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Corona Effect : मोहर्रम में नहीं दिख रही रौनक, गमगीन माहौल में किया जाएगा ताजिए को सुपुर्द-ए-खाक

प्रदेश में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, जिसका साफ असर सभी त्योहारों पर भी दिखाई दे रहा है. रविवार को मुस्लिम समाज के लोग मोहर्रम पर्व मना रहे हैं. लेकिन हर साल की तरह इस साल समाज के लोग ताजिया और जुलूस नहीं निकाल पाएंगे.

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कोरोना के कारण मुस्लिम समाज नहीं निकालेगा ताजिया और जुलूस
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Published : Aug 30, 2020, 5:31 PM IST

Updated : Aug 30, 2020, 5:51 PM IST

बीकानेर. रविवार यानी 30 अगस्त को पूरे देश में मोहर्रम का पर्व मनाया जा रहा है. हजरत मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद कर मुस्लिम समाज इस दिन मातम मनाता है और जुलूस निकाला जाता है. मोहर्रम से इस्लामी हिजरी सन् भी चालू होता है. बीकानेर के अनेक मुस्लिम इलाकों से हर साल मोहर्रम का ताजिया निकाला जाता है, लेकिन इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए मोहर्रम का ताजिया नहीं निकाला जाएगा.

मुस्लिम धर्म गुरु हाजी फरमान अली ने बताया कि हर साल मोहर्रम के मौके पर यहां बहुत भीड़ रहती थी, लेकिन कोरोना के चलते इस बार मोहर्रम पर कोई रौनक नहीं है. लोग ताजियों को देखने के लिए आस-पास के क्षेत्रों से बीकानेर आते थे. इस साल कोरोना महामारी को देखते हुए मोहर्रम नहीं निकालने का निर्णय जिला प्रशासन की ओर से लिया गया है.

पढ़ें- 'हल्ला बोल' कार्यक्रम के लिए बीकानेर पहुंचे भाजपा के संभाग प्रभारी माधोराम चौधरी, गहलोत सरकार पर साधा निशाना

हम स्थानीय प्रशासन की ओर से निर्धारित गाइडलाइन की पालना करते हुए ताजियों को चौक में ना रखकर अपने घरों में ही रख रहे हैं. यहां से मोहर्रम का ताजिया ढोल और ताशों के साथ बेहद गमगीन माहौल में निकाला जाता था, लेकिन इस बार मोहर्रम का ताजिया घरों में ही रखा गया है.

बीकानेर. रविवार यानी 30 अगस्त को पूरे देश में मोहर्रम का पर्व मनाया जा रहा है. हजरत मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद कर मुस्लिम समाज इस दिन मातम मनाता है और जुलूस निकाला जाता है. मोहर्रम से इस्लामी हिजरी सन् भी चालू होता है. बीकानेर के अनेक मुस्लिम इलाकों से हर साल मोहर्रम का ताजिया निकाला जाता है, लेकिन इस बार कोरोना महामारी को देखते हुए मोहर्रम का ताजिया नहीं निकाला जाएगा.

मुस्लिम धर्म गुरु हाजी फरमान अली ने बताया कि हर साल मोहर्रम के मौके पर यहां बहुत भीड़ रहती थी, लेकिन कोरोना के चलते इस बार मोहर्रम पर कोई रौनक नहीं है. लोग ताजियों को देखने के लिए आस-पास के क्षेत्रों से बीकानेर आते थे. इस साल कोरोना महामारी को देखते हुए मोहर्रम नहीं निकालने का निर्णय जिला प्रशासन की ओर से लिया गया है.

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हम स्थानीय प्रशासन की ओर से निर्धारित गाइडलाइन की पालना करते हुए ताजियों को चौक में ना रखकर अपने घरों में ही रख रहे हैं. यहां से मोहर्रम का ताजिया ढोल और ताशों के साथ बेहद गमगीन माहौल में निकाला जाता था, लेकिन इस बार मोहर्रम का ताजिया घरों में ही रखा गया है.

Last Updated : Aug 30, 2020, 5:51 PM IST
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