भीलवाड़ा. दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन की पूजा की जाती है. भारतीय संस्कृति के अनुसार इस पर्व का भी विशेष महत्व है. प्रत्येक घर के बाहर गाय के गोबर से गोवर्धन की प्रतिमा का निर्माण किया जाता है. महिलाएं सुबह सज धज कर मंगल गीत गाते हुए गोवर्धन की पूजा करती है. इस दौरान गोवर्धन की प्रतिमा के आगे दीपक लगाकर महिलाएं मंगल गीत गाती है.
महिलाओं का मानना है कि गोवर्धन की पूजा करने से परिवार में सुख, शांति और समृद्धि रहती है. महिलाओं का मानना है कि जिस तरह भगवान श्री कृष्ण ने बरसात के समय गांव वालों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अंगुली पर उठाया था, जिससे गांव वाले वर्षा के दौरान सकुशल रहे. उसी प्रकार दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन की पूजा करने से परिवार में सुख, शांति और समृद्धि रहती है.
यह भी पढ़ें- Special: कोरोना का 'पॉजिटिव' इम्पैक्ट...अरसे बाद परिवार संग मनी 'Happy Diwali'
ऐसी मान्यता के अनुसार ही दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन की पूजा की जाती है. आज भीलवाड़ा जिले भी में प्रत्येक घर के बाहर महिलाएं मंगल गीत गाते हुए गोवर्धन की पूजा कर रही है. साथ ही शाम को भीलवाड़ा जिले के ग्रामीण क्षेत्र में किसानों द्वारा बैलो की विशेष पूजा-अर्चना करेंगे, क्योंकि बैल ही किसान के लिए आजिविका का साधन है.