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रियलिटी चेक: भीलवाड़ा में बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से कितनी सुरक्षित है स्कूल बसें..देखिए रिपोर्ट

आए दिन स्कूल बस दुर्घटनाग्रस्त होते की खबरें सामने आती है. लेकिन इन हादसों के बावजूद भी स्कूल प्रशासन और बस ऑपरेटर्स लगातार नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने रियलिटी चेक से जाना की प्रदेश की निजी स्कूल बसों के क्या हालात है. भीलवाड़ा में सुरक्षा की दृष्टि से बसों में क्या इंतजाम किए गए है. किस तरह से स्कूल बसों की गाइडलाइन को फोलो किया जा रहा है. जिसके लिए ट्रैफिक पुलिस के साथ मिलकर ईटीवी भारत की टीम ने स्कूल बसों का जायजा लिया और मौके पर ही पुलिस ने ऐसे लापरवाही बस चालकों पर सख्ती बरती.

school bus Reality check, स्कूल बसों का रियलिटी चेक
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Published : Aug 26, 2019, 10:44 PM IST

भीलवाड़ा. आपके बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर जिले की सभी निजी स्कूलों की बसों की हालात ईटीवी भारत ने देखा. जब बसों की स्थिति का जायजा लिया तो बसों की स्थिति को देखकर हर कोई अचरज में पड़ गए. जहां इन मासूम बच्चों को घर से स्कूल तक पहुंचाने के लिए बच्चों के माता-पिता स्कूल बस के चालक और परिचालक पर पूरा भरोसा करके भेजते हैं. लेकिन खुद चालक परिचालक लापरवाही पूर्वक वाहन चलाते हुए इन बच्चों की जान जोखिम में डालकर इनको स्कूल में पहुंचा रहे हैं.

पढ़ें- ऐसे पढ़ेगा तो कैसे बढ़ेगा इंडिया: जालोर के इस सरकारी स्कूल में 253 बच्चों पर सिर्फ 3 शिक्षक

रियलिटी चेक में खामियां आई सामने
इस दौरान ईटीवी भारत की टीम ने शहर की स्कूल बसों की स्थिति एक जैसी पाई. जहां सिर्फ दिखाने के लिए बसों पर स्कूल का नाम, पुलिस के मोबाइल नंबर जरूर लिखे हुए हैं. लेकिन ना बच्चे को बैठने के लिए स्कूल बस में जगह मिलती है और ना चालक, परिचालक का कोई ड्रेस कोड है, ना उनके पास लाइसेंस है और ना ही बस में फर्स्ट ऐड बॉक्स रखा है.

बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से कितनी सुरक्षित है भीलवाड़ा में स्कूल बसें...देखिए स्पेशल रिपोर्ट

हरकत में आई भीलवाड़ा यातायात पुलिस
रियलिटी चेक के बाद भीलवाड़ा यातायात पुलिस हरकत में आ गई और शहर के की निजी बसों को चेक किया और जहां भी कमी नजर आई उन बसों को चालान बनाए गए. वही ईटीवी भारत की पहल के बाद भीलवाड़ा शहर के यातायात प्रभारी रामकिशन गोदारा ने निजी स्कूल की बसों में चेक करते हुए बस में चालक और परिचालक को हिदायत दी . तो बच्चों को भी सुरक्षा के संबंधित जानकारी देते हुए कहा कि अगर चालक लापरवाही से वाहन चलाता है तो स्कूल बस में लिखें नंबर पर आप हमें सूचना दें. साथ ही चालक से लाइसेंस व ड्रेस कोड नहीं होने पर बस को जब्त कर चालान बनाया गया.

यातायात प्रभारी ने दिखाई स्कूल बसों पर सख्ती
वहीं भीलवाड़ा शहर के यातायात प्रभारी रामकिशन गोदारा ने ईटीवी भारत को बताया सभी निजी स्कूलों की बसों को प्रॉपर गाइडलाइन के अनुसार चेक किया जाता है और शहर में प्रत्येक नाकों पर हमारे यातायात कर्मी भी इन बसों को समय-समय पर चेक करते हैं. जो नियमों की पालना नहीं करते हैं उनका चालान बनाया जाता है. साथ ही ईटीवी भारत की पहल पर हमने आज समस्त बसों को रुकवाते हुए छात्रों को समझाया और चालक परिचालक को ड्रेस कोड, फर्स्ट एड बॉक्स और लाइसेंस की जानकारी दी. जिनके पास उपलब्ध नहीं थे उनके चालान बनाए गए.

