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लंपी डिजीज संक्रमण रोकने के लिए ग्राम पंचायत स्तर व शहरी क्षेत्रों में बनाए जा रहे आइसोलेशन सेंटर- जिला कलेक्टर

भीलवाड़ा जिले में भी लंपी डिजीज का संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है, जिसके कारण कई गायों की तो अकाल मौत हो रही है. लंपी संक्रमण पर जिला कलेक्‍टर का कहना है कि प्रशासन संक्रमण पर काबू पाने के लिए प्रयासरत है. साथ ही ग्रााम पंचायत स्‍तर और शहरी क्षेत्रों में आइसोलेशन सेंटर्स बनाए जा रहे (Cattle Isolation centers in gram panchayats) हैं.

Cattle Isolation centers in cities and gram panchayats in wake of lumpy disease
लंपी डिजीज संक्रमण रोकने के लिए ग्राम पंचायत स्तर व शहरी क्षेत्रों में बनाए जा रहे हैं आइसोलेशन सेंटर जिला कलेक्टर
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Published : Sep 13, 2022, 4:38 PM IST

Updated : Sep 14, 2022, 12:01 AM IST

भीलवाड़ा. वस्त्रनगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा जिले में भी लंपी डिजीज का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. इसे लेकर जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने कहा कि लंपी डिजीज की रोकथाम के लिए हरसंभव प्रयास जारी हैं. लंपी संक्रमण पर काबू पाने के लिए जिले की समस्त ग्राम पंचायत स्तर के साथ ही शहरी क्षेत्र में भी आइसोलेशन सेंटर बनाए जा रहे (Isolation centers in cities and gram panchayats) हैं.

जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने कहा कि लंपी की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन सभी तरह के प्रयास कर रहा है. जिले की तमाम ग्राम पंचायत मुख्यालयों के साथ ही शहरी क्षेत्रों में भी आइसोलेशन सेंटर बनाए जा रहे हैं, जिससे संक्रमण ज्यादा नहीं फैले. इन आइसोलेशन सेंटर में क्षेत्र में लंपी डीजीज से ग्रसित गायों को रखा जाएगा. साथ ही वैक्सीनेशन का प्रोग्राम भी सुचारू रूप से चालू है.

ग्राम पंचायत स्तर व शहरी क्षेत्रों में बनाए जा रहे आइसोलेशन सेंटर

पढ़ें: प्रदेश में लंपी से 50 हजार गायों की मौत, रोजाना 1200 से 1400 गाएं तोड़ रही दम

उन्‍होंने कहा कि जहा लंपी का संक्रमण नहीं है, वहां पर वैक्सीनेशन किया जा रहा है. यह वैक्सीनेशन भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार हो रहा है. वहीं जिले में जहां डॉक्टर की कमी है, वहां वैकल्पिक व्यवस्था भी की है. जिले के ज्यादा इफेक्ट वाले ब्लॉक में अभी तक कोई डॉक्टर की कमी नहीं है. हम लोगों व पशुपालकों को भी लंपी डिजीज पर काबू पाने के लिए जागरुक कर रहे हैं. साथ ही गौशालाओं पर विशेष निगरानी रखी जा रही है, क्योंकि गोशाला में गाय अत्यधिक हैं और लंपी डिजीज फैलने का ज्यादा खतरा है.

पढ़ें: लंपी डिजीज की रोकथाम के लिए भीलवाड़ा डेयरी ने खरीदी एक लाख वैक्सीन, लगेगी मुफ्त

भीलवाड़ा पशुपालन विभाग के अनुसार, जिले में अभी तक करीब 15,800 गोवंश संक्रमित हो चुके हैं, उसमें से करीब 5326 रिकवर हो चुके हैं. अभी तक करीब 980 गोवंश की इसके चलते मौत हो चुकी (cows death in Bhilwara due to lumpy) है. 16,571 गोवंश को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. पशुपालन विभाग के अनुसार आसींद, बदनोर, बनेड़ा, भीलवाड़ा, बिजौलियां, हमीरगढ़, हुरड़ा, जहाजपुर, करेड़ा, कोटड़ी, मांडल, रायपुर क्षेत्र के करीब 969 गांवों में मवेशी लंपी की चपेट में हैं. पशुपालक व समाजसेवी पशुधन को बचाने में आगे आ रहे हैं.


