पाली. कोरोना के तीसरे चरण में वैक्सीन लगाने के लिए बुजुर्गों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. 1 मार्च से जिले में शुरू हुए टीकाकरण के तीसरे चरण में अब तक पाली जिले में 45,644 लोगों ने कोरोना के वैक्सीन लगवाई है. इसमें से 42,644 वैक्सीन बुजुर्गों ने लगवाई है और 3,646 वैक्सीन 20 तरह की बीमारी से ग्रसित लोगों ने लगाई है.
पाली जिले में बुजुर्गों के उत्साह को देखते हुए सीएमएचओ डॉ. आर मिर्धा ने बताया कि वैक्सीनेशन अभियान के तीसरे चरण में पाली में इस तरह का उत्साह देखने को मिला है. 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का टीकाकरण वैक्सिंग की प्रथम डोज दी जा रही है. 13 मार्च तक आयोजित हुए टीकाकरण कार्यक्रम में 42,640 बुजुर्गों ने लगाई है. इसी के साथ हेल्थ फ्रंटलाइन वर्कर और विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों को दूसरी डोज भी लगाई जा रही हैं.
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उन्होंने यह भी बताया कि पाली ब्लॉक में 4012, देसूरी में 1208, जैतारण में 5759, खारची में 490, बाली ब्लॉक में 3460, रायपुर में 4149, रानी में 3258, रोहट में 776, सोजत ब्लॉक में 4654, सुमेरपुर में 4253, पाली शहरी क्षेत्र में 5925 व सोजत शहरी क्षेत्र में 1635 लोगों ने के टीके लगवाए हैं.
इधर, जिला कलेक्टर ने भी की अपील
जिला कलेक्टर अंशदीप ने 60 वर्ष से अधिक और अन्य बीमारियों से ग्रसित 45 से 60 वर्ष आयु के लोगों से सैकण्ड टीका लगवाने में कोताही नहीं बरतने की अपील की है. उन्होंने कहा कि दोनों टीके लगने के बाद ही कोरोना वायरस से लड़ने के लिए शरीर में पर्याप्त एंटीबॉडी विकसित हो सकेंगी. उन्होंने कहा कि कोरोना प्रबंधन में छाप छोड़ने के बाद पाली जिला अब वैक्सीनेशन में भी काफी बेहतर उपलब्धि हासिल कर चुका है. जिला कलेक्टर अंशदीप ने कहा कि जिले में व्यापक स्तर पर पूरे प्रोटोकॉल के अनुसार टीकाकरण का कार्य किया जा रहा है.
उन्होंने जिलेवासियों का आह्वान करते हुए कहा कि कोरोना अभी गया नहीं है, ऐसे में थोड़ी सी भी लापरवाही परिवार और समाज के लिए घातक हो सकती है. उन्होंने कहा कि कोरोना के केसेज में बढ़ोतरी के चलते महाराष्ट्र समेत विभिन्न राज्यों के जिलों में लॉकडाउन लगाना पड़ा है.
पाली जिले में ऐसे हालात नहीं बने, इसके लिए सभी को अपनी-अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी. उन्होंने कहा कि आमजन भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में नहीं जाएं, सोशल डिस्टेसिंग अपनाएं और घर से बाहर निकलने से पहले मास्क लगाना बिल्कुल नहीं भूलें. कोरोना से लड़ने के लिए वैक्सीन जरूर आ गई है लेकिन सावधानी ही सबसे बड़ी दवा है.