क्या है स्कूल बसों की गाइडलाइन..जानिए

  • बस का रंग पीला होना चाहिये, बस के आगे और पीछे स्कूल बस लिखा होना चाहिये.
  • खिड़की की खिड़कियों पर ग्रिल और शीशा भी होना चाहिए, आग बुझाने का इंतजाम बस में होना जरूरी है.
  • बस में फर्स्ट एड बॉक्स का होना चाहिए, स्कूल बस पर स्कूल का नाम, पता और उसका फोन नंबर भी लिखा होना चाहिए.
  • बच्चों को चढ़ाने उतारने के लिये स्कूल का एक सहायक या सहायिका भी होना जरूरी है.
  • बस के दरवाजे ठीक से बंद होते हैं और चलती बस के गेट लॉक होने चाहिए
  • बस में स्पीड गवर्नर लगा होना चाहिये और उसकी स्पीड 40 किलोमीटर प्रतिघंटा से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: 10 साल की उम्र में दो किताबें लिख चुकी नन्ही राइटर...मिलिए जयपुर की रिशिका कासलीवाल से

बता दें कि यदि कोई स्कूल इन नियमों की अनदेखी कर रहा हो तो अभिभावक इस संबंध में स्कूल प्रशासन से बात कर सकते हैं और यदि उसके बाद भी कार्रवाई न हो तो इसकी शिकायत प्रशासन से भी की जा सकती है.

भीलवाड़ा. आपके बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर जिले की सभी निजी स्कूलों की बसों की हालात ईटीवी भारत ने देखा. जब बसों की स्थिति का जायजा लिया तो बसों की स्थिति को देखकर हर कोई अचरज में पड़ गए. जहां इन मासूम बच्चों को घर से स्कूल तक पहुंचाने के लिए बच्चों के माता-पिता स्कूल बस के चालक और परिचालक पर पूरा भरोसा करके भेजते हैं. लेकिन खुद चालक परिचालक लापरवाही पूर्वक वाहन चलाते हुए इन बच्चों की जान जोखिम में डालकर इनको स्कूल में पहुंचा रहे हैं.

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रियलिटी चेक में खामियां आई सामने
इस दौरान ईटीवी भारत की टीम ने शहर की स्कूल बसों की स्थिति एक जैसी पाई. जहां सिर्फ दिखाने के लिए बसों पर स्कूल का नाम, पुलिस के मोबाइल नंबर जरूर लिखे हुए हैं. लेकिन ना बच्चे को बैठने के लिए स्कूल बस में जगह मिलती है और ना चालक, परिचालक का कोई ड्रेस कोड है, ना उनके पास लाइसेंस है और ना ही बस में फर्स्ट ऐड बॉक्स रखा है.

बच्चों की सुरक्षा के लिहाज से कितनी सुरक्षित है भीलवाड़ा में स्कूल बसें...देखिए स्पेशल रिपोर्ट

हरकत में आई भीलवाड़ा यातायात पुलिस
रियलिटी चेक के बाद भीलवाड़ा यातायात पुलिस हरकत में आ गई और शहर के की निजी बसों को चेक किया और जहां भी कमी नजर आई उन बसों को चालान बनाए गए. वही ईटीवी भारत की पहल के बाद भीलवाड़ा शहर के यातायात प्रभारी रामकिशन गोदारा ने निजी स्कूल की बसों में चेक करते हुए बस में चालक और परिचालक को हिदायत दी . तो बच्चों को भी सुरक्षा के संबंधित जानकारी देते हुए कहा कि अगर चालक लापरवाही से वाहन चलाता है तो स्कूल बस में लिखें नंबर पर आप हमें सूचना दें. साथ ही चालक से लाइसेंस व ड्रेस कोड नहीं होने पर बस को जब्त कर चालान बनाया गया.

