बीकानेर. शहर के महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय को नैक ने सी ग्रेड दी है. विश्वविद्यालय की स्थापना के 17 साल बाद पहली बार विश्वविद्यालय ने नैक ग्रेडिंग के लिए आवेदन किया था लेकिन, नैक की रैंकिंग जारी होने के बाद विश्वविद्यालय की उम्मीदों पर पानी फिर गया है.
बता दें कि महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय को गुरुवार को नैक ने सी ग्रेड की रैंकिंग दी है. अपनी स्थापना के 17 साल बाद विश्वविद्यालय ने नैक की ग्रेडिंग के लिए आवेदन किया था लेकिन, विश्वविद्यालय प्रशासन रैंकिंग को लेकर निरीक्षण की तैयारियों को पूरी तरह से अमलीजामा नहीं पहना पाया और यही कारण रहा कि निरीक्षण के दौरान मिली कमियों के आधार पर विश्वविद्यालय को सी ग्रेड रैंकिंग मिली है.
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दरअसल 22 से 24 मार्च तक नेशनल एसेसमेंट एंड एक्रीडिटेशन काउंसिल ने विश्वविद्यालय का निरीक्षण किया था और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की धारा 12 बी पंजीकरण के लिए नेट की बेहतरीन गेट को हासिल करने में विश्वविद्यालय जुटने का दावा कर रहा था लेकिन, पर्याप्त टीचिंग स्टाफ और स्थायी परीक्षा नियंत्रक नहीं होना विश्वविद्यालय के लिए नुकसानदेह रहा.
वहीं गुरुवार को नैक की ओर से जारी रैंकिंग में विश्वविद्यालय को सी ग्रेड की रैंकिंग मिलने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन की बैठक भी हुई. इस बैठक में कुलपति सहित विवि के अधिकारी मौजूद रहे और रैंकिंग उम्मीद के अनुरूप नहीं आने के कारणों पर चर्चा हुई.
उच्च शिक्षा मंत्री का गृह जिला फिर भी पिछड़ा
प्रदेश की उच्च शिक्षा का जिम्मा संभाल रहे मंत्री भंवर सिंह भाटी का गृह जिले बीकानेर के महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय को मिलने के बाद सवाल खड़े हो गए. हालांकि, खुद मंत्री भाटी ने विश्वविद्यालय के विकास को लेकर अपनी तरफ से बेहतरी के प्रयास किए. लेकिन, विश्वविद्यालय प्रशासन इसका एडवांटेज नहीं ले पाया और जिले के उच्च शिक्षा मंत्री होने के बावजूद भी विश्वविद्यालय की कुछ कमियों को दूर नहीं कर पाया और यही कारण रहा कि नैक की ग्रेडिंग में विवि फेल हो गया.