भीलवाड़ा. देश में प्रत्येक जिले की तुलना में सबसे ज्यादा कोरोनावायरस मरीजों की पुष्टि भीलवाड़ा में हुई है. जहां अब तक भीलवाड़ा जिले में यह आंकड़ा 17 तक पहुंच गया है. उसके बाद लगातार प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रतिदिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भीलवाड़ा के हालातों को लेकर चर्चा कर रहे हैं.
बता दें, कि इस भयंकर महामारी में भीलवाड़ा में पिछले 7 दिनों से अघोषित समय के लिए कर्फ्यू लगा हुआ है. इस कर्फ्यू में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने और हरिसेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर की ओर से शहर में कर्फ्यू के दौरान जरूरतमंद लोगों को निःशुल्क भोजन के पैकेट उपलब्ध करवा रहा है. जहां प्रतिदिन शहर में निवास करने वाले गरीब तबकों की कॉलोनी में जाकर 7000 भोजन के पैकेट वितरण किए जा रहे हैं.
भोजन के पैकेट तैयार कर रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के रवि जाजू ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि जिस प्रकार विश्व में कोरोनावायरस फैला हुआ है. भारत भी इससे ग्रस्त है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 21 दिन लॉकडाउन रहेगा. भीलवाड़ा में भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और हरी सेवा धाम द्वारा सर संघ कार्यवाहक सुरेश भैया जी के मार्गदर्शन मिला. जिस पर शहर में गरीब तबके के लोगों को कर्फ्यू के दौरान निःशुल्क भोजन वितरण किया जा रहा है, यह कर्फ्यू से ही शुरुआत हुई है. जब तक कर्फ्यू रहेगा तब तक यह अनवरत जारी रहेगी.
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वहीं, अन्य कार्यकर्ता ने कहा, कि यह जब तक चलेगा तब तक भोजन जरूरत होगी. इसमें निराश्रित लोगों को ही भोजन के पैकेट दिए जा रहे हैं. संपन्न लोगों को यह इस व्यवस्था से वंचित रखा है. यह व्यवस्था भीलवाड़ा के भामाशाह लोगों द्वारा चलाई जा रही है. इसका नाम अन्नपूर्णा रसोई रखा है. आर.एस.एस कार्यवाहक के आह्वान से हम काम में लगे हुए हैं. वहीं, अन्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के राजेंद्र गौड़ ने कहा, कि हमारे को भीलवाड़ा फूड कंट्रोल ने जो निर्देश मिला उसी के अनुसार हम भोजन के पैकेट लोगों को उपलब्ध करवा रहे हैं. हम प्रशासन के प्रत्येक नियमों की पालना करते हुए यह काम प्रतिदिन कर रहे हैं. अब तक प्रतिदिन 7000 पैकेट दे रहे हैं और जल्दी और मास्क, नैपकिन और साबुन भी लोगों को उपलब्ध करवा रहे हैं.
अब देखना यह होगा कि जिस तरह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देश में भयंकर त्रासदी के समय लोगों की मदद करने की पहल करता है. उसी तरह अन्य संगठन भी पहल करें तो निश्चित रूप से इस कर्फ्यू में गरीब लोगों को किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़े.