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'अपनों' से मिलकर छलक पड़े आंसू, 12 साल पहले लापता बालिका लौटी घर...दिल्ली के एनजीओ में रहकर की पढ़ाई

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Published : Jun 16, 2021, 4:49 PM IST

भीलवाड़ा के करेड़ा थाना क्षेत्र की महज सात साल की उम्र में घर के बाहर ही खेलते-खेलते एक बालिका गुम हो गई थी. परिजनों ने उसे ढूंढने के काफी प्रयास किए लेकिन सफलता नहीं मिली. 12 साल दिल्ली में एक एनजीओ में रहने के बाद वह बालिका वापस अपने घर लौटी तो परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. अपनों से मिलकर परिजनों और बालिका के आंसू छलक पड़े तो वहीं घर में उत्सव का माहौल है.

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लापता बालिका लौटी घर

भीलवाड़ा. जिले के करेड़ा थाना क्षेत्र की एक बालिका 7 वर्ष की थी तब अपनों से बिछड़ गई. बालिका दिल्ली में एनजीओ में पढ़ाई करने के दौरान बड़ी हुई. परिवार का नाम, पता बताने पर करेड़ा पुलिस को सूचना दी गई और बालिका को पुलिस की मौजूदगी में उसके गांव ले जाया गया. बारह साल बाद घर से गुम हुई 7 साल की बालिका दिल्‍ली से 10वीं पास कर लौटी तो परिजनों के चेहरे पर खुशी देखते ही बन रही थी.

लापता बालिका लौटी घर

ये कहानी भीलवाड़ा जिले के करेड़ा कस्‍बे की. जहां से साल 2009 में बक्‍शु लाल की 7 साल की बच्‍ची घर से खेलते समय गुम हो गई. बच्‍ची को ढूंढने के लिए माता-पिता ने सारे जतन किये मगर कहीं पता नहीं चला. साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों से लापता बालिका की गुमशुदगी को अपहरण में दर्ज कर एक बार फिर पुलिस ने उसे ढूंढने का प्रयास किया मगर सफलता नहीं मिली. कुछ दिनों पहले दिल्‍ली के कश्‍मीरी गेट स्थित किलकारी रैन्‍बों होम से करेड़ा पुलिस को गुमशुदा बच्‍ची के बारे में फोन आया. करेड़ा पुलिस बच्‍ची के माता-पिता को साथ लेकर दिल्‍ली गई और वहां 12 साल बाद बिछड़ी बच्‍ची का माता-पिता से मिलन हुआ.

पढ़ें: 'इमली' को पसंद आई रामोजी फिल्म सिटी, देखिए ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत

इन 12 सालों में बच्‍ची ने 10वीं पास कर ली है और हिन्‍दी और अंग्रेजी में बातें भी करने लगी है. अपनी बेटी के मिलने की आस छोड़ चुके पिता बक्‍शु लाल की आंख में खुशी के आंसू थे. पिता बक्‍शु लाल ने कहा कि साल 2009 में एक हाथी वाला यहां आया था. इसी दौरान मेरी बच्‍ची मीना गुम हो गयी थी जिसे हमने काफी तलाश किया लेकिन वह नहीं मिली. हमने थाने में रिपोर्ट दर्ज करवायी थी. आज हम खुश हैं कि हमारी बच्‍ची स‍ही सलामत वापस घर लौट आयी है.

बालिका मीना ने कहा कि उसे नहीं पता कि वह किस तरह दिल्‍ली पहुंची. वहां पर पुलिस ने उसे दिल्‍ली के किलकारी रैन्‍बो हॉम में भेज दिया था. जहां मैंने 10वीं तक पढ़ाई की और कुछ दिनों पहले ही मैंने अपने घर के बारे में व्‍यवस्‍थापकों को जानकारी दी. जिन्‍होंने मेरे माता-पिता से सम्‍पर्क कर मुझे यहां भेजा है. मुझे माता-पिता और भाई-बहनों से मिलकर बहुत खुशी हो रही है. बनेडा थानाधिकारी सुरेन्‍द्र गोदरा ने कहा कि बालिका के सर्वोत्‍तम हितों को ध्‍यान में रखते हुए इसे बाल कल्‍याण समिति में ले जाएंगे जहां उसके बयानों के आधार पर आगे कार्यवाही की जायेगी.

भीलवाड़ा. जिले के करेड़ा थाना क्षेत्र की एक बालिका 7 वर्ष की थी तब अपनों से बिछड़ गई. बालिका दिल्ली में एनजीओ में पढ़ाई करने के दौरान बड़ी हुई. परिवार का नाम, पता बताने पर करेड़ा पुलिस को सूचना दी गई और बालिका को पुलिस की मौजूदगी में उसके गांव ले जाया गया. बारह साल बाद घर से गुम हुई 7 साल की बालिका दिल्‍ली से 10वीं पास कर लौटी तो परिजनों के चेहरे पर खुशी देखते ही बन रही थी.

लापता बालिका लौटी घर

ये कहानी भीलवाड़ा जिले के करेड़ा कस्‍बे की. जहां से साल 2009 में बक्‍शु लाल की 7 साल की बच्‍ची घर से खेलते समय गुम हो गई. बच्‍ची को ढूंढने के लिए माता-पिता ने सारे जतन किये मगर कहीं पता नहीं चला. साल 2016 में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों से लापता बालिका की गुमशुदगी को अपहरण में दर्ज कर एक बार फिर पुलिस ने उसे ढूंढने का प्रयास किया मगर सफलता नहीं मिली. कुछ दिनों पहले दिल्‍ली के कश्‍मीरी गेट स्थित किलकारी रैन्‍बों होम से करेड़ा पुलिस को गुमशुदा बच्‍ची के बारे में फोन आया. करेड़ा पुलिस बच्‍ची के माता-पिता को साथ लेकर दिल्‍ली गई और वहां 12 साल बाद बिछड़ी बच्‍ची का माता-पिता से मिलन हुआ.

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इन 12 सालों में बच्‍ची ने 10वीं पास कर ली है और हिन्‍दी और अंग्रेजी में बातें भी करने लगी है. अपनी बेटी के मिलने की आस छोड़ चुके पिता बक्‍शु लाल की आंख में खुशी के आंसू थे. पिता बक्‍शु लाल ने कहा कि साल 2009 में एक हाथी वाला यहां आया था. इसी दौरान मेरी बच्‍ची मीना गुम हो गयी थी जिसे हमने काफी तलाश किया लेकिन वह नहीं मिली. हमने थाने में रिपोर्ट दर्ज करवायी थी. आज हम खुश हैं कि हमारी बच्‍ची स‍ही सलामत वापस घर लौट आयी है.

बालिका मीना ने कहा कि उसे नहीं पता कि वह किस तरह दिल्‍ली पहुंची. वहां पर पुलिस ने उसे दिल्‍ली के किलकारी रैन्‍बो हॉम में भेज दिया था. जहां मैंने 10वीं तक पढ़ाई की और कुछ दिनों पहले ही मैंने अपने घर के बारे में व्‍यवस्‍थापकों को जानकारी दी. जिन्‍होंने मेरे माता-पिता से सम्‍पर्क कर मुझे यहां भेजा है. मुझे माता-पिता और भाई-बहनों से मिलकर बहुत खुशी हो रही है. बनेडा थानाधिकारी सुरेन्‍द्र गोदरा ने कहा कि बालिका के सर्वोत्‍तम हितों को ध्‍यान में रखते हुए इसे बाल कल्‍याण समिति में ले जाएंगे जहां उसके बयानों के आधार पर आगे कार्यवाही की जायेगी.

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