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NCC camp in Bhilwara: एनसीसी छात्रों को जंगल में कैंप लगाकर आर्मी की तरह दी जा रही है ट्रेनिंग, केडेट्स ने दिखाया जज्बा

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Published : Jul 19, 2022, 7:58 PM IST

Updated : Jul 19, 2022, 11:17 PM IST

भीलवाड़ा के एसटेक कॉलेज के पास स्थित जंगल में प्रदेश के 600 बच्चों को एनसीसी की ट्रेनिंग दी जा रही (Training of NCC cadets) है. इस 10 दिवसीय अवासीय ट्रेनिंग में बच्चों को फायरिंग सहित डिजास्टर मैनेजमेंट, क्राउड कंट्रोल व अन्य ट्रेनिंग दी जा रही है. इस मौके पर ट्रेनर लेफ्टिनेंट कर्नल ताजेंद्र शर्मा ने बच्चों के उत्साह को सराहा. वहीं बच्चों ने भी खूब जज्बा दिखाया.

NCC camp in Bhilwara, 600 students took part in it
एनसीसी छात्रों को जंगल में कैंप लगाकर आर्मी की तरह दी जा रही है ट्रेनिंग, केडेट्स ने दिखाया जज्बा

भीलवाड़ा. शहर के एसटेक कॉलेज के पास जंगल में एनसीसी का 10 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है. एनसीसी छात्रों को लेफ्टिनेंट कर्नल ताजेंद्र शर्मा ट्रेनिंग दे रहे हैं. शिविर में प्रदेश के 600 बच्चे भाग ले रहे (600 students took part in NCC camp) हैं. केडेट्स को फायरिंग रेंज में फायर का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

लेफ्टिनेंट कर्नल ताजेंद्र शर्मा ने बताया कि इन एनसीसी छात्रों को ट्रेनिंग देने का हमारा मुख्य उद्देश्य है कि भारत की भावी पीढ़ी में अच्छे संस्कार आएं और वह अच्छे नागरिक बन कर देश की सेवा कर सकें. यहां तैयार हुए बच्चे भविष्य में आर्मी में भी जा सकते हैं. इनको जिस तरह आर्मी में ट्रेनिंग दी जा रही है, उसी तरह इन जंगलों में आवासीय प्रशिक्षण शिविर लगाकर ट्रेनिंग दी जा रही है. लेफ्टिनेंट कर्नल ने कहा कि अग्निवीर बहुत अच्छी स्कीम (Agniveer scheme response) है. वर्तमान में देश में जिस तरह अग्निवीर भर्ती के लिए एप्लीकेशन आ रही है. इससे लग रहा है कि युवाओं में काफी उत्साह है. जब यह बच्चे वहां जाएंगे तो इनको काफी सीखने को मिलेगा. यहां भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद व अजमेर जिले के 600 बच्चे भाग ले रहे हैं.

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पढ़ें: एनसीसी के अतिरिक्त महानिदेशक ने राजस्थान NCC के कामों को सराहा, कैडेट्स का मनोबल भी बढ़ाया

उन्होंने बताया कि यहां बच्चों को फायर फाइटर की ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके साथ ही डिजास्टर मैनेजमेंट, क्राउड कंट्रोल व ट्रैफिक नियमों की भी ट्रेनिंग दे रहे हैं. जिससे देश में आने वाली किसी भी परिस्थिति में यह काम कर सकें. जो बच्चे यहां इस ट्रेनिंग में भाग ले रहे हैं, इन्होंने ही कोरोना के समय आपदा को अवसर में बदलने का काम किया. जिसकी बदौलत ही भीलवाड़ा देश में कोरोना संक्रमण की चैन रोकने में मॉडल बना. एनसीसी के छात्र हिमांशु मारू ने कहा कि यहां ट्रेनिंग में आने का हमारा उद्देश्य है कि हमारा शारीरिक व मानसिक विकास होगा.

