भीलवाड़ा. प्रदेश में चल रहे राजनीतिक उठापटक से प्रदेश की आम जनता त्रस्त है. इसके साथ ही नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है. इसी कड़ी में ईटीवी भारत की टीम ने जिले में प्रदेश की राजनीति का समीकरण जाना. जहां अंतरराष्ट्रीय गुर्जर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष रामप्रसाद धाबाई ने ईटीवी भारत से हुई बातचीत में कहा कि सचिन पायलट पर मुख्यमंत्री ने जो आरोप लगाया है कि दूसरी पार्टी से मिलकर एक षड्यंत्र रच रहे हैं, वो गलत है.
उन्होंने कहा कि सचिन पायलट की बदौलत प्रदेश में कांग्रेस की सराकर बनी है. मुख्यमंत्री गहलोत और पायलट के बीच सीएम पद को लेकर विरोधाभास था. धाबाई ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सचिन पायलट को रास्ते से हटाने के लिए एसओजी के जरिए नोटिस दिलाकर उनको मजबूर किया. बाकी सचिन पायलट के पिता स्वर्गीय राजेश पायलट किसान नेता थे. जिन्होंने कांग्रेस पार्टी में बखूबी काम किया और उनपर कोई जातिवाद के आरोप नहीं थे.
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इसेक साथ ही भीलवाड़ा जिला कांग्रेस के पूर्व संगठन महासचिव महेश सोनी ने कहा कि प्रदेश में जो राजनीतिक हालात चल रहे हैं, वह भारतीय जनता पार्टी के कारण ही है. आम जनता इस चीज को स्वीकार कर चुकी है कि भारतीय जनता पार्टी सत्ता की भूखी है. उन्होंने हिंदुस्तान के कई प्रदेशों में विकास से कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने सरकार को पलटा खिलाने के लिए कुपोषित काम किया है. उसकी मैं भत्सना करता हूं और साथ ही आपको विश्वास दिलाता हूं कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में प्रदेश में सरकार रहेगी.
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प्रदेश में राजनीतिक उठापटक को लेकर भाजपा के पूर्व मंत्री कालू लाल गुर्जर ने कहा कि प्रदेश में राजनीतिक हालात गंभीर रूप लेता जा रहा है. यह कांग्रेस का आंतरिक कलह है. कालू लाल गुर्जर ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत के कारण ही मध्य प्रदेश जैसी स्थिति अब राजस्थान में हो रही है. मैं यह मानता हूं कि सचिन पायलट सही कर रहे हैं. जिन्होंने 5 वर्ष तक मेहनत करके प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लामबंद रहे जिसका परिणाम उनको बहुमत मिला. पूर्व मंत्री गुर्जर ने कहा कि लोकतंत्र का सत्यानाश हो रहा है. अफसर शाही हावी होती जा रही है. ऐसी स्थिति में राजस्थान के इतिहास में पहली बार यह हो रहा है एक तरफ प्रदेश में कोरोना जैसी महामारी फैल रही है और दूसरी तरफ यह स्थितियां है.