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स्वच्छ भारत अभियान की खुली पोल, कचरा मुक्त भीलवाड़ा के दावे फेल - भीलवाड़ा

कचरा मुक्त भीलवाड़ा शहर के दावे करने वाले नगर परिषद के दावे खोखले होते दिखाई दे रहे हैं. शहर में कई स्थानों पर लगाए गए कचरा पात्र दयनीय अवस्था में है तो कई स्थानों पर कचरापात्रों को समय पर खाली नहीं किया जा रहा है.

कचरे की बीच बेजुबान मवेशी
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Published : May 29, 2019, 8:04 PM IST

भीलवाड़ा. कचरा मुक्त भीलवाड़ा शहर के दावे करने वाले नगर परिषद के दावे फेल होते दिखाई दे रहे हैं. शहर में कई इलाकों पर करोड़ों रुपए खर्च कर कचरा पात्र तो बनाए गए, लेकिन वास्तविक स्थिति कुछ ओर ही है. कई जगहों पर कचरा पात्र टूटे हुए हैं तो कहीं कचरा पात्र के समय पर खाली नहीं होने के कारण कचरा बाहर बिखरा हुआ है. जिसे बेजुबान मवेशी खाकर अकाल मौत का शिकार बन रहे हैं. वहीं दूसरी ओर कचरे से निकलने वाली दुर्गंध शहर के नागरिकों के लिए समस्याओं का कारण बनी हुई है.

कचरा मुक्त भीलवाड़ा के दावे फेल

स्थानीय निवासी मुकेश का कहना है कि शहर में जहां देखो वहां कचरा ही कचरा नजर आता है. प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. जगह-जगह पर डस्टबिन तो लगाए गए है, लेकिन समय पर उनको खाली नहीं करने के कारण वहां का कचरा निकल रहा है. कचरे से निकली सड़ांध के कारण शहरवासियों के लिए सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है. कूड़ा कचरा के बाहर फैलने के करण बीमारियों ने भी क्षेत्र में पैर पसार लिए हैं.

नगर परिषद के कार्यवाहक आयुक्त सूर्य प्रकाश संचेती ने कहा कि भीलवाड़ा शहर को कचरा मुक्त करने के लिए नगर परिषद के पास जितने भी संसाधन है उन सब का इस्तेमाल कचरा निकालने का प्रयास किया जा रहा है. 55 वार्डों में अलग अलग ऑटो टिपर लगाए गए हैं, जो घर-घर में से कचरा एकत्रित करते हैं. हमारे पास लोडर डंपर है जो शहर के सभी सार्वजनिक कचरा पात्र से कचरा एकत्रित करते हैं. वहीं शहर के प्रत्येक नागरिक से अपील भी है कि कोई भी कचरा कूड़ा सड़क पर ना फैलाएं, कूड़े कचरे को कचरा पात्र में ही डालें या घर पर आए ऑटो टिपर में ही ड़ाले. शहर स्वच्छ हो इसके लिए जरुरी है कि लोग जागरूक हो और वह प्रशासन का पूर्ण सहयोग करे.

भीलवाड़ा. कचरा मुक्त भीलवाड़ा शहर के दावे करने वाले नगर परिषद के दावे फेल होते दिखाई दे रहे हैं. शहर में कई इलाकों पर करोड़ों रुपए खर्च कर कचरा पात्र तो बनाए गए, लेकिन वास्तविक स्थिति कुछ ओर ही है. कई जगहों पर कचरा पात्र टूटे हुए हैं तो कहीं कचरा पात्र के समय पर खाली नहीं होने के कारण कचरा बाहर बिखरा हुआ है. जिसे बेजुबान मवेशी खाकर अकाल मौत का शिकार बन रहे हैं. वहीं दूसरी ओर कचरे से निकलने वाली दुर्गंध शहर के नागरिकों के लिए समस्याओं का कारण बनी हुई है.

कचरा मुक्त भीलवाड़ा के दावे फेल

स्थानीय निवासी मुकेश का कहना है कि शहर में जहां देखो वहां कचरा ही कचरा नजर आता है. प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. जगह-जगह पर डस्टबिन तो लगाए गए है, लेकिन समय पर उनको खाली नहीं करने के कारण वहां का कचरा निकल रहा है. कचरे से निकली सड़ांध के कारण शहरवासियों के लिए सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है. कूड़ा कचरा के बाहर फैलने के करण बीमारियों ने भी क्षेत्र में पैर पसार लिए हैं.