पढ़ें: एनसीसी निदेशालय राजस्थान ने ऑल इंडिया स्तर पर प्राप्त की छठवीं रैंक, पूजा राठौड़ बनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पायलट

हिमांशु ने कहा हमें यहां सभी प्रकार की ट्रेनिंग दी जा रही है. 'मैं अभी जिस तरह सरहद पर जवान देश की सेवा के लिए मुस्तैद रहते हैं, उसी प्रकार मैं यहां फायर रेंज में मोर्चा संभाल रहा हूं. भविष्य में आर्मी मैं अफसर बनकर या अग्निवीर बनकर जब देश की सरहद पर तैनात रहूंगा. उस समय इस बंदूक के सामने मुझे सिर्फ देश के दुश्मन ही नजर आएंगे'. हिमांशु ने कहा कि अग्निपथ के तहत अग्निवीर की भर्ती हो रही है. मेरा लक्ष्य आर्मी में अफसर बनने का है. अगर अफसर नहीं बनता हूं तो अग्निवीर बनकर देश की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहूंगा.

भीलवाड़ा. शहर के एसटेक कॉलेज के पास जंगल में एनसीसी का 10 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है. एनसीसी छात्रों को लेफ्टिनेंट कर्नल ताजेंद्र शर्मा ट्रेनिंग दे रहे हैं. शिविर में प्रदेश के 600 बच्चे भाग ले रहे (600 students took part in NCC camp) हैं. केडेट्स को फायरिंग रेंज में फायर का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

लेफ्टिनेंट कर्नल ताजेंद्र शर्मा ने बताया कि इन एनसीसी छात्रों को ट्रेनिंग देने का हमारा मुख्य उद्देश्य है कि भारत की भावी पीढ़ी में अच्छे संस्कार आएं और वह अच्छे नागरिक बन कर देश की सेवा कर सकें. यहां तैयार हुए बच्चे भविष्य में आर्मी में भी जा सकते हैं. इनको जिस तरह आर्मी में ट्रेनिंग दी जा रही है, उसी तरह इन जंगलों में आवासीय प्रशिक्षण शिविर लगाकर ट्रेनिंग दी जा रही है. लेफ्टिनेंट कर्नल ने कहा कि अग्निवीर बहुत अच्छी स्कीम (Agniveer scheme response) है. वर्तमान में देश में जिस तरह अग्निवीर भर्ती के लिए एप्लीकेशन आ रही है. इससे लग रहा है कि युवाओं में काफी उत्साह है. जब यह बच्चे वहां जाएंगे तो इनको काफी सीखने को मिलेगा. यहां भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद व अजमेर जिले के 600 बच्चे भाग ले रहे हैं.

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उन्होंने बताया कि यहां बच्चों को फायर फाइटर की ट्रेनिंग दी जा रही है. इसके साथ ही डिजास्टर मैनेजमेंट, क्राउड कंट्रोल व ट्रैफिक नियमों की भी ट्रेनिंग दे रहे हैं. जिससे देश में आने वाली किसी भी परिस्थिति में यह काम कर सकें. जो बच्चे यहां इस ट्रेनिंग में भाग ले रहे हैं, इन्होंने ही कोरोना के समय आपदा को अवसर में बदलने का काम किया. जिसकी बदौलत ही भीलवाड़ा देश में कोरोना संक्रमण की चैन रोकने में मॉडल बना. एनसीसी के छात्र हिमांशु मारू ने कहा कि यहां ट्रेनिंग में आने का हमारा उद्देश्य है कि हमारा शारीरिक व मानसिक विकास होगा.

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हिमांशु ने कहा हमें यहां सभी प्रकार की ट्रेनिंग दी जा रही है. 'मैं अभी जिस तरह सरहद पर जवान देश की सेवा के लिए मुस्तैद रहते हैं, उसी प्रकार मैं यहां फायर रेंज में मोर्चा संभाल रहा हूं. भविष्य में आर्मी मैं अफसर बनकर या अग्निवीर बनकर जब देश की सरहद पर तैनात रहूंगा. उस समय इस बंदूक के सामने मुझे सिर्फ देश के दुश्मन ही नजर आएंगे'. हिमांशु ने कहा कि अग्निपथ के तहत अग्निवीर की भर्ती हो रही है. मेरा लक्ष्य आर्मी में अफसर बनने का है. अगर अफसर नहीं बनता हूं तो अग्निवीर बनकर देश की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहूंगा.

Last Updated : Jul 19, 2022, 11:17 PM IST
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