ETV Bharat / city

मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर करना...एकता की मिसाल बने भीलवाड़ा के इस गांव के लोग, जानिए क्यों

भीलवाड़ा जिले के ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल संकट (Drinking Water Crisis) गहराता जा रहा है. ऐसे में जाति-धर्म की बातें भूलकर हुरडा पंचायत समिति की कानियां ग्राम पंचायत की महिलाएं गांव के एक सार्वजनिक कुएं से अपनी और अपने परिवार वालों की प्यास बुझा रही हैं.

BHILWARA News,  Rajasthan New,s  Water Crisis,  Water Crisis In Rajasthan,  water shortage In Rajasthan,  water shortage In Bhilwara,  hindu muslim, भीलवाड़ा समाचार, राजस्थान समाचार, जल संकट, राजस्थान में जल संकट, राजस्थान में पानी की किल्लत, भीलवाड़ा में पानी की किल्लत
कुएं से पानी लेकर जातीं ग्रामीण महिलाएं
author img

By

Published : Jun 13, 2021, 5:54 PM IST

भीलवाड़ा. जून माह में एक ओर आसमान से आग के शोले बरस रहे हैं, तो वहीं भीलवाड़ा जिले (Water Crisis In Bhilwara ) के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट गहराता जा रहा है. पानी की कमी की समस्या से परेशान हुरडा पंचायत समिति की कानियां ग्राम पंचायत के लोगों में मजहब की दीवार ढह गई (Hindu Muslim Unity) है और इसकी वजह बना है ये कुआं. हजारों की आबादी वाली इस ग्राम पंचायत के लोग इस संकट से परेशान भले ही हैं, पर सब्र के साथ हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई सभी धर्मों की महिलाएं कुएं से पानी निकालती हैं.

पढ़ें:राजस्थान कांग्रेस की सियासत का हाल बेहाल,...इस गढ़ को बचाने की चुनौती

पानी की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों विशेषकर महिलाएं कहती हैं कि चुनाव के समय राजनेता हर गांव में चंबल का पानी पहुंचाने का वादा करते हैं. प्रशासनिक अधिकारी भी चंबल का पानी ग्रामीण क्षेत्र में पहुंचाने के लिए अधिकारियों को दिशा निर्देश देते हैंं, लेकिन सच्चाई ये है कि कई गांव के लोग चंबल के पानी का टकटकी लगाए इंतजार कर रहे हैं. 'ईटीवी भारत' की टीम कानियां गांव पहुंची, जहां जून की भीषण गर्मी में सभी धर्मों की महिलाएं एकसाथ पानी निकाल रही थीं.

भीलवाड़ा से पानी की समस्या पर ग्राउंड रिपोर्ट

बातचीत की शुरुआत में ही बेबस व लाचार महिलाओं का दर्द छलक उठा, कुएं से पानी निकाल रही सभी महिलाओं ने एक ही आवाज में कहा कि चुनाव के समय वादे किए जाते हैं, लेकिन अभी तक हमारे गांव में पानी नहीं पहुंचा है. दिनभर मेहनत मजदूरी करने के बाद रात में भी यहां पानी के लिए हमें अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है.

हमें आपस में कोई बैर नहीं

पानी निकाल रही महिला चाहे सलमा हो या रामू देवी सभी ने कहा कि हम सभी बहनों की भांति रहते हैं और एक ही कुएं से पानी निकालते हैं. यहा कुएं में भी पानी थोड़ा है और गांव के सारे हैडपंप खराब हैं. चंबल का पानी पहुंचा नहीं है. ऐसे में पानी की कमी की समस्या बहुत विकट है.

भीलवाड़ा. जून माह में एक ओर आसमान से आग के शोले बरस रहे हैं, तो वहीं भीलवाड़ा जिले (Water Crisis In Bhilwara ) के ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल संकट गहराता जा रहा है. पानी की कमी की समस्या से परेशान हुरडा पंचायत समिति की कानियां ग्राम पंचायत के लोगों में मजहब की दीवार ढह गई (Hindu Muslim Unity) है और इसकी वजह बना है ये कुआं. हजारों की आबादी वाली इस ग्राम पंचायत के लोग इस संकट से परेशान भले ही हैं, पर सब्र के साथ हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई सभी धर्मों की महिलाएं कुएं से पानी निकालती हैं.

पढ़ें:राजस्थान कांग्रेस की सियासत का हाल बेहाल,...इस गढ़ को बचाने की चुनौती

पानी की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों विशेषकर महिलाएं कहती हैं कि चुनाव के समय राजनेता हर गांव में चंबल का पानी पहुंचाने का वादा करते हैं. प्रशासनिक अधिकारी भी चंबल का पानी ग्रामीण क्षेत्र में पहुंचाने के लिए अधिकारियों को दिशा निर्देश देते हैंं, लेकिन सच्चाई ये है कि कई गांव के लोग चंबल के पानी का टकटकी लगाए इंतजार कर रहे हैं. 'ईटीवी भारत' की टीम कानियां गांव पहुंची, जहां जून की भीषण गर्मी में सभी धर्मों की महिलाएं एकसाथ पानी निकाल रही थीं.

भीलवाड़ा से पानी की समस्या पर ग्राउंड रिपोर्ट

बातचीत की शुरुआत में ही बेबस व लाचार महिलाओं का दर्द छलक उठा, कुएं से पानी निकाल रही सभी महिलाओं ने एक ही आवाज में कहा कि चुनाव के समय वादे किए जाते हैं, लेकिन अभी तक हमारे गांव में पानी नहीं पहुंचा है. दिनभर मेहनत मजदूरी करने के बाद रात में भी यहां पानी के लिए हमें अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है.

हमें आपस में कोई बैर नहीं

पानी निकाल रही महिला चाहे सलमा हो या रामू देवी सभी ने कहा कि हम सभी बहनों की भांति रहते हैं और एक ही कुएं से पानी निकालते हैं. यहा कुएं में भी पानी थोड़ा है और गांव के सारे हैडपंप खराब हैं. चंबल का पानी पहुंचा नहीं है. ऐसे में पानी की कमी की समस्या बहुत विकट है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.