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लोकसभा चुनाव 2019: भीलवाड़ा में अबतक रहा कांग्रेस का पलड़ा भारी...क्या अब भाजपा दोबारा मारेगी बाजी

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Published : Mar 28, 2019, 3:08 PM IST

राजस्थान की भीलवाड़ा लोकसभा सीट से भाजपा ने अपना दोबारा प्रत्याशी सुभाष बहेडिया को ही चुना है. पार्टी ने पुन बहेडिया पर भरोसा जताया है.

भीलवाड़ा में अबतक रहा कांग्रेस का पलटा भारी


भीलवाड़ा. लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान के बाद भाजपा ने तो प्रत्याशी की घोषणा कर दी है. भाजपा ने वर्तमान सांसद सुभाष बहेडिया पर ही पुन भरोसा जताते हुए चौथी बार लोकसभा चुनाव मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस की ओर से अभी तक उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई है.

भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र राजस्थान और मेवाड़ की सियासत में महत्वपूर्ण भूमिका रखता है. भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में अब तक हुए चुनाव में यहां कुल 16 बार चुनाव हुए. जिसमें एक बार उपचुनाव भी शामिल है. भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से पहली बार 1952 में रामराज्य पार्टी से हरिराम नथानी विजयी हुए थे. इन 16 बार हुए चुनाव में कांग्रेस पार्टी 8 बार, भाजपा पार्टी -4 बार , जनता दल -एक बार ,जनता पार्टी- एक बार, राम राज्य परिषद-एक बार, जनसंघ - एक बार विजय हुए है.

  • वर्ष 1952 - हरिराम नथानी, राम राज्य परिषद
  • वर्ष 1997- रमेश चंद्र व्यास , कांग्रेस
  • वर्ष 1962- कालूलाल श्रीमाली, कांग्रेस
  • वर्ष 1964 - शिवचरण माथुर, कांग्रेस ( उपचुनाव )
  • वर्ष 1971- हेमेंद्र सिंह बनेड़ा, जनसंघ
  • वर्ष 1977- रूप लाल सोमानी, जनता पार्टी
  • वर्ष 1980- गिरधारी लाल व्यास ,कांग्रेस
  • वर्ष 1986- गिरधारी लाल व्यास, कांग्रेस
  • वर्ष 1989- हेमेन्द्र सिंह बनेडा, जनता दल
  • वर्ष 1991- शिवचरण माथुर, कांग्रेस
  • वर्ष 1996- सुभाष चंद बहेडिया, भाजपा
  • वर्ष 1998- रामपाल उपाध्याय, कांग्रेस
  • वर्ष 1999- वीपी सिह बदनोर, भाजपा
  • वर्ष 2004- वी पी सिह बदनोर, भाजपा
  • वर्ष 2009- डॉ. सीपी जोशी, कांग्रेस
  • वर्ष 2014- सुभाष चंद्र बहेडिया, भाजपा

भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत भीलवाड़ा जिले की 7 विधानसभा-आसींद, भीलवाड़ा, मांडलगढ़, शाहपुरा, जहाजपुर, सहाड़ा, मांडल और बूंदी जिले की एक विधानसभा हिड़ोली आती है.

भीलवाड़ा में अबतक रहा कांग्रेस का पलटा भारी

भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से 1964 में उपचुनाव के माध्यम से सांसद बनकर अपना सियासी सफर शुरू करने वाली शिवचरण माथुर ने एक बार नहीं बल्कि दो-दो बार राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में शून्य से शिखर तक का सफर पूरा किया था. इस लोकसभा क्षेत्र में राजस्थान में श्रमिक आंदोलन के प्रणेता और प्रमुख स्वाधीनता सेनानी रमेश चंद्र व्यास अपना प्रथम चुनाव हार बैठे थे. बाद में उन्हें 2 बार जीत भी मिली थी. भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे गिरधारी लाल व्यास भी दो बार सांसद चुने गए.

वहीं हेमेंद्र सिंह बनेड़ा 1971 के चुनाव में 25 साल की उम्र में इस क्षेत्र से देश के सबसे कम उम्र के सांसद बनने का गौरव प्राप्त कर चुके हैं. भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में साल 1962 में कालू लाल श्रीमाली, केंद्रीय शिक्षा मंत्री रहे तो साल 2009 में डॉक्टर सीपी जोशी, मनमोहन सिंह सरकार में काबीना मंत्री रहे. अब तक यह दोनों केंद्रीय मंत्री भीलवाड़ा जिले के रहने वाले नहीं थे. अब देखना यह होगा कि दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों की घोषणा के बाद इस लोकसभा चुनाव से विजयी होकर कौन राजधानी में लोकसभा की चौखट पर पहुंचता है.


