भीलवाड़ा. दिवाली के पर्व से दो दिन पहले धनतेरस के मौके पर आयुर्वेद के प्रणेता भगवान धनवंतरी की विशेष पूजा की जाती है. आयुर्वेद को मानने वाले कहते हैं कि इससे इलाज करने के दौरान नई ऊर्जा मिलती है. धनतेरस के मौके पर भीलवाड़ा जिले के रायला के पास स्थित नवग्रह आश्रम में भगवान धन्वंतरी की विशेष पूजा अर्चना की गई.
भीलवाड़ा के नवग्रह आश्रम में धनवंतरी जयंती पर रोगियों का आयुर्वेद पद्धति से निशुल्क इलाज किया जाता है. आज धनतेरस के अवसर पर आश्रम में भगवान धनवंतरी की विशेष पूजा की गई. ईटीवी भारत की टीम भीलवाड़ा जिले के रायला के पास मोतीबोर खेड़ा गांव में स्थित नवग्रह आश्रम पहुंची. आश्रम संस्थापक हंसराज चौधरी यहां आयुर्वेद पद्धति से रोगियों का इलाज करते हैं. धनवंतरी जयंती के मौके पर हंसराज चौधरी आयुर्वेद की दवाओं, पुस्तकों, भगवान धनवंतरी और पेड़-पौधों की विशेष पूजा करते हैं.
चौधरी ने कहा कि वर्तमान में धीरे-धीरे लोगों का आयुर्वेद के प्रति विश्वास बढ़ा है. उन्होंने कहा कि जब धरती पर बाली और कई राक्षस शक्तिशाली हो गए, तब समुद्र मंथन हुआ. मंथन में से भगवान धनवंतरी भी प्रकट हुए थे. भगवान धनवंतरी का प्राकट्य धनतेरस के दिन हुआ था.
उन्होंने कहा कि आयुर्वेद में विश्वास रखने वाले चिकित्सक इस दिन भगवान धनवंतरी की पूजा करते हैं. उन्होंने कहा कि धनवंतरी के प्रतिनिधि के रूप में चरक, बागभट और कई ग्रंथों की पूजा की जाती है. उन्होंने कहा कि धनतेरस के दिन आश्रम में आने वाले रोगियों का निशुल्क इलाज किया जाता है.