बीकानेर. कोरोना के लगातार बढ़ रहे मामलों के चलते सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने जैसी जागरूकता के बीच सरकारी स्तर पर कोरोना को रोकने के लिए कई तरह के प्रयास किए गए. साथ ही शादी समारोह के साथ ही राजनीतिक आयोजनों पर भी भीड़ न होने और एक साथ कई लोगों के एकत्रित नहीं होने को लेकर भी नियम बनाए गए. लेकिन दिवाली के मौके पर बाजारों में दिख रही भीड़ सरकार के नियम कायदों के उल्लंघन के साथ ही कोरोना को लेकर भी एक अलार्म के रूप में सामने आ रही है.
दरअसल, कोरोना के चलते जहां बाजार पूरी तरह से मंदी के दौर में है. ऐसे में व्यापारियों को भी दिवाली से उम्मीद है. वहीं दिवाली के मौके पर नई खरीदारी का प्रचलन है. ऐसे में बाजार में भी लोगों की आवाजाही ज्यादा होती है, लेकिन कोरोना के इस काल में बाजार में लोगों की ज्यादा आवाजाही बढ़ती भीड़ का एक कारण है. बीकानेर के व्यस्ततम केएम रोड कोटगेट मार्ग पर दीपावली के मौके पर यातायात पुलिस द्वारा वाहनों के लिए नो एंट्री कर दी जाती है और छोटे दुकानदारों के साथ ही स्थाई दुकानदारों और खरीदारी करने के लिए आने वाले लोगों की सुगमता को लेकर की जाने वाली नो एंट्री की व्यवस्था इस साल भी लागू है.
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लेकिन इस बार कोरोना के चलते उम्मीद की जा रही थी कि बाजार में भीड़ का दबाव कम होगा. लेकिन जिस तरह से बाजार में भीड़ नजर आ रही है और जिस अनुपात में पिछले महीनों में बीकानेर में कोरोना का संक्रमण बढ़ा है. उसके बाद में कहीं न कहीं अंदर खाने में खुद जिला प्रशासन और चिकित्सा विभाग को भी इस बात की चिंता है कि त्योहारी सीजन निकलने के बाद में बीकानेर में कोरोना के बड़े विस्फोट का डर सता रहा है.