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लॉकडाउन के चलते दिहाड़ी मजदूरों की मदद के लिए उठे कई हाथ, प्रशासन को प्रदान की सहयोग राशि

कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन के बाद आम आदमी अपने घर पर खाने-पीने के सामान का स्टॉक करने की जद्दोजहद में है. जबकि उन परिवारों और लोगों के सामने बड़ा संकट आ गया है, जो दिहाड़ी करके अपने और अपने परिवार का पेट पालते हैं. ऐसे में बीकानेर में कई हाथ सहयोग के लिए भी आगे आए हैं.

दिहाड़ी मजदूरों की मदद, help the daily workers
दिहाड़ी मजदूरों की मदद
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Published : Mar 26, 2020, 11:25 AM IST

बीकानेर. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन के बाद उन लोगों के सामने बड़ा संकट हो गया है, जो हर रोज मजदूरी करके अपना और अपने परिवार का पेट पालते हैं. लॉकडाउन के बाद पूरी तरह से काम धंधा ठप हो गया है और इन लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट छा गया है. हालांकि सरकार के स्तर पर ऐसे लोगों को चिन्हित कर हर संभव स्तर पर राशन प्रदान करने की बात कही जा रही है.

दिहाड़ी मजदूरों की मदद के लिए आगे आए हाथ

इसको लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिला कलेक्टर को निर्देश भी दिए हैं कि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोए. सरकारी स्तर पर हुए इन प्रयासों के बाद भामाशाह और समाजसेवी संगठन भी आगे आए हैं. ये लोग जिला प्रशासन और सरकार का सहयोग करते हुए नजर आ रहे हैं. कोरोना को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से बनाए गए आपदा कोष में भी भामाशाह बढ़-चढ़कर योगदान दे रहे हैं.

बुधवार को बीकानेर में उर्जा मंत्री बीडी कल्ला की प्रेरणा से राजीव यूथ क्लब ने शहर के तीन हजार परिवारों के लिए, एक महीने के राशन की व्यवस्था की गई. जिला कलेक्टर कुमार पाल गौतम ने इस राशन वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

दिहाड़ी मजदूरों की मदद के लिए आगे आए हाथ

पढ़ें: Corona से जंग में CM गहलोत का संदेश, 'हर परिवार अपने अतिरिक्त दो लोगों के लिए खाना बनाए'

इस दौरान ईटीवी भारत से खास बातचीत में जिला कलेक्टर कुमारपाल गौतम ने कहा कि यह सुखद है कि बीकानेर में अब तक एक भी कोरोना वायरस केस सामने नहीं आया है. लेकिन बावजूद इसके पूरी तरह से सतर्कता बरती जा रही है और बीकानेर में 7000 बेड आइसोलेशन की व्यवस्था है. वहीं लॉकडाउन के बाद बरती जा रही लापरवाही को लेकर उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों पर कार्रवाई की गई है. वहीं सड़क पर घूमते हुए उनके वाहन को भी जप्त किया गया है. साथ ही ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं.

उन्होंने कहा कि बीकानेर में ऐसे 5000 परिवार चिन्हित किए गए हैं, जो जरूरतमंद हैं और उन्हें भोजन की जरूरत है. जिसको लेकर प्रशासनिक स्तर पर भामाशाहों के सहयोग से व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि इसको लेकर सर्वे किया जा रहा है ताकि कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोए.

वहीं राजीव क्लब के अध्यक्ष अनिल कल्ला ने कहा कि शुरुआती दौर में हमने 3000 परिवारों की व्यवस्था की है और आगे अगर प्रशासन और भी सूची उपलब्ध कराएगा, तो उन लोगों की भी व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने कहा कि बीकानेर में भामाशाह की कमी नहीं है और किसी भी विपदा से निपटने के लिए यहां के लोग खुले मन से सहयोग करने को तैयार रहते हैं.

