भीलवाड़ा. जिले में रबी की फसल के रूप में इस बार चना व सरसों की काफी मात्रा में उपज हुई थी. लेकिन इस बार सरसों की बिक्री समर्थन मूल्य के बजाय बाजार में ज्यादा (No takers of MSP on mustard in Bhilwara) हुई. बाजार में सरसों का भाव अधिक होने के कारण किसानों का रुझान समर्थन मूल्य पर नहीं बेचने के बजाय बाजार में बेचने पर रहा. जिले में अब तक समर्थन मूल्य पर एक भी किलोग्राम सरसों की खरीद नहीं हो सकी.
भीलवाड़ा सहकारी समिति के रजिस्ट्रार अरविंद ओझा ने कहा कि जिले में 13 क्रय-विक्रय सहकारी समिति सेंटर व 13 सब सेंटर पर समर्थन मूल्य पर खरीद जारी है. अब तक 7325 किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाया जिसमें से सिर्फ 15 किसान ने सरसों व 7310 किसानों ने चने तुलाई के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था. इनमें से 6899 किसानों को चने की खरीद के लिए आवंटन किया व 15 किसानों को टोकन सरसों की खरीद के लिए टोकन आवंटन किए थे. जिसमें से सरसों की खरीद के टोकन आवंटन करने वाला कोई भी किसान तुलाइ के लिए नहीं आया है. क्योंकि समर्थन मूल्य पर सरसों का भाव 5050 रुपए प्रति क्विंटल है जबकि मार्केट में 6000 रुपए से ज्यादा बिक रही है.
ऐसे में किसानों का सरसों की उपज बेचने के प्रति मोह मार्केट में ज्यादा रहा. वहीं चने की उपज के लिए 6899 किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवाया था. उनमें से 5175 किसानों को टोकन आवंटित कर दिया और किसानों ने अपनी उपज समर्थन मूल्य खरीद केंद्र पर तोल दी. अब तक जिले में 1 लाख 3 हजार 346 क्विंटल चने की खरीद हो चुकी है. किसान जब खरीद केंद्र पर अपनी फसल की उपज तोल देता है, उसके 4 दिन के अन्तराल में भुगतान ऑनलाइन कर दिया जाता है.