भीलवाड़ा. लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान के बाद भाजपा ने तो प्रत्याशी की घोषणा कर दी है. भाजपा ने वर्तमान सांसद सुभाष बहेडिया पर ही पुन भरोसा जताते हुए चौथी बार लोकसभा चुनाव मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस की ओर से अभी तक उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई है.

भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र राजस्थान और मेवाड़ की सियासत में महत्वपूर्ण भूमिका रखता है. भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में अब तक हुए चुनाव में यहां कुल 16 बार चुनाव हुए. जिसमें एक बार उपचुनाव भी शामिल है. भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से पहली बार 1952 में रामराज्य पार्टी से हरिराम नथानी विजयी हुए थे. इन 16 बार हुए चुनाव में कांग्रेस पार्टी 8 बार, भाजपा पार्टी -4 बार , जनता दल -एक बार ,जनता पार्टी- एक बार, राम राज्य परिषद-एक बार, जनसंघ - एक बार विजय हुए है.

  • वर्ष 1952 - हरिराम नथानी, राम राज्य परिषद
  • वर्ष 1997- रमेश चंद्र व्यास , कांग्रेस
  • वर्ष 1962- कालूलाल श्रीमाली, कांग्रेस
  • वर्ष 1964 - शिवचरण माथुर, कांग्रेस ( उपचुनाव )
  • वर्ष 1971- हेमेंद्र सिंह बनेड़ा, जनसंघ
  • वर्ष 1977- रूप लाल सोमानी, जनता पार्टी
  • वर्ष 1980- गिरधारी लाल व्यास ,कांग्रेस
  • वर्ष 1986- गिरधारी लाल व्यास, कांग्रेस
  • वर्ष 1989- हेमेन्द्र सिंह बनेडा, जनता दल
  • वर्ष 1991- शिवचरण माथुर, कांग्रेस
  • वर्ष 1996- सुभाष चंद बहेडिया, भाजपा
  • वर्ष 1998- रामपाल उपाध्याय, कांग्रेस
  • वर्ष 1999- वीपी सिह बदनोर, भाजपा
  • वर्ष 2004- वी पी सिह बदनोर, भाजपा
  • वर्ष 2009- डॉ. सीपी जोशी, कांग्रेस
  • वर्ष 2014- सुभाष चंद्र बहेडिया, भाजपा

भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत भीलवाड़ा जिले की 7 विधानसभा-आसींद, भीलवाड़ा, मांडलगढ़, शाहपुरा, जहाजपुर, सहाड़ा, मांडल और बूंदी जिले की एक विधानसभा हिड़ोली आती है.

भीलवाड़ा में अबतक रहा कांग्रेस का पलटा भारी

भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से 1964 में उपचुनाव के माध्यम से सांसद बनकर अपना सियासी सफर शुरू करने वाली शिवचरण माथुर ने एक बार नहीं बल्कि दो-दो बार राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में शून्य से शिखर तक का सफर पूरा किया था. इस लोकसभा क्षेत्र में राजस्थान में श्रमिक आंदोलन के प्रणेता और प्रमुख स्वाधीनता सेनानी रमेश चंद्र व्यास अपना प्रथम चुनाव हार बैठे थे. बाद में उन्हें 2 बार जीत भी मिली थी. भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे गिरधारी लाल व्यास भी दो बार सांसद चुने गए.

वहीं हेमेंद्र सिंह बनेड़ा 1971 के चुनाव में 25 साल की उम्र में इस क्षेत्र से देश के सबसे कम उम्र के सांसद बनने का गौरव प्राप्त कर चुके हैं. भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में साल 1962 में कालू लाल श्रीमाली, केंद्रीय शिक्षा मंत्री रहे तो साल 2009 में डॉक्टर सीपी जोशी, मनमोहन सिंह सरकार में काबीना मंत्री रहे. अब तक यह दोनों केंद्रीय मंत्री भीलवाड़ा जिले के रहने वाले नहीं थे. अब देखना यह होगा कि दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों की घोषणा के बाद इस लोकसभा चुनाव से विजयी होकर कौन राजधानी में लोकसभा की चौखट पर पहुंचता है.