यातायात प्रभारी ने दिखाई स्कूल बसों पर सख्ती
वहीं भीलवाड़ा शहर के यातायात प्रभारी रामकिशन गोदारा ने ईटीवी भारत को बताया सभी निजी स्कूलों की बसों को प्रॉपर गाइडलाइन के अनुसार चेक किया जाता है और शहर में प्रत्येक नाकों पर हमारे यातायात कर्मी भी इन बसों को समय-समय पर चेक करते हैं. जो नियमों की पालना नहीं करते हैं उनका चालान बनाया जाता है. साथ ही ईटीवी भारत की पहल पर हमने आज समस्त बसों को रुकवाते हुए छात्रों को समझाया और चालक परिचालक को ड्रेस कोड, फर्स्ट एड बॉक्स और लाइसेंस की जानकारी दी. जिनके पास उपलब्ध नहीं थे उनके चालान बनाए गए.

क्या है स्कूल बसों की गाइडलाइन..जानिए

  • बस का रंग पीला होना चाहिये, बस के आगे और पीछे स्कूल बस लिखा होना चाहिये.
  • खिड़की की खिड़कियों पर ग्रिल और शीशा भी होना चाहिए, आग बुझाने का इंतजाम बस में होना जरूरी है.
  • बस में फर्स्ट एड बॉक्स का होना चाहिए, स्कूल बस पर स्कूल का नाम, पता और उसका फोन नंबर भी लिखा होना चाहिए.
  • बच्चों को चढ़ाने उतारने के लिये स्कूल का एक सहायक या सहायिका भी होना जरूरी है.
  • बस के दरवाजे ठीक से बंद होते हैं और चलती बस के गेट लॉक होने चाहिए
  • बस में स्पीड गवर्नर लगा होना चाहिये और उसकी स्पीड 40 किलोमीटर प्रतिघंटा से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: 10 साल की उम्र में दो किताबें लिख चुकी नन्ही राइटर...मिलिए जयपुर की रिशिका कासलीवाल से

बता दें कि यदि कोई स्कूल इन नियमों की अनदेखी कर रहा हो तो अभिभावक इस संबंध में स्कूल प्रशासन से बात कर सकते हैं और यदि उसके बाद भी कार्रवाई न हो तो इसकी शिकायत प्रशासन से भी की जा सकती है.

Intro:भीलवाड़ा - भीलवाड़ा जिले की समस्त निजी स्कूलों की स्कूल बसें की शहर में समय-समय पर यातायात पुलिस व परिवहन विभाग द्वारा समय-समय पर चेकिंग नहीं करने के कारण छात्रों के भविष्य से कभी खिलवाड़ हो सकता है । जहां शहर में सरपट दौड़ती यह बसें जहा इन बसो के चालक और परिचालक ना ड्रेस कोड है ना सीट बेल्ट


Body:भीलवाड़ा जिले की समस्त निजी विद्यालयों की बसों को लेकर ईटीवी भारत ने जब बसों की स्थिति का जायजा लिया तो बसों की स्थिति को देखकर हर कोई अचरज में पड़ गए। जहां इन मासूम बच्चों को घर से स्कूल तक पहुंचाने के लिए बच्चों के माता-पिता स्कूल बस के चालक और परिचालक पर पूरा भरोसा करके भेजते हैं। लेकिन खुद चालक परिचालक लापरवाही पूर्वक वाहन चलाते हुए इन बच्चों की जान जोखिम में डालकर इनको स्कूल में पहुंचा रहे हैं। जहां स्कूल बस के चालक ,परिचालक न तो ड्रेस कोड है ना स्कूल बस में कोई फर्स्ट एड बॉक्स स्थापित है।

ईटीवी भारत ने शहर की समस्त निजि स्कूल बसों की स्थिति का जायजा लिया तो सभी स्कूल बसों की स्थिति एक जैसी पाई गई। सिर्फ दिखाने के लिए बसों पर स्कूल का नाम ,पुलिस के मोबाइल नंबर जरूर लिखे हुए हैं लेकिन ना बच्चे को बैठने के लिए स्कूल बस में जगह मिलती है न चालक ,परिचालक का कोई ड्रेस कोड है ,ना उनके पास लाइसेंस है और ना ही बस मे फर्स्ट ऐड बॉक्स स्थित है।

