भीलवाड़ा. शांतिदूत आचार्य महाश्रमण के चातुर्मास का मंगल प्रवेश रविवार को भीलवाड़ा शहर के आदित्य विहार में हुआ. इस दौरान पंजाब के राज्यपाल वी. पी. सिंह बदनोर सहित जिले के तमाम राजनेता मौजूद रहे.
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जहां आचार्य महाश्रमण ने अपने उपदेश के दौरान राजनेताओं को सेवा का पाठ पढ़ाया और कहा कि राजनीति में आकर राजनेता जनता की सेवा ना करें तो फिर राजनीति में आना ही बेकार है. वहीं, पंजाब के राज्यपाल वी. पी. सिंह बदनोर ने प्रेस से मुखातिब होते हुए कहा कि मैंने भी पंजाब में चातुर्मास को लेकर महाश्रमण जी से निवेदन किया था.
मंगल प्रवेश के दौरान पंजाब के राज्यपाल वी.पी सिंह बदनोर सहित भारत के अलग-अलग स्थान से जैन समाज के लोग और भीलवाड़ा जिले के राजनेता इसके साक्षी बने. मंगल प्रवेश के बाद आचार्य महाश्रमण ने उपदेश देते हुए कहा कि राजनीति बहुत महत्वपूर्ण सेवा का साधन है अगर राजनेता सेवाभाव से सेवा करें तो पिड़ित व्यक्ति को न्याय मिल सकता है.
राजनेताओं को सत्ता सुख भोगने के लिए नहीं बल्कि जनता की सेवा करने के लिए है. राजनीति में आकर राजनेता जनता की सेवा न करें तो फिर राजनीति में आना बेकार है. जहां आचार्य महाश्रमण ने अपने उपदेश के दौरान राजनेताओं को सेवा का पाठ पढ़ाने के दौरान संस्कृत में श्लोक का वाचन भी किया.
आचार्य महाश्रमण के उपदेश के बाद पंजाब के राज्यपाल