Intro:लोकसभा चुनाव में अब तक काग्रेस का ज्यादा रहा कब्जा

देश में सबसे पहले युवा सांसद भी भीलवाड़ा से चुने गए।

भीलवाड़ा - भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान के बाद भाजपा ने तो प्रत्याशी की घोषणा करती है और भाजपा ने वर्तमान सांसद सुभाष बहेडिया पर ही पुन भरोसा जताते हुए चौथी बार लोकसभा चुनाव मैदान में उतारा है । वहीं कांग्रेस की ओर से अभी तक उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई है ।


Body:भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र राजस्थान और मेवाड़ की सियासत में महत्वपूर्ण भूमिका रखता है भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में अब तक हुए चुनाव में यहां कुल 16 बार चुनाव हुए जिसमें एक बार उपचुनाव भी शामिल है भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से पहली बार 1952 में रामराज्य पार्टी से हरिराम नथानी विजई हुए थे । इन 16 बार हुए उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी 8 बार , भाजपा पार्टी -4 बार , जनता दल -एक बार ,जनता पार्टी- एक बार ,राम राज्य परिषद-एक बार , जनसंघ - एक बार विजय हुए।

1 - वर्ष 1952 , हरिराम नथानी ,राम राज्य परिषद ।

2 - वर्ष 1997 , रमेश चंद्र व्यास ,कांग्रेश (प्रमुख स्वाधीनता सेनानी और इंटर के संस्थापक )।

3 - वर्ष 1962 कालूलाल श्रीमाली, कांग्रेश( केंद्रीय शिक्षा मंत्री रहे) ।

4 - वर्ष 1964 , शिवचरण माथुर ,कांग्रेश( उपचुनाव )

5 - वर्ष 1971 , हेमेंद्र सिंह बनेड़ा, जनसंघ।

6 - वर्ष 1977, रूप लाल सोमानी ,जनता पार्टी ।

7 - वर्ष 1980, गिरधारी लाल व्यास ,कांग्रेस , (प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष)।

8 - वर्ष 1986, गिरधारी लाल व्यास, कांग्रेश ।

9 - वर्ष 1989, हेमेन्द्र सिंह बनेडा , जनता दल ।

10 - वर्ष 1991, शिवचरण माथुर ,कांग्रेस ( मुख्यमंत्री और राज्यपाल रहे)

11 - वर्ष 1996 ,सुभाष चंद बहेडिया , भाजपा।

12 - वर्ष 1998 ,रामपाल उपाध्याय, कांग्रेस।

13 - वर्ष 1999 , वीपी सिह बदनोर , भाजपा ।

14 - वर्ष 2004 ,वी पी सिह बदनोर , भाजपा।

15 -वर्ष 2009 , डां सी पी जोशी ,कांग्रेस( केंद्र में मंत्री रहे )

16 -वर्ष 2014 ,सुभाष चंद्र बहेडिया भाजपा

भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में भीलवाड़ा जिले की 7 और बुन्दी जिले के हिंडोली विधानसभा क्षेत्र शामिल है।

भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र राजस्थान और मेवाड़ की सियासत में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है । क्षेत्र से 1964 में उपचुनाव के माध्यम से सांसद बनकर अपना सियासी सफर शुरू करने वाली शिवचरण माथुर ने एक बार नहीं बल्कि दो-दो बार राजस्थान के मुख्यमंत्री के रूप में शून्य से शिखर तक का सफर पूरा किया था। इस लोकसभा क्षेत्र में राजस्थान में श्रमिक आंदोलन के प्रणेता और प्रमुख स्वाधीनता सेनानी रमेश चंद्र व्यास अपना प्रथम चुनाव हार बैठे थे । बाद में उन्हें 2 बार जीत भी मिली थी । भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रहे गिरधारी लाल व्यास भी दो बार सांसद चुने गए ।
वहीं हेमेंद्र सिंह बनेड़ा 1971 के चुनाव में 25 साल की उम्र में इस क्षेत्र से देश के सबसे कम उम्र के सांसद बनने का गौरव प्राप्त कर चुके हैं ।
भीलवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में साल 1962 में कालू लाल श्रीमाली केंद्रीय शिक्षा मंत्री रहे तो साल 2009 में डॉक्टर सीपी जोशी मनमोहन सिंह सरकार में काबीना मंत्री रहे। अब तक यह दोनों केंद्रीय मंत्री भीलवाड़ा जिले के रहने वाले नही थे ।




Conclusion:अब देखना यह होगा कि दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों की घोषणा के बाद इस लोकसभा चुनाव से विजई होकर कौन राजधानी में लोकसभा की चौखट पर पंहुचता है।

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