नगर परिषद के कार्यवाहक आयुक्त सूर्य प्रकाश संचेती ने कहा कि भीलवाड़ा शहर को कचरा मुक्त करने के लिए नगर परिषद के पास जितने भी संसाधन है उन सब का इस्तेमाल कचरा निकालने का प्रयास किया जा रहा है. 55 वार्डों में अलग अलग ऑटो टिपर लगाए गए हैं, जो घर-घर में से कचरा एकत्रित करते हैं. हमारे पास लोडर डंपर है जो शहर के सभी सार्वजनिक कचरा पात्र से कचरा एकत्रित करते हैं. वहीं शहर के प्रत्येक नागरिक से अपील भी है कि कोई भी कचरा कूड़ा सड़क पर ना फैलाएं, कूड़े कचरे को कचरा पात्र में ही डालें या घर पर आए ऑटो टिपर में ही ड़ाले. शहर स्वच्छ हो इसके लिए जरुरी है कि लोग जागरूक हो और वह प्रशासन का पूर्ण सहयोग करे.

Intro:
स्वच्छ भारत अभियान की खुली पोल , कचरा मुक्त भीलवाड़ा के दावे फेल



भीलवाड़ा - कचरा मुक्त भीलवाड़ा शहर के दावे करने वाले नगर परिषद के दावे फेल होते दिखाई दे रहे हैं शहर में कई इलाकों पर करोड़ों रुपए खर्च कर कचरा पात्र तो बनाए गए परन्तु यहां स्थिति यह है कि कई कचरा पात्र टूटे हुए हैं तो कहीं कचरे पात्र कि समय पर खाकी नहीं होने के कारण कचरे पात्र का कचरा बाहर बिखरा हुआ है जिसे बेजुबान मवेशी खाकर अकाल मौत का कारण बन रहे हैं वहीं दूसरी ओर इनका चोरों से निकलने वाली दुर्गंध शहर नागरिकों के लिए काफी समस्याओं का कारण बन रही है ।




Body:

भीलवाड़ा शहर के आम नागरिक मुकेश खोज वालों ने कहा कि शहर में जहां देखो वहां कचरा ही कचरा नजर आते हैं प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है भीलवाड़ा शहर में जगह-जगह पर डस्टबिन तो बनाए गए परंतु समय पर उनको खाली नहीं करने के कारण वहां का कचरा निकल रहा है जिसमें पॉलीसिथीमिया भी शामिल है जिसे बेजुबान जानवर खा कर अकाल मृत्यु का कारण बने हुए हैं वहीं इन कूड़े से निकली सड़ांध के कारण शहरवासियों के लिए सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है दूसरी ओर देखा जाए तो कूड़ा कचरा के बाहर फैलने के करण बीमारियां भी काफी फैल रही है ।

भीलवाड़ा शहर में करोड़ों रुपए खर्च कर शहर के कई इलाकों में सार्वजनिक कचरा पात्र बनाए गए जैसे शास्त्री नगर आर के कॉलोनी , आर सी व्यास कॉलोनी और सेशन कोर्ट न्यायालय के पास कचरा पात्र बनाए गए पर वहां समय पर उनको खाली नहीं करने के कारण वहां का कचरा बाहर निकल मुसीबत बन रहा है
नगर परिषद के कार्यवाहक आयुक्त सूर्य प्रकाश संचेती ने कहा कि भीलवाड़ा शहर को कचरा मुक्त करने के लिए नगर परिषद के पास जितने भी संसाधन है और इन सब का इस्तेमाल कर इस केंद्र से कचरा निकालने का प्रयास कर रहे हैं वहीं हमने 55 ही वार्डों में अलग अलग ऑटो टिपर लगाए हैं जो घर-घर में से कचरा एकत्रित करते हैं हमारे पास आज लोडर डंपर है जो शहर के सभी सार्वजनिक कचरा पात्र से कचरा एकत्रित करते हैं वही हमारे भीलवाड़ा शहर के प्रत्येक नागरिक से अपील भी है कि कोई भी कचरा कूड़ा सड़क पर ना फैलाएं - कूड़े कचरे को कचरा पात्र में ही डालें या घर पर आए और टोटल में डालें जब तक शहर के लोग जागरूक नहीं हो पाएंगे तब तक हम भी कुछ खास कार्य नहीं कर पाएंगे ।


Conclusion:अब देखना यह है कि भीलवाड़ा नगर परिषद भीलवाड़ा शहर को कचरा मुक्त भीलवाड़ा बना पाती है और शहर के नागरिकों को जागरूक करने के लिए कोई ठोस कदम उठा पाती है ?


ईटीवी भारत के लिए भीलवाड़ा से रवि पायक की रिपोर्ट


बाइट - मुकेश , आम नागरिक

सूर्य प्रकाश ,कार्यवाहक आयुक्त नगर परिषद
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