गौरतलब है कि बुधवार को बीकानेर जिला कलेक्टर को बीकाजी ग्रुप के एमडी दीपक अग्रवाल ने 25 लाख रुपए का चेक सौंपा. इसके अलावा अन्य भामाशाहों ने भी जिला कलेक्टर को चेक सौंपे हैं.

बीकानेर. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते हुए लॉकडाउन के बाद उन लोगों के सामने बड़ा संकट हो गया है, जो हर रोज मजदूरी करके अपना और अपने परिवार का पेट पालते हैं. लॉकडाउन के बाद पूरी तरह से काम धंधा ठप हो गया है और इन लोगों के सामने रोजी-रोटी का संकट छा गया है. हालांकि सरकार के स्तर पर ऐसे लोगों को चिन्हित कर हर संभव स्तर पर राशन प्रदान करने की बात कही जा रही है.

दिहाड़ी मजदूरों की मदद के लिए आगे आए हाथ

इसको लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिला कलेक्टर को निर्देश भी दिए हैं कि प्रदेश में कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोए. सरकारी स्तर पर हुए इन प्रयासों के बाद भामाशाह और समाजसेवी संगठन भी आगे आए हैं. ये लोग जिला प्रशासन और सरकार का सहयोग करते हुए नजर आ रहे हैं. कोरोना को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से बनाए गए आपदा कोष में भी भामाशाह बढ़-चढ़कर योगदान दे रहे हैं.

बुधवार को बीकानेर में उर्जा मंत्री बीडी कल्ला की प्रेरणा से राजीव यूथ क्लब ने शहर के तीन हजार परिवारों के लिए, एक महीने के राशन की व्यवस्था की गई. जिला कलेक्टर कुमार पाल गौतम ने इस राशन वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

दिहाड़ी मजदूरों की मदद के लिए आगे आए हाथ

पढ़ें: Corona से जंग में CM गहलोत का संदेश, 'हर परिवार अपने अतिरिक्त दो लोगों के लिए खाना बनाए'

इस दौरान ईटीवी भारत से खास बातचीत में जिला कलेक्टर कुमारपाल गौतम ने कहा कि यह सुखद है कि बीकानेर में अब तक एक भी कोरोना वायरस केस सामने नहीं आया है. लेकिन बावजूद इसके पूरी तरह से सतर्कता बरती जा रही है और बीकानेर में 7000 बेड आइसोलेशन की व्यवस्था है. वहीं लॉकडाउन के बाद बरती जा रही लापरवाही को लेकर उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों पर कार्रवाई की गई है. वहीं सड़क पर घूमते हुए उनके वाहन को भी जप्त किया गया है. साथ ही ऐसे लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं.

उन्होंने कहा कि बीकानेर में ऐसे 5000 परिवार चिन्हित किए गए हैं, जो जरूरतमंद हैं और उन्हें भोजन की जरूरत है. जिसको लेकर प्रशासनिक स्तर पर भामाशाहों के सहयोग से व्यवस्था की गई है. उन्होंने कहा कि इसको लेकर सर्वे किया जा रहा है ताकि कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोए.

वहीं राजीव क्लब के अध्यक्ष अनिल कल्ला ने कहा कि शुरुआती दौर में हमने 3000 परिवारों की व्यवस्था की है और आगे अगर प्रशासन और भी सूची उपलब्ध कराएगा, तो उन लोगों की भी व्यवस्था की जाएगी. उन्होंने कहा कि बीकानेर में भामाशाह की कमी नहीं है और किसी भी विपदा से निपटने के लिए यहां के लोग खुले मन से सहयोग करने को तैयार रहते हैं.

गौरतलब है कि बुधवार को बीकानेर जिला कलेक्टर को बीकाजी ग्रुप के एमडी दीपक अग्रवाल ने 25 लाख रुपए का चेक सौंपा. इसके अलावा अन्य भामाशाहों ने भी जिला कलेक्टर को चेक सौंपे हैं.

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