पढ़ें: लंपी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के मुद्दे पर भाजपा और राज्य सरकार आमने-सामने

जिले में लंबी डीजी से मृत गायों का आंकड़ा:

  • हमीरगढ़-0
  • बिजौलियां- 1
  • जहाजपुर- 4
  • माण्डलगढ़- 8
  • कोटड़ी- 16
  • बनेड़ा-20
  • शाहपुरा- 27
  • रायपुर-34
  • भीलवाड़ा- 35
  • माण्डल-59
  • करेड़ा- 59
  • फूलियाकलां- 66
  • सहाड़ा- 94
  • बदनोर- 130
  • आसीन्द- 174
  • हुरड़ा- 253
  • कुल- 980

भीलवाड़ा. वस्त्रनगरी के नाम से विख्यात भीलवाड़ा जिले में भी लंपी डिजीज का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. इसे लेकर जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने कहा कि लंपी डिजीज की रोकथाम के लिए हरसंभव प्रयास जारी हैं. लंपी संक्रमण पर काबू पाने के लिए जिले की समस्त ग्राम पंचायत स्तर के साथ ही शहरी क्षेत्र में भी आइसोलेशन सेंटर बनाए जा रहे (Isolation centers in cities and gram panchayats) हैं.

जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने कहा कि लंपी की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन सभी तरह के प्रयास कर रहा है. जिले की तमाम ग्राम पंचायत मुख्यालयों के साथ ही शहरी क्षेत्रों में भी आइसोलेशन सेंटर बनाए जा रहे हैं, जिससे संक्रमण ज्यादा नहीं फैले. इन आइसोलेशन सेंटर में क्षेत्र में लंपी डीजीज से ग्रसित गायों को रखा जाएगा. साथ ही वैक्सीनेशन का प्रोग्राम भी सुचारू रूप से चालू है.

ग्राम पंचायत स्तर व शहरी क्षेत्रों में बनाए जा रहे आइसोलेशन सेंटर

पढ़ें: प्रदेश में लंपी से 50 हजार गायों की मौत, रोजाना 1200 से 1400 गाएं तोड़ रही दम

उन्‍होंने कहा कि जहा लंपी का संक्रमण नहीं है, वहां पर वैक्सीनेशन किया जा रहा है. यह वैक्सीनेशन भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार हो रहा है. वहीं जिले में जहां डॉक्टर की कमी है, वहां वैकल्पिक व्यवस्था भी की है. जिले के ज्यादा इफेक्ट वाले ब्लॉक में अभी तक कोई डॉक्टर की कमी नहीं है. हम लोगों व पशुपालकों को भी लंपी डिजीज पर काबू पाने के लिए जागरुक कर रहे हैं. साथ ही गौशालाओं पर विशेष निगरानी रखी जा रही है, क्योंकि गोशाला में गाय अत्यधिक हैं और लंपी डिजीज फैलने का ज्यादा खतरा है.

पढ़ें: लंपी डिजीज की रोकथाम के लिए भीलवाड़ा डेयरी ने खरीदी एक लाख वैक्सीन, लगेगी मुफ्त

भीलवाड़ा पशुपालन विभाग के अनुसार, जिले में अभी तक करीब 15,800 गोवंश संक्रमित हो चुके हैं, उसमें से करीब 5326 रिकवर हो चुके हैं. अभी तक करीब 980 गोवंश की इसके चलते मौत हो चुकी (cows death in Bhilwara due to lumpy) है. 16,571 गोवंश को वैक्सीन लगाई जा चुकी है. पशुपालन विभाग के अनुसार आसींद, बदनोर, बनेड़ा, भीलवाड़ा, बिजौलियां, हमीरगढ़, हुरड़ा, जहाजपुर, करेड़ा, कोटड़ी, मांडल, रायपुर क्षेत्र के करीब 969 गांवों में मवेशी लंपी की चपेट में हैं. पशुपालक व समाजसेवी पशुधन को बचाने में आगे आ रहे हैं.


पढ़ें: लंपी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के मुद्दे पर भाजपा और राज्य सरकार आमने-सामने

जिले में लंबी डीजी से मृत गायों का आंकड़ा:

  • हमीरगढ़-0
  • बिजौलियां- 1
  • जहाजपुर- 4
  • माण्डलगढ़- 8
  • कोटड़ी- 16
  • बनेड़ा-20
  • शाहपुरा- 27
  • रायपुर-34
  • भीलवाड़ा- 35
  • माण्डल-59
  • करेड़ा- 59
  • फूलियाकलां- 66
  • सहाड़ा- 94
  • बदनोर- 130
  • आसीन्द- 174
  • हुरड़ा- 253
  • कुल- 980
Last Updated : Sep 14, 2022, 12:01 AM IST
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