गेट को बंद कर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. जिसके चलते किसानों की फसल की बोली नहीं लग पाई.

कृषि उपज मंडी के अध्यक्ष जयकिशन अग्रवाल ने बताया कि, ये टैक्स व्यापारियों और कृषकों के हित में नहीं है. इससे असंतोष होगा साथ ही महंगाई को भी बढ़ावा मिलेगा. हमने इस आपदा के समय सरकार को अनाज और कोविड फंड मे मदद की, लेकिन सरकार ने हमारे हितों पर कुठाराघात किया है. सरकार के इस निर्णय से मंडी में आने वाला किसानों का माल अन्य राज्यों में बिकने चला जाएगा. क्योकि, किसी भी राज्य में कोई भी सरकार इस तरह का कोई शुल्क नहीं वसूल रही है. जिससे किसान के साथ साथ मंडी व्यापारियों को भी भारी नुकसान उठाना पडे़गा.

पढ़ेंः जोधपुर में Corona फैलना गहलोत सरकार की विफलता, शराब की दुकानें भी नहीं खुलनी चाहिए थी: गजेंद्र शेखावत

लगातार तीसरे दिन भी मंडी बंद होने की वजह से लगभग 45 करोड़ का व्यापार प्रभावित हुआ है. इस दौरान मंडी में काम करने वाले पलदार और मजदूर मंडी परिसर में सुस्ताते हुए दिखे. वहीं, सरकार के लगाए इस शुल्क के कारण मंडी क्षेत्र में लाई गई और क्रय या विक्रय की गई कृषि उपज पर मंडी समितियां कृषक कल्याण फीस की दर प्रति एक सौ रुपये पर दो रुपये लेंगी.

बीकानेर. लॉकडाउन के चलते राज्य सरकार ने राजस्व आय बढ़ाने के लिए कृषि जिंसों पर भी 2 प्रतिशत टैक्स लेना शुरू कर दिया है. जिसको लेकर मंडी व्यापारी लगातार अपना विरोध जता रहे हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को बीकानेर की कृषि उपज मंडी में तीसरे दिन भी कारोबार ठप रहा. मंडी के व्यापारियों ने जिले के मुख्य गेट को बंद कर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. जिसके चलते किसानों की फसल की बोली नहीं लग पाई.

कृषि उपज मंडी के अध्यक्ष जयकिशन अग्रवाल ने बताया कि, ये टैक्स व्यापारियों और कृषकों के हित में नहीं है. इससे असंतोष होगा साथ ही महंगाई को भी बढ़ावा मिलेगा. हमने इस आपदा के समय सरकार को अनाज और कोविड फंड मे मदद की, लेकिन सरकार ने हमारे हितों पर कुठाराघात किया है. सरकार के इस निर्णय से मंडी में आने वाला किसानों का माल अन्य राज्यों में बिकने चला जाएगा. क्योकि, किसी भी राज्य में कोई भी सरकार इस तरह का कोई शुल्क नहीं वसूल रही है. जिससे किसान के साथ साथ मंडी व्यापारियों को भी भारी नुकसान उठाना पडे़गा.

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लगातार तीसरे दिन भी मंडी बंद होने की वजह से लगभग 45 करोड़ का व्यापार प्रभावित हुआ है. इस दौरान मंडी में काम करने वाले पलदार और मजदूर मंडी परिसर में सुस्ताते हुए दिखे. वहीं, सरकार के लगाए इस शुल्क के कारण मंडी क्षेत्र में लाई गई और क्रय या विक्रय की गई कृषि उपज पर मंडी समितियां कृषक कल्याण फीस की दर प्रति एक सौ रुपये पर दो रुपये लेंगी.

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