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पति को संतान न देने की इतनी बड़ी सजा, मारपीट कर लादी देवी को निकाला घर से बाहर...न्याय के लिए भटक रही दर-बदर - राजस्थान की हिंदी खबर

भीलवाड़ा में एक दिव्यांग महिला को उसके पति और सास ने मारपीट के घर से बाहर निकाल दिया. महिला ससुराल वालों को घर का वारिस नहीं दे पाई. जिस वजह से पति और सास ने महिला को घर से निकाल दिया. अब लादी देवी एक आंगनबाड़ी में आश्रय लेने को मजबूर है.

भीलवाड़ा में महिला से मारपीट, Woman assaulted in Bhilwara
पीड़ित लादी देवी
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Published : Jun 19, 2021, 11:27 PM IST

भीलवाड़ा. आधुनिक युग में सरकार की ओर से दिव्यांगों के लिए समाज में एक विशेष दर्जा दिया हुआ है. ग्रामीण क्षेत्र की ओर देखा जाए तो जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आती है. हम बात कर रहे हैं भीलवाड़ा जिले के करेड़ा थाना क्षेत्र के रूपपुरा ग्राम की रहने वाली एक दिव्यांग महिला. जिसकी कोई संतान नहीं होने पर पति और सास ने मारपीट कर घर से बाहर निकाल दिया.

पढ़ेंः झालावाड़ में 12 लाख रुपए की 120 ग्राम स्मैक जब्त, 2 युवक गिरफ्तार

पीड़ित लादी देवी भीलवाड़ा पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बरामदे में न्याय की गुहार लगा रही है. लादी देवी की कुसुर बस इतना है कि वो मां न बन सकी. जिस वजह से ससुराल में प्रताड़ित होना पड़ा और पति की मार भी खानी पड़ी.

वारिस न देने की वजह से पति और सास ने मारपीट कर घर से निकाल दिया

बिना बिजली-पानी वाले आंगनबाड़ी में ली है शरण

लादी देवी ससुराल से निकाले जाने के बाद आंगनबाड़ी केंद्र में रह रही है. जहां न तो पानी है न बीजली. न्याय मिलने की उम्मीद लिए लादी देवी जब करेड़ा पुलिस थाने और शिवपुर पुलिस चौकी गई तो वहां मौजूद पुलिसकर्मी ने यह कह दिया कि अगर पति नहीं रखना चाहता है तो तुम तलाक क्यों नहीं ले लेती हो. यह तुम्हारे परिवार का मामला है.

दो बार बन चुकी है मां

दिव्यांग महिला लादी देवी पर दुखों का पहाड़ टूटने की कहानी उसके नाबालिग रहते ही शुरू हो जाती है. भीलवाड़ा जिले के रूपपुरा गांव की लादी देवी की शादी16 साल की नाबालिग उम्र में ही हो जाती है. शादी के कुछ दिन बाद ही लादी विधवा हो जाती है. साल 2003 में मांडल तहसील के रूपपुरा ग्राम के रहने वाले बजरंग दास वैष्णव ने लादी से पुनर्विवाह किया तो लादी को अपने जीवन में एक नई खुशी की उम्मीद जगी.

भीलवाड़ा में महिला से मारपीट, Woman assaulted in Bhilwara
आंगनबाड़ी में किसी तरह कर रही गुजर बसर

इनकी गृहस्थी की गाड़ी ठीक चल रही थी. ऐसा नहीं था कि लादी कभी मां नहीं बनी बल्कि दो-दो बार ऑपरेशन से बच्चों को जन्म दिया मगर बच्चे जिंदा ना रह सके. इसके बाद पति और सास दोनों ने मिलकर लादी पर जुल्म करना शुरू कर दिया. साल 2009 में लादी वैष्णव ने अपने पैरों पर खड़ा होने का निश्चय किया और आंगनबाड़ी में आशा सहयोगिनी के रूप में काम करते हुए छोटी-छोटी बचत से अपने रहने के लिए एक आशियाना बनाया. मगर एक महीने पहले पति और सास ने मारपीट कर इसके लादी के घर से उसे बेदखल कर दिया. अब यह गांव के आंगनबाड़ी केंद्र में रह रही है.

ईटीवी भारत से बयां किया दर्द

ईटीवी भारत के समक्ष अपना दर्द बयान करते हुए लादी वैष्‍णव कहती है कि मेरा पति बार-बार कहता कि तू हमें संतान नहीं दे सकती हमारा वंश आगे नहीं बढ़ा सकती. अब तु हमारे किसी काम की नहीं है. मैं जब थाने में गयी तो वहां पर पुलिसकर्मी भी बोलते है कि वह ज‍ब तुझे नहीं रखना चाहता है तो उससे तलाक ले लें. मेरी 40 साल की उम्र हो गई है, ऐसे में अब मै कहां जाऊं. मैं दिव्यांग होने की वजह से पानी भी नहीं भर कर नहीं ला पाती थी. अगर किसी ने मदद भी कर दी तो मेरी सास उससे झगड़ा करने लगती थी. जिस वजह से कोई मेरी मदद के लिए भी आगे नहीं आता थी.

