बीकानेर. बीकानेर में क्षमता से अधिक स्कूली बच्चों को आने वाली बाल वाहिनी के खिलाफ संभागीय आयुक्त नीरज के. पवन के निर्देशों के बाद मंगलवार से चेकिंग अभियान शुरू किया गया (Bikaner illegal Bal Vahini Checking). दरअसल 10 दिन पहले नीरज के. पवन ने इस मामले में परिवहन विभाग और यातायात पुलिस के अधिकारियों संग बैठक की थी. बैठक में 1 अगस्त के बाद अभियान चलाने को लेकर निर्देश दिए थे.
मंगलवार को म्यूजियम सर्किल पर परिवहन विभाग और यातायात पुलिस ने संयुक्त रूप से अभियान चलाते हुए बाल वाहिनी की जांच की और 21 बाल वाहिनी में क्षमता से अधिक बच्चों के होने और नियमों की पालना नहीं करने के चलते जुर्माना लगाया और उनका चालान काटा. इस दौरान स्कूली बच्चों को थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा क्योंकि पुलिस ने चेकिंग अभियान के दौरान बाल वाहिनी को रोका था.
लगातार चलेगा अभियान: संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के. पवन ने बैठक में निर्देश दिए हैं कि बच्चों का स्कूलों तक सुरक्षित आवागमन स्कूल प्रबंधन, अभिभावकों और जिला प्रशासन की सामूहिक जिम्मेदारी है. बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी एजेंसियां समन्वय रखते हुए नियमों की अनुपालना करनी होगी. संभागीय आयुक्त ने स्कूल प्रबंधन को साफ निर्देश दिए हैं कि ये सुनिश्चित करें कि बसों पर अनिवार्य रूप से स्कूल बस, ऑन स्कूल ड्यूटी, बस, ड्राइवर का नाम पता, लाइसेंस नंबर लिखा हो साथ ही सभी बसों वैन और कैब के ड्राइवर्स कंडक्टर्स आवश्यक रूप से वर्दी में हों.
गाइडलाइन के मुताबिक बसों में निर्धारित सीमा से अधिक बच्चों का परिवहन किसी भी परिस्थिति में नहीं होगा (Bikaner illegal Bal Vahini Checking). उन्होंने कहा कि स्कूलों की जिम्मेदारी केवल स्कूल परिसर तक ही सीमित नहीं है (Bikaner illegal Bal Vahini Guidelines), बल्कि सुरक्षित वातावरण में सुविधाजनक तरीके से बच्चों को आवागमन हो यह भी सुनिश्चित किया जाए.
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ड्राइवर का मेडिकल चेकअप: जिला प्रशासन की ओर से स्कूलों में लगे सभी ड्राइवरों का मेडिकल चेकअप करवाने के लिए शिविर आयोजित किए जाएंगे. वाहनों पर अनिवार्य रूप से जीपीएस लगे होंगे जिसका नियंत्रण स्कूल के हाथों में होगा. संभागीय आयुक्त ने इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी को समस्त कार्यवाही सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए हैं.
ड्राइवरों का पुलिस सत्यापन: इसके साथ ही अभियान के तहत स्कूल प्रबंधन अपने यहां नियोजित ड्राइवरों की सूची पुलिस को उपलब्ध करवाएगा. जिसके आधार पर सभी ड्राइवरों का सत्यापन करवाया जाएगा. सभी स्कूल नियोजित बसों को अनुबंध पत्र अनिवार्य रूप से देंगे. उन्होंने कहा कि बसों पर स्पीड गवर्नर भी लगाए जाएं. जो नियमों की गंभीरता और सख्ती से अनुपालना करवाएंगे. निर्देश के मुताबिक स्कूलों में 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे गियर्ड वाहन से आते हुए पाए गए तो संबंधित विद्यालय की जवाबदेही तय होगी. स्कूलों से कहा गया है कि वो अभिभावकों के साथ मीटिंग कर इस बाबत जानकारी उपलब्ध कराएं और बच्चों को गियर्ड वाहनों से आने पर रोक लगाएं. इसके साथ ही साफ निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी स्कूल वाहन हाईवे पर खड़ा नहीं दिखेगा. अगर दिखेगा तो सख्त कार्रवाई स्कूल प्रबंधन के खिलाफ की जाएगी.