भीलवाड़ा. जिले के पशुपालकों के भविष्य के लिए भीलवाड़ा दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ ने अनूठी पहल की है. जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ द्वारा जिले के 15 हजार पशुपालकों को एक्सीडेंट के दौरान सिर की चोट से बचाने के लिए जल्द ही हेलमेट वितरित किए जाएंगे. यह हेलमेट सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के हाथों से पशुपालकों को दिए जाएंगे, जिसके लिए भीलवाड़ा दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ ने समस्त तैयारियां पूरी कर ली है. वहीं दिसंबर के दूसरे सप्ताह में संभवतः यह हेलमेट डेरी परिसर में ही वितरित किए जाएंगे.
भीलवाड़ा दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के एम. डी. एल के जैन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि भीलवाड़ा दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ किसान हितेषी होते हुए समय-समय पर किसानों के जीवन रक्षा के लिए भी अनूठा कदम उठाती है. इसी के तहत हमारे संचालन मंडल ने जिले के पशुपालकों को हेलमेट वितरण करने का निर्णय लिया था.
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वहीं जिले में अब तक 65 हजार पशुपालक है. जिसमें से प्रथम दौर में 15 हजार पशुपालकों को आगामी 10 से 15 दिसंबर के बीच डेरी परिसर में ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा उच्च गुणवत्ता वाला हेलमेट वितरित किया जाएंगे. जिसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री से भी हरी झंडी मिल गई है. वहीं हमने भी स्थानीय स्तर पर समस्त तैयारियां पूरी कर ली है.
वहीं मुख्यमंत्री जब भीलवाड़ा आएंगे तो इसी डेरी परिसर में 75 करोड रुपए की लागत का बनने वाला दूध का नया प्लांट का भी शिलान्यास किया जाएगा. वर्तमान में भीलवाड़ा दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति में ढाई लाख लीटर दूध स्टोरेज का प्लांट है, लेकिन दूध ज्यादा आने के कारण अब नया प्लांट भी बनाया जा रहा है. जो लगभग 5 लाख लीटर का होगा. कुल मिलाकर भीलवाड़ा डेयरी परिसर में नया प्लांट बनने के बाद साढे सात लाख लीटर दूध स्टोरेज किया जा सकेगा.
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हैलमेट से वंचित रहे पशुपालकों को भी जिस तरह हम चारा कुट्टी की मशीन अनुदान पर दे रहे हैं. उसी तरह आगे इनको भी विशेष गुणवत्ता वाला हेलमेट वितरित किए जाएंगे. हेलमेट के लिए 15 हजार पशुपालकों की लिस्ट बन गई है. इनको मात्र 400 रुपये लेकर उच्च गुणवत्ता वाला हेलमेट दिया जाएगा.
हमारा उद्देश्य है कि जिले के अंदर प्रतिदिन दौ एक्सीडेंट होते हैं, जो सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्र में होते हैं. वहां लोगों के पास हेलमेट नहीं होने और यातायात नियमों की जानकारी नहीं होने के कारण एक्सीडेंट दर ज्यादा है.
जहां परिवहन विभाग से हम मिलकर यह हेलमेट देने जा रहे है. जिससे लोगों को यातायात नियमों की जानकारी देते हुए भविष्य सुरक्षित रखने की भी जानकारी दी जाएगी. अब देखना यह होगा कि 15 हजार हेलमेट वितरण के बाद बाकी रहे पशु पालकों को और कब हेलमेट दिए जाते हैं जिससे उनका भी एक्सीडेंट के दौरान सिर सुरक्षित रह सके.