भीलवाड़ा. देश में कोरोना के लेकर सबसे पहले हॉटस्पॉट बने भीलवाड़ा जिले में वर्तमान में भी कोरोना संक्रमितो की संख्या बढ़ रही है. जहां शुक्रवार को भीलवाड़ा में 767 कोरोना सक्रमित मरीज मिले. इन कोरोना सक्रमितो को पर्याप्त मात्रा में चिकित्सकीय उपचार मिले, जिसके लिए जिला प्रशासन लगातार प्रयासरत है. जिले में ऑक्सीजन की कमी नहीं है और ऑक्सीजन के 960 बेड स्थापित किए गए हैं. साथ ही रेमडेसिविर इंजेक्शन की भी पर्याप्त उपलब्धता है.
जिला कलेक्टर शिवप्रसाद एम नकाते ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन सभी को आवश्यक नहीं है, यह लगातार एमसीआई भी बता रहा है, वहीं सभी डॉक्टर भी बताते हैं, जो पेशेंट कोरोना संक्रमित हुए 10 दिन नहीं हुए हो, जिसका स्कोर 10 से 12 तक है. ऐसे लोगों को इंजेक्शन लगाना या ना लगाना डॉक्टर तय करते हैं. हमने तमाम प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों को भी यह सलाह दी है कि आप सभी कोरोना सक्रमितों को रेमडिसिविर इंजेक्शन की सलाह नहीं दे. जिस कोरोना संक्रमित को आप आवश्यक समझे कि इस संक्रमित के रेमडेसिविर इंजेक्शन लगना चाहिए, उसी को सलाह दें.
यहां जिले के महात्मा गांधी अस्पताल में तीन डाक्टरों की कमेटी बनाई है, जो कोरोना संक्रमित मरीज के ऑक्सीजन लेवल, बीमारी का समय और सीटी स्कोर चेक करने के बाद ही तय करते हैं कि कोरोना संक्रमित मरीज के रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाना है या नहीं. यह कमेटी तय करने के बाद ही अगर जरूरत है, तो रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाया जाता है, अगर जिस कोरोना संक्रमित मरीज को रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत नहीं है और वह लगा लेता है, तो उसमें शुगर, डायबिटीज की प्रॉब्लम हो सकती है. डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही इंजेक्शन लगाए. मैं सभी लोगों से अपील करता हूं कि कोरोना संक्रमण की चेन को खत्म करने के लिए सरकार की ओर से जो कदम उठाए जा रहे हैं, उनकी अक्षरत पालना करें, जिससे भीलवाड़ा जिले में कोरोना संक्रमण की चेन खत्म हो सके.