ईटीवी भारत की टीम द्वारा निजि स्कुल बसो का जायजा लेने के बाद भीलवाड़ा यातायात पुलिस हरकत में आ गई और शहर के की समस्त निजी बसों को चेक किया और जहां भी कमी नजर आई उन बसों को चालान बनाए गए । इस मौके पर स्कूल बस में सवार छात्र लक्ष्यराज सिंह चुंडावत और मोहित गुप्ता ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि हमारे को सुभाष नगर से संगम स्कूल तक छोड़ने के वार्षिक 14 हजार रूपये किराया वसूला जाता है। अब हम पीछे बैठते हैं अभी तक तो हमारे को कोई शिकायत नहीं मिली है । कभी परिचालक बस में मौजूद नहीं रहता है जिससे हमारे को समस्या आती है।

वही ईटीवी भारत की पहल के बाद भीलवाड़ा शहर के यातायात प्रभारी रामकिशन गोदारा ने निजी स्कूल की बसों में चेक करते हुए बस में चालक और परिचालक को इंटरेक्शन दिए । जहा बच्चों को भी सुरक्षा के संबंधित जानकारी देते हुए कहा कि अगर चालक लापरवाहीता पूर्वक वाहन चलाता है तो स्कूल बस में लिखें नंबर पर आप हमारे को सूचना दे सकते हो । साथ ही चालक से लाइसेंस व ड्रेस कोड नहीं पहना होने पर बस को जप्त कर चालान बनाया गया ।

वहीं यातायात पुलिसकर्मी विष्णु कुमार ने कहा कि ईटीवी भारत की पहल पर ही आज निजी बसों को चेक किया जा रहा है। साथ ही जिन बसों में कागज पूरे नहीं है उनको जब्ती की कार्रवाई की जा रही है । साथ ही चालक और परिचालक को निर्देश देते हुए छात्रों को सुरक्षा के नियम बताए जा रहे हैं ।

वहीं भीलवाड़ा शहर के यातायात प्रभारी रामकिशन गोदारा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि पुलिस मुख्यालय के समय -समय पर आदेश निकलते हैं। पूर्व में यातायात सलाहकार समिति की बैठक जिला कलेक्टर राजेंद्र भट्ट की अध्यक्षता में आयोजित हुई। हम सतत बस चैक का अभियान चलाते हैं । जहां सभी निजि स्कूलों की बसों को प्रॉपर गाइडलाइन के अनुसार चेक किया जाता है और शहर में प्रत्येक नाकों पर हमारे यातायात कर्मी भी इन बसों को समय-समय पर चेक करते हैं । जो नियमों की पालना नहीं करते हैं उनका चालान बनाया जाता है। साथ ही ईटीवी भारत की पहल पर हमने आज समस्त बसों को रुकवाते हुए छात्रों को समझाया और चालक परिचालक को ड्रेस कोड, फर्स्ट एड बॉक्स और लाइसेंस की जानकारी दी। जिनके पास उपलब्ध नहीं थे उनके चालान बनाए गए ।

अब देखना यह होगा यातायात पुलिस की कार्रवाई के बाद और ईटीवी भारत की पहल के बाद हमेशा निजी स्कूल की बसें सही तरीके से चलाते हुए बालकों को गंतव्य स्थान पर पहुंचाते हैं या नहीं ।

सोमदत्त त्रिपाठी ईटीवी भारत भीलवाड़ा

बाईट- लक्षराज सिह ,छात्र
मोहित,छात्र

विष्णु कुमार , बस चैक करते यातायात पुलिसकर्मी

रामकिशन गोदारा, यातायात प्रभारी , भीलवाड़ा शहर

यातायात प्रभारी बस को चैक करते हुऐ व चालक,परिचालक व बस मे सवार छात्रो को निर्देश देते हुऐ


Conclusion:
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