कोटाः भगवान देवनारायण के 1113वें जन्मदिन के अवसर पर गुर्जर समाज ने 6 फरवरी को शोभायात्रा निकालने का निर्णय किया है. इसके तहत भगवान जगन्नाथ रथयात्रा की तर्ज पर कोटा में भगवान देवनारायण की नगर परिक्रमा करवाई जाएगी. यह नगर परिक्रमा किशोरपुरा भगवान पद्मनाथ के मंदिर से शुरू होगी और गणेश नगर स्थित भगवान देवनारायण के बड़े मंदिर तक पहुंचेगी.
इस संबंध में जानकारी देते हुए पूर्व सरपंच और आयोजन समिति का संरक्षक रामलाल गुंजल ने बताया कि केशोरायपाटन में स्टील का करीब 8 फीट लंबा और करीब 5 फीट चौड़ा रथ तैयार करवाया है. इसे रस्सियों के जरिए ही समाज के बुजुर्ग, युवक, बच्चे और महिलाएं खींचेंगी. साथ ही उन्होंने कहा कि अन्य समाज के लोग भी आयोजन में भाग ले सकते हैं और भगवान देवनारायण का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं.
बोली लगवाई जाएगीः उन्होंने बताया कि रथ में बैठने के लिए बोली लगवाई जाएगी. इसमें सफल बोली जातक भगवान के रथ के साथ-साथ बैठकर पूजा अर्चना और चंवर ढुलाने का सौभाग्य प्राप्त करेगा. वहीं, इस आयोजन के साथ ही जब शोभायात्रा आंगनबाड़ी तेजाजी मंदिर पहुंचेगी, तब यहां से महिलाओं की कलश यात्रा निकाली जाएगी. इसमें भगवान पद्मनाथ को चांदी का मुकुट भी धारण कराया जाएगा. दूसरी तरफ आयोजनों में ठेठ गुर्जर परिवेश में आने के लिए महिलाओं और पुरुषों को आग्रह किया गया है.
कई झांकियां होंगीः रामलाल गुंजल ने यह भी बताया कि इस दौरान भगवान देवनारायण के जीवंत झांकी, साडू माता, राम दरबार, शिव परिवार, माताजी, बागजी बगड़ावत की झांकी रहेगी. भगवान देवनारायण के भजन इसमें गाए जाएंगे. प्रसिद्ध गायक कलाकार भी इसमें मौजूद रहेंगे. दो अलग-अलग आयोजनों के सवाल पर रामलाल गुंजल ने कहा कि कुछ लोगों को ऐसा लगता है कि भगवान देवनारायण के कार्यक्रम गुंजल परिवार ही करता है, जबकि ऐसा नहीं है. इसमें गुंजल परिवार का कोई ठेका भी नहीं है, इसलिए यह समाज का मंदिर है और सभी को काम करना चाहिए. पूरी समिति इसका आयोजन करती है. इस तरह से दूसरे आयोजन करने के पीछे भी कुछ बड़ी हस्तियां हैं.
आयोजन समिति के शिवराज गुंजल ने बताया कि इस आयोजन के अवसर पर गणेश नगर स्थित मंदिर पर होने वाले आयोजन में मुख्य अतिथि कोटा उत्तर के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल और अध्यक्षता खानपुर विधायक सुरेश गुर्जर करेंगे. उन्होंने बताया कि इसमें कोटा, बारां, बूंदी व झालावाड़ जिले से लोग पहुंचेंगे. उन्होंने कहा कि खेल और शिक्षा क्षेत्र की प्रतिभाओं को सम्मानित किया जाएगा. इसके अलावा अखाड़े, झांकियां घोड़ी नृत्य और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम करने वाले लोगों का भी सम्मानित किया जाएगा.