भीलवाड़ा में महिला से मारपीट, Woman assaulted in Bhilwara
दिव्यांग लादी देवी का कोई सहारा नहीं है

पढ़ेंः लोक परिवहन बस ने सड़क पार कर रहे व्यक्ति को कुचला, मौत

नॉनस्टॉप सखी सेंटर के काउंसलर रुबीना ने कहा कि हमने करेड़ा थाने में भी रिपोर्ट दर्ज करवाई, लेकिन कोई कार्यवाई नहीं हुई. परेशान महिला न्याय के लिए दोबारा सखी सेंटर पहुंची थी. महिला को प्रभारी गरिमा सिंह और लीगल काउंसलर रूबीना की ओर से जिला पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा के समक्ष पेश किया. इस पर पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने करेड़ा थाना प्रभारी को त्‍वरित मुकद्दमा दर्ज कर कार्रवाई करने के निर्देश दिये. करेड़ा थाना प्रभारी सुरेन्‍द्र गोधरा ने कहा कि हमने कई बार इनके बीच समझाइश की है, लेकिन हमे यह जानकारी नहीं है कि पीड़िता को उसके घर से बाहर निकाल दिया. हमने मुकद्दमा दर्ज कर लिया है और कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

भीलवाड़ा में महिला से मारपीट, Woman assaulted in Bhilwara
न्याय केलिए भटक रही इधर उधर

पुलिसकर्मी ने कहा पति मारता है तो ले लो तलाक

परेशान महिला आए दिन की मारपीट से तंग आकर कई बार थाने और चौकी भी गई, लेकिन न्याय नहीं मिला. महिला ने आरोप लगाया की अगर महिला थाने जाती है तो वहां से ये जवाब मिलता है की पति रोज मारता है तो तलाक क्यों नहीं ले लेती. पुलिस से न्याय नहीं मिलने से महिला को पिछले एक माह से आंगनबाड़ी भवन में रहना पड़ रहा है. इस भवन में न तो बिजली की पूरी व्यवस्था है और न हीं पानी की. अपना घर होते हुए भी महिला को मजबूरन वहां दिन काटने पड़ रहे है. सिर्फ पति को वारिस नहीं देने की लादी देवी को इतनी बड़ी सजा मिल रही है. पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होने से लादी की परेशानियां और भी ज्यादा बढ़ रही है.

भीलवाड़ा. आधुनिक युग में सरकार की ओर से दिव्यांगों के लिए समाज में एक विशेष दर्जा दिया हुआ है. ग्रामीण क्षेत्र की ओर देखा जाए तो जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आती है. हम बात कर रहे हैं भीलवाड़ा जिले के करेड़ा थाना क्षेत्र के रूपपुरा ग्राम की रहने वाली एक दिव्यांग महिला. जिसकी कोई संतान नहीं होने पर पति और सास ने मारपीट कर घर से बाहर निकाल दिया.

पढ़ेंः झालावाड़ में 12 लाख रुपए की 120 ग्राम स्मैक जब्त, 2 युवक गिरफ्तार

पीड़ित लादी देवी भीलवाड़ा पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बरामदे में न्याय की गुहार लगा रही है. लादी देवी की कुसुर बस इतना है कि वो मां न बन सकी. जिस वजह से ससुराल में प्रताड़ित होना पड़ा और पति की मार भी खानी पड़ी.

वारिस न देने की वजह से पति और सास ने मारपीट कर घर से निकाल दिया

बिना बिजली-पानी वाले आंगनबाड़ी में ली है शरण

लादी देवी ससुराल से निकाले जाने के बाद आंगनबाड़ी केंद्र में रह रही है. जहां न तो पानी है न बीजली. न्याय मिलने की उम्मीद लिए लादी देवी जब करेड़ा पुलिस थाने और शिवपुर पुलिस चौकी गई तो वहां मौजूद पुलिसकर्मी ने यह कह दिया कि अगर पति नहीं रखना चाहता है तो तुम तलाक क्यों नहीं ले लेती हो. यह तुम्हारे परिवार का मामला है.

