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खबर का असर: भीलों का झोपड़ा में स्कूल भवन बनकर तैयार - भीलों का झोपड़ा सकूल

पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ने को मजबूर छात्रों का मुद्दा ईटीवी भारत द्वारा प्रमुखता से उठाने के बाद भीलवाड़ा के खेजड़ी पंचायत के भीलों का झोपड़ा गांव में स्कूल भवन बनकर तैयार हो गया है. यहां के ग्रामवासी और विद्यालय का स्टाफ भी ईटीवी भारत का शुक्रिया अदा किए.

भीलों का झोपड़ा स्कूल भवन बनकर तैयार
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Published : Aug 17, 2019, 3:10 PM IST

भीलवाड़ा. हुरड़ा पंचायत समिति के खेजड़ी पंचायत के भीलों का झोपड़ा गांव में स्कूल भवन नहीं होने का मुद्दा ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाने के बाद भीलवाड़ा जिला प्रशासन और राजनेताओं ने संज्ञान लेते हुए स्कूल भवन की स्वीकृति दी. इससे शनिवार को धरातल पर स्कूल भवन बनकर तैयार हो गया. छात्र उस भवन के नीचे बैठकर अपने भविष्य के लिए पढ़ाई कर रहे हैं.

भीलों का झोपड़ा स्कूल भवन बनकर तैयार

हम बात कर रहे हैं उन नन्हे-मुन्ने बालकों की जो पेड़ के नीचे बैठकर सर्दी, गर्मी, वर्षा अपने भविष्य के लिए पढ़ाई करते थे. यहां उन बालकों के भविष्य की चिंता करते हुए ईटीवी भारत की टीम भीलों का झोपड़ा गांव पहुंची. उस पेड़ के नीचे चल रहे विद्यालय की खबर को प्रमुखता से उठाया. इसके बाद में भीलवाड़ा जिला प्रशासन और राजनेताओं ने उन बालकों के दर्द को समझते हुए डिस्टिक मिनिरल फांउडेशन के तहत स्कूल भवन निर्माण की स्वीकृति दी.

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महज छह माह में स्कूल भवन बनकर तैयार हो गया और स्कूल भवन में उन बालकों के बैठने के लिए तमाम व्यवस्थाएं हो गई है. वर्तमान में स्कूल भवन में उन गांव के छात्र- छात्रा बैठकर अध्ययन कर रहे हैं. सभी ग्रामवासी अध्यापक और छात्र ने ईटीवी भारत का शुक्रिया अदा किया. विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सविता खटीक ने ईटीवी भारत के सामने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि विद्यालय में अभी भवन बनने से हमारे को किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ रहा. लेकिन, पिछले साल हमारे को इसी वर्षा ऋतु में पेड़ के नीचे बैठकर इन बालकों को पढ़ाना पड़ता था. हम दूसरे के घरों में विद्यालय का सामान रखते थे. लेकिन, ईटीवी भारत की पहल के बाद ही यह विद्यालय भवन बना.

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वहीं विद्यालय की अध्यापिका लक्ष्मी नायक ने कहा कि मैं भले ही दिव्यांग हूं. ईटीवी भारत की पहल का ही नतीजा है कि आज यह बिल्डिंग बन कर तैयार हो गई और हम इनके नीचे बैठकर इन बालकों को शिक्षा दे रहे हैं. विद्यालय की छात्रा लाली और ग्रामवासी ने एक स्वर में कहा है कि हमारे बालकों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है अब कोई दिक्कत नहीं हो रही है.

भीलवाड़ा. हुरड़ा पंचायत समिति के खेजड़ी पंचायत के भीलों का झोपड़ा गांव में स्कूल भवन नहीं होने का मुद्दा ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाने के बाद भीलवाड़ा जिला प्रशासन और राजनेताओं ने संज्ञान लेते हुए स्कूल भवन की स्वीकृति दी. इससे शनिवार को धरातल पर स्कूल भवन बनकर तैयार हो गया. छात्र उस भवन के नीचे बैठकर अपने भविष्य के लिए पढ़ाई कर रहे हैं.

भीलों का झोपड़ा स्कूल भवन बनकर तैयार

हम बात कर रहे हैं उन नन्हे-मुन्ने बालकों की जो पेड़ के नीचे बैठकर सर्दी, गर्मी, वर्षा अपने भविष्य के लिए पढ़ाई करते थे. यहां उन बालकों के भविष्य की चिंता करते हुए ईटीवी भारत की टीम भीलों का झोपड़ा गांव पहुंची. उस पेड़ के नीचे चल रहे विद्यालय की खबर को प्रमुखता से उठाया. इसके बाद में भीलवाड़ा जिला प्रशासन और राजनेताओं ने उन बालकों के दर्द को समझते हुए डिस्टिक मिनिरल फांउडेशन के तहत स्कूल भवन निर्माण की स्वीकृति दी.

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महज छह माह में स्कूल भवन बनकर तैयार हो गया और स्कूल भवन में उन बालकों के बैठने के लिए तमाम व्यवस्थाएं हो गई है. वर्तमान में स्कूल भवन में उन गांव के छात्र- छात्रा बैठकर अध्ययन कर रहे हैं. सभी ग्रामवासी अध्यापक और छात्र ने ईटीवी भारत का शुक्रिया अदा किया. विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सविता खटीक ने ईटीवी भारत के सामने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि विद्यालय में अभी भवन बनने से हमारे को किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ रहा. लेकिन, पिछले साल हमारे को इसी वर्षा ऋतु में पेड़ के नीचे बैठकर इन बालकों को पढ़ाना पड़ता था. हम दूसरे के घरों में विद्यालय का सामान रखते थे. लेकिन, ईटीवी भारत की पहल के बाद ही यह विद्यालय भवन बना.

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वहीं विद्यालय की अध्यापिका लक्ष्मी नायक ने कहा कि मैं भले ही दिव्यांग हूं. ईटीवी भारत की पहल का ही नतीजा है कि आज यह बिल्डिंग बन कर तैयार हो गई और हम इनके नीचे बैठकर इन बालकों को शिक्षा दे रहे हैं. विद्यालय की छात्रा लाली और ग्रामवासी ने एक स्वर में कहा है कि हमारे बालकों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है अब कोई दिक्कत नहीं हो रही है.

Intro:भीलवाड़ा - भीलवाड़ा जिले के हुरडा पंचायत समिति के खेजड़ी पंचायत के भीलो का झोपड़ा गांव में स्कूल भवन नहीं होने का मुद्दा ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाने के बाद भीलवाड़ा जिला प्रशासन व राजनेताओं ने संज्ञान लेते हुए स्कूल भवन की स्वीकृति दी। जहा आज धरातल पर अब स्कूल भवन बनकर तैयार हो गया और छात्र उस भवन के नीचे बैठकर अपने भविष्य के लिए पढ़ाई कर रहे हैं।


Body:पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ने को मजबूर छात्र का मुद्दा ईटीवी भारत ने प्रमुखता से उठाने के बाद भीलवाड़ा जिले के खेजड़ी पंचायत के भीलों का झोपड़ा गांव में आज स्कूल भवन बनकर तैयार हो गया है । यहां के ग्रामवासी व विद्यालय का स्टाफ भी ईटीवी भारत का शुक्रिया अदा कर रहा है ।

जी हां हम बात कर रहे हैं उन नन्हे-मुन्ने बालकों की जो पेड़ के नीचे बैठकर सर्दी, गर्मी ,वर्षा अपने भविष्य के लिए पढ़ाई करते थे ।.जहां उन बालकों के भविष्य की चिंता करते हुए ईटीवी भारत की टीम भीलों का झोपड़ा गांव पहुंची और उस पेड़ के नीचे चल रहे विद्यालय की खबर को प्रमुखता से उठाया। जिसके बाद में भीलवाड़ा जिला प्रशासन व राजनेताओं ने उन बालकों के दर्द को समझते हुए डिस्टिक मिनिरल फाऊंडेशन के तहत स्कूल भवन निर्माण की स्वीकृति दी। महज छह माह में स्कूल भवन बनकर तैयार हो गया और स्कूल भवन में उन बालकों के बैठने के लिए तमाम व्यवस्थाएं हो गई और वर्तमान में स्कूल भवन में उन गांव के छात्र- छात्रा बैठकर अध्ययन कर रहे हैं। सभी ग्रामवासी अध्यापक और छात्र ने ईटीवी भारत का शुक्रिया अदा किया।

विद्यालय की प्रधानाध्यापिका सविता खटीक ने ईटीवी भारत के सामने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि विद्यालय में अभी भवन बनने से हमारे को किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ रहा । लेकिन पिछले वर्ष हमारे को इसी वर्षा ऋतु में पेड़ के नीचे बैठकर इन बालकों को पढ़ाना पड़ता था। हम दूसरे के घरों में विद्यालय का सामान रखते थे ।लेकिन ईटीवी भारत की पहल के बाद ही यह विद्यालय भवन बना और आज हम इन बालकों के भविष्य के लिए इस भवन में इनको भविष्य की शिक्षा दे रहे हैं।

बाईट- सविता खटीक
प्रधाध्यापिका रा.प्रा. वि. भीलो का झोपडा

वहीं विद्यालय की अध्यापिका लक्ष्मी नायक ने कहा कि मैं भले ही दिव्यांग हूं लेकिन मेरे मन में जज्बा इन बालकों का भविष्य को सुरक्षित करने का है । और मैं यहां शिक्षा देकर इन बालकों के भविष्य को संवारने की कोशिश कर रही हूं और ईटीवी भारत की पहल का ही नतीजा है कि आज यह बिल्डिंग बन कर तैयार हो गई और हम इनके नीचे बैठकर इन बालकों को शिक्षा दे रहे हैं।

बाईट- लक्ष्मीनायक
अध्यापिका

वहीं विद्यालय की छात्रा लाली और ग्रामवासी ने एक स्वर में कहा है कि हमारे बालकों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है अब कोई दिक्कत नहीं हो रही है

बाईट- लाली,छात्रा

ग्रामवासी

अब देखना यह होगा कि जिले में जहां भी विद्यालय भवन अभी तक नहीं बने हैं जिनके लिए शासन और प्रशासन क्या कार्रवाई करता है या इसी प्रकार पेड़ के नीचे पढ़ने को मजबूर रहना होगा।

सोमदत्त त्रिपाठी ईटीवी भारत भीलवाड़ा

पीटीसी- सोमदत्त त्रिपाठी, भीलवाड़ा


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