बीकानेर. पर्यावरण संरक्षण और भूमि संरक्षण को लेकर काम करने वाली United Nations Convention To Combat Desertification की तरफ से दिए जाने वाले अंतराष्ट्रीय पुरस्कार Land For Life Award के लिए बीकानेर के श्याम सुंदर ज्याणी (Shyam Sundar Jyani) का चयन हुआ है. श्याम सुंदर क्लाइमेट एक्टिविस्ट हैं और बीकानेर की राजकीय डूंगर कॉलेज में समाजशास्त्र के प्रोफेसर हैं.
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17 जून को विश्व मरुस्थलीकरण एवं सूखारोधी दिवस के मौके पर UNCCD ने दुनियाभर के 12 फाइनलिस्ट में से श्याम सुंदर ज्याणी के नाम का चयन किया. अंतराष्ट्रीय पुरस्कार Land For Life Award हर 2 साल में दिया जाता है. इस बार दुनियाभर से 12 लोगों में भारत के दो लोगों का चयन किया गया था. ईशा फाउंडेशन के सद्गुरु जग्गी वासुदेव का नाम भी फाइनलिस्ट की सूची में था.
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🏆The winner of the #Land4LifeAward 2021 is Familial Forestry @ProfShyamJyani
— UN Convention to Combat Desertification (@UNCCD) June 17, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
For 15 years, they have worked with hundreds of villages to plant trees in Rajasthan #India 🇮🇳
Their idea to make the tree a green family member is really taking root.💚
https://t.co/9lpNEoMtR7 pic.twitter.com/Vzyxx8wB6K
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— UN Convention to Combat Desertification (@UNCCD) June 17, 2021
For 15 years, they have worked with hundreds of villages to plant trees in Rajasthan #India 🇮🇳
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For 15 years, they have worked with hundreds of villages to plant trees in Rajasthan #India 🇮🇳
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इसके अलावा बाकी के 10 एक्टिविस्ट आस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, चिली, मोजांबिक, त्रिनिदाद टोबैगो, नाइजरिया और जिबाब्वे के थे. श्याम सुंदर ज्याणी को सितम्बर में चीन में आयोजित होने वाले समारोह में यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा. ज्याणी पिछले डेढ़ दशक से पर्यावरण संरक्षण के लिए अपने बौद्धिक विचार पारिवारिक वानिकी (Familial Forestry) को लेकर काम कर रहे हैं. ज्याणी अब तक करीब 25 लाख पौधे लगा चुके हैं. डूंगर कॉलेज में 3000 से ज्यादा पौधे अब पेड़ का रूप लेकर उनकी सफलता की कहानी को बयां कर रहे हैं.