दो बार बन चुकी है मां

दिव्यांग महिला लादी देवी पर दुखों का पहाड़ टूटने की कहानी उसके नाबालिग रहते ही शुरू हो जाती है. भीलवाड़ा जिले के रूपपुरा गांव की लादी देवी की शादी16 साल की नाबालिग उम्र में ही हो जाती है. शादी के कुछ दिन बाद ही लादी विधवा हो जाती है. साल 2003 में मांडल तहसील के रूपपुरा ग्राम के रहने वाले बजरंग दास वैष्णव ने लादी से पुनर्विवाह किया तो लादी को अपने जीवन में एक नई खुशी की उम्मीद जगी.

भीलवाड़ा में महिला से मारपीट, Woman assaulted in Bhilwara
आंगनबाड़ी में किसी तरह कर रही गुजर बसर

इनकी गृहस्थी की गाड़ी ठीक चल रही थी. ऐसा नहीं था कि लादी कभी मां नहीं बनी बल्कि दो-दो बार ऑपरेशन से बच्चों को जन्म दिया मगर बच्चे जिंदा ना रह सके. इसके बाद पति और सास दोनों ने मिलकर लादी पर जुल्म करना शुरू कर दिया. साल 2009 में लादी वैष्णव ने अपने पैरों पर खड़ा होने का निश्चय किया और आंगनबाड़ी में आशा सहयोगिनी के रूप में काम करते हुए छोटी-छोटी बचत से अपने रहने के लिए एक आशियाना बनाया. मगर एक महीने पहले पति और सास ने मारपीट कर इसके लादी के घर से उसे बेदखल कर दिया. अब यह गांव के आंगनबाड़ी केंद्र में रह रही है.

ईटीवी भारत से बयां किया दर्द

ईटीवी भारत के समक्ष अपना दर्द बयान करते हुए लादी वैष्‍णव कहती है कि मेरा पति बार-बार कहता कि तू हमें संतान नहीं दे सकती हमारा वंश आगे नहीं बढ़ा सकती. अब तु हमारे किसी काम की नहीं है. मैं जब थाने में गयी तो वहां पर पुलिसकर्मी भी बोलते है कि वह ज‍ब तुझे नहीं रखना चाहता है तो उससे तलाक ले लें. मेरी 40 साल की उम्र हो गई है, ऐसे में अब मै कहां जाऊं. मैं दिव्यांग होने की वजह से पानी भी नहीं भर कर नहीं ला पाती थी. अगर किसी ने मदद भी कर दी तो मेरी सास उससे झगड़ा करने लगती थी. जिस वजह से कोई मेरी मदद के लिए भी आगे नहीं आता थी.

भीलवाड़ा में महिला से मारपीट, Woman assaulted in Bhilwara
दिव्यांग लादी देवी का कोई सहारा नहीं है

पढ़ेंः लोक परिवहन बस ने सड़क पार कर रहे व्यक्ति को कुचला, मौत

नॉनस्टॉप सखी सेंटर के काउंसलर रुबीना ने कहा कि हमने करेड़ा थाने में भी रिपोर्ट दर्ज करवाई, लेकिन कोई कार्यवाई नहीं हुई. परेशान महिला न्याय के लिए दोबारा सखी सेंटर पहुंची थी. महिला को प्रभारी गरिमा सिंह और लीगल काउंसलर रूबीना की ओर से जिला पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा के समक्ष पेश किया. इस पर पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने करेड़ा थाना प्रभारी को त्‍वरित मुकद्दमा दर्ज कर कार्रवाई करने के निर्देश दिये. करेड़ा थाना प्रभारी सुरेन्‍द्र गोधरा ने कहा कि हमने कई बार इनके बीच समझाइश की है, लेकिन हमे यह जानकारी नहीं है कि पीड़िता को उसके घर से बाहर निकाल दिया. हमने मुकद्दमा दर्ज कर लिया है और कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

भीलवाड़ा में महिला से मारपीट, Woman assaulted in Bhilwara
न्याय केलिए भटक रही इधर उधर

पुलिसकर्मी ने कहा पति मारता है तो ले लो तलाक

परेशान महिला आए दिन की मारपीट से तंग आकर कई बार थाने और चौकी भी गई, लेकिन न्याय नहीं मिला. महिला ने आरोप लगाया की अगर महिला थाने जाती है तो वहां से ये जवाब मिलता है की पति रोज मारता है तो तलाक क्यों नहीं ले लेती. पुलिस से न्याय नहीं मिलने से महिला को पिछले एक माह से आंगनबाड़ी भवन में रहना पड़ रहा है. इस भवन में न तो बिजली की पूरी व्यवस्था है और न हीं पानी की. अपना घर होते हुए भी महिला को मजबूरन वहां दिन काटने पड़ रहे है. सिर्फ पति को वारिस नहीं देने की लादी देवी को इतनी बड़ी सजा मिल रही है. पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होने से लादी की परेशानियां और भी ज्यादा बढ़ रही है.

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