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भीलवाड़ा, झुंझुनू के बाद अब श्रीगंगानगर भी लॉक डाउन, बाकी जिलों में भी अलर्ट जारी

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Published : Mar 21, 2020, 5:34 PM IST

बीकानेर संभाग के श्रीगंगानगर जिले में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए प्रशासन ने लॉक डाउन करवा दिया है. वहीं, धारा 144 के तहत 4 से अधिक व्यक्तियों के इकट्ठा होने पूरी तरह से पांबदी लगा दी गई हैं. बता दें कि इससे पहले भीलवाड़ा और झुंझुनू में भी पूरी तरह से बाजार बंद है. वहीं लोग भी सड़कों पर नहीं दिखाई दे रहे.

बीकानेर की खबर, bikaner news
बीकानेर संभाग के श्रीगंगानगर में लॉक डाउन

बीकानेर. देश में लगातार कोरोना वायरस के बढ़ते मामले देखने को मिल रहे है. इसके चलते अब स्थानीय स्तर पर भी प्रशासन पूरी अलर्ट मोड पर नजर आ रहा है. इस बाबत प्रदेश के कई शहरों के साथ बीकानेर संभाग के श्रीगंगानगर जिले में भी प्रशासन ने लॉक डाउन करवा दिया है. वहीं, प्रशासन की इस पहल पर व्यापारियों ने भी खुद आगे बढ़कर इसका सहयोग किया.

बीकानेर संभाग के श्रीगंगानगर में लॉक डाउन

इसके साथ ही लोगों में भी इसका खासा डर पैदा हो गया, जिसके चलते बाकी दिनों के मुकाबले इन दिनों लोगों की काफी कम आवाजाही होने लगी हैं, जिससे सड़कें भी सूनी हो गई हैं. इसके लिए आम नागरिक के साथ-साथ व्यापारी भी अपने स्तर पर पूर्णतया प्रयास करता नजर आ रहा है. वहीं, बीकानेर अनाज मंडी और बीकानेर सर्राफा समिति ने इसके चलते अगले आदेशों तक दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक ही कारोबार करने का फैसला लिया हैं.

पढ़ें- गिरदावरी के नाम पर पटवारी ले रही थी 100-100 रुपए, वीडियो वायरल होने के बाद कलेक्टर ने किया सस्पेंड

वहीं, बीकानेर की कोलायत उपखंड में बड़ी संख्या में काम करने वाले खनन श्रमिकों को राहत देते हुए माइंस ऑनर एसोसिएशन ने बैठक की और अगले आदेशों तक माइंस का काम पूरी तरह से बंद करने की घोषणा की गई है. दरअसल, खनन क्षेत्र में बड़ी संख्या में श्रमिक काम करते हैं. ऐसे में सामूहिक रूप से कोरोना से होने वाले लोगों पर संक्रमण के खतरे को देखते हुए माइंस ऑनर ने यह निर्णय किया है. वहीं, सरकार की ओर से लगातार किए जा रहे प्रचार-प्रसार के बीच आमजन की ओर से भी कोरोना को लेकर सावधानी बरती जा रही है.

इसके साथ ही सड़क पर गुजरने वाले अधिकांश लोग मुंह पर मास्क और कपड़ा लगाए नजर आ रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के आव्हान को लेकर भी लोगों में काफी जागरूकता देखने को मिली. इसके चलते शहर के होटल और रेस्टोरेंट भी पूरी तरह से खाली नजर आ रहे हैं. हालांकि, जिला पुलिस अधीक्षक प्रदीप मोहन शर्मा के निर्देशों के बाद शहर के सभी थाना अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में सार्वजनिक स्थलों पर नजर बनाए हुए हैं.

पढ़ें- बीकानेरः शिक्षा निदेशक ने किया नवाचार, शिक्षकों के लिए निकाला पुस्तक समीक्षा का आदेश

वहीं, कोरोना के चलते जांच में किसी प्रकार की देरी नहीं होने को लेकर बीकानेर जिला कलेक्टर कुमार पाल गौतम ने रात-दिन कोरोना सैंपल कलेक्शन सेंटर को काम करने के निर्देश दिए है, जहां पर कोई भी व्यक्ति कभी भी जाकर अपनी जांच करा सकता है. संक्रमण के खतरे को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने शहर में चाट के ठेलों को पूरी तरह से बंद करवा दिया है.

बीकानेर. देश में लगातार कोरोना वायरस के बढ़ते मामले देखने को मिल रहे है. इसके चलते अब स्थानीय स्तर पर भी प्रशासन पूरी अलर्ट मोड पर नजर आ रहा है. इस बाबत प्रदेश के कई शहरों के साथ बीकानेर संभाग के श्रीगंगानगर जिले में भी प्रशासन ने लॉक डाउन करवा दिया है. वहीं, प्रशासन की इस पहल पर व्यापारियों ने भी खुद आगे बढ़कर इसका सहयोग किया.

बीकानेर संभाग के श्रीगंगानगर में लॉक डाउन

इसके साथ ही लोगों में भी इसका खासा डर पैदा हो गया, जिसके चलते बाकी दिनों के मुकाबले इन दिनों लोगों की काफी कम आवाजाही होने लगी हैं, जिससे सड़कें भी सूनी हो गई हैं. इसके लिए आम नागरिक के साथ-साथ व्यापारी भी अपने स्तर पर पूर्णतया प्रयास करता नजर आ रहा है. वहीं, बीकानेर अनाज मंडी और बीकानेर सर्राफा समिति ने इसके चलते अगले आदेशों तक दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक ही कारोबार करने का फैसला लिया हैं.

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वहीं, बीकानेर की कोलायत उपखंड में बड़ी संख्या में काम करने वाले खनन श्रमिकों को राहत देते हुए माइंस ऑनर एसोसिएशन ने बैठक की और अगले आदेशों तक माइंस का काम पूरी तरह से बंद करने की घोषणा की गई है. दरअसल, खनन क्षेत्र में बड़ी संख्या में श्रमिक काम करते हैं. ऐसे में सामूहिक रूप से कोरोना से होने वाले लोगों पर संक्रमण के खतरे को देखते हुए माइंस ऑनर ने यह निर्णय किया है. वहीं, सरकार की ओर से लगातार किए जा रहे प्रचार-प्रसार के बीच आमजन की ओर से भी कोरोना को लेकर सावधानी बरती जा रही है.

इसके साथ ही सड़क पर गुजरने वाले अधिकांश लोग मुंह पर मास्क और कपड़ा लगाए नजर आ रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के आव्हान को लेकर भी लोगों में काफी जागरूकता देखने को मिली. इसके चलते शहर के होटल और रेस्टोरेंट भी पूरी तरह से खाली नजर आ रहे हैं. हालांकि, जिला पुलिस अधीक्षक प्रदीप मोहन शर्मा के निर्देशों के बाद शहर के सभी थाना अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में सार्वजनिक स्थलों पर नजर बनाए हुए हैं.

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वहीं, कोरोना के चलते जांच में किसी प्रकार की देरी नहीं होने को लेकर बीकानेर जिला कलेक्टर कुमार पाल गौतम ने रात-दिन कोरोना सैंपल कलेक्शन सेंटर को काम करने के निर्देश दिए है, जहां पर कोई भी व्यक्ति कभी भी जाकर अपनी जांच करा सकता है. संक्रमण के खतरे को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने शहर में चाट के ठेलों को पूरी तरह से बंद करवा दिया है.

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