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भीलवाड़ा: राजस्थान उपचुनाव के मद्देनजर लादूलाल पितलिया की भाजपा में घर वापसी - सहाड़ा विधानसभा

सहाड़ा विधानसभा उपचुनाव को लेकर अब राजनीतिक दल बागियों की मान-मनुहार में जुट गया है. जहां वर्ष 2018 में विधानसभा चुनाव में निर्दलीय भाग्य आजमाने वाले लादूलाल पितलिया कि आज 10 फरवरी को प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर प्रदेशाध्यक्ष की मौजूदगी में घर वापसी हुई.

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राजस्थान उपचुनाव के मद्देनजर लादूलाल पितलिया की भाजपा में घर वापसी
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Published : Feb 10, 2021, 5:36 PM IST

भीलवाड़ा. जिले की सहाड़ा विधानसभा उपचुनाव को लेकर अब राजनीतिक दल बागियों की मान-मनुहार में जुट गया है. जहां वर्ष 2018 में विधानसभा चुनाव में निर्दलीय भाग्य आजमाने वाले लादूलाल पितलिया कि आज 10 फरवरी को प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर प्रदेशाध्यक्ष की मौजूदगी में घर वापसी हुई. उनके साथ ही जिले की सुवाणा पंचायत समिति की प्रधान व उनके पति भी भाजपा में शामिल हुए हैं.

राजस्थान उपचुनाव

सहाड़ा विधानसभा उपचुनाव को लेकर अब राजनीतिक दल बागियों की मान मनुहार में जुट गया है. भाजपा से बगावत कर वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में 30 हजार 573 मत हासिल किए थे. लादूलाल पितलिया सतीश पूनिया की मौजूदगी में भाजपा मे शामिल हुए. उनके साथ ही भीलवाड़ा जिले की सुवाणा पंचायत समिति में अपनी पत्नी फूल कंवर को निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में प्रधान बनाने वाले पूर्व जिला परिषद सदस्य चावंड सिंह को फिर से भाजपा में शामिल किया है.

पढ़ें: जयपुर में पुलिसकर्मियों को लगाई जा रही कोरोना वैक्सीन, सबने कहा- खतरे की कोई बात नहीं

पिछले एक महीने से विधानसभा उपचुनाव का प्रबंधन देख रहे संघ के वरिष्ठ नेता हरिहर पारीक की पितलिया की घर वापसी में महत्वपूर्ण भूमिका मानी जा रही है. संघ की तरफ से कई दिनों से गुप्त रूप से सर्वे करवाया. जिसमें पितलिया का भाजपा में फिर से लौटना पार्टी के लिए फायदेमंद साबित होने की बात सामने आई. संघ के नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व को अवगत करवाया और कुछ स्थानीय नेताओं की पितलिया की घर वापसी में सहमति बताई.

लादूलाल पितलिया वर्ष 2018 से पहले भाजपा के कार्यकर्ता थे. लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा से दावेदारी जताई थी. उस समय भाजपा ने लादूलाल पितलिया को प्रत्याशी ना बनाकर रूपलाल जाट को प्रत्याशी बनाया था. उस समय कांग्रेस की ओर से स्वर्गीय विधायक कैलाश त्रिवेदी चुनाव मैदान में थे. उस चुनाव में कांग्रेस के कैलाश त्रिवेदी को 65 हजार 420, रूपलाल जाट को 58 हजार 414, लादूलाल पितलिया को 30573 मत मिले थे. वहीं अन्य सात उम्मीदवारों को कुल 17000 मत मिले थे. ऐसे में 7006 मतों से कैलाश त्रिवेदी विजय हुए थे. लेकिन कोरोना के चलते उनकी मौत हो गई. ऐसे में लादूलाल पितलिया की घर वापसी के बाद देखना होगा कि उनको पार्टी प्रत्याशी बनाती है या नहीं.

भीलवाड़ा. जिले की सहाड़ा विधानसभा उपचुनाव को लेकर अब राजनीतिक दल बागियों की मान-मनुहार में जुट गया है. जहां वर्ष 2018 में विधानसभा चुनाव में निर्दलीय भाग्य आजमाने वाले लादूलाल पितलिया कि आज 10 फरवरी को प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर प्रदेशाध्यक्ष की मौजूदगी में घर वापसी हुई. उनके साथ ही जिले की सुवाणा पंचायत समिति की प्रधान व उनके पति भी भाजपा में शामिल हुए हैं.

राजस्थान उपचुनाव

सहाड़ा विधानसभा उपचुनाव को लेकर अब राजनीतिक दल बागियों की मान मनुहार में जुट गया है. भाजपा से बगावत कर वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में 30 हजार 573 मत हासिल किए थे. लादूलाल पितलिया सतीश पूनिया की मौजूदगी में भाजपा मे शामिल हुए. उनके साथ ही भीलवाड़ा जिले की सुवाणा पंचायत समिति में अपनी पत्नी फूल कंवर को निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में प्रधान बनाने वाले पूर्व जिला परिषद सदस्य चावंड सिंह को फिर से भाजपा में शामिल किया है.

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पिछले एक महीने से विधानसभा उपचुनाव का प्रबंधन देख रहे संघ के वरिष्ठ नेता हरिहर पारीक की पितलिया की घर वापसी में महत्वपूर्ण भूमिका मानी जा रही है. संघ की तरफ से कई दिनों से गुप्त रूप से सर्वे करवाया. जिसमें पितलिया का भाजपा में फिर से लौटना पार्टी के लिए फायदेमंद साबित होने की बात सामने आई. संघ के नेताओं ने प्रदेश नेतृत्व को अवगत करवाया और कुछ स्थानीय नेताओं की पितलिया की घर वापसी में सहमति बताई.

लादूलाल पितलिया वर्ष 2018 से पहले भाजपा के कार्यकर्ता थे. लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा से दावेदारी जताई थी. उस समय भाजपा ने लादूलाल पितलिया को प्रत्याशी ना बनाकर रूपलाल जाट को प्रत्याशी बनाया था. उस समय कांग्रेस की ओर से स्वर्गीय विधायक कैलाश त्रिवेदी चुनाव मैदान में थे. उस चुनाव में कांग्रेस के कैलाश त्रिवेदी को 65 हजार 420, रूपलाल जाट को 58 हजार 414, लादूलाल पितलिया को 30573 मत मिले थे. वहीं अन्य सात उम्मीदवारों को कुल 17000 मत मिले थे. ऐसे में 7006 मतों से कैलाश त्रिवेदी विजय हुए थे. लेकिन कोरोना के चलते उनकी मौत हो गई. ऐसे में लादूलाल पितलिया की घर वापसी के बाद देखना होगा कि उनको पार्टी प्रत्याशी बनाती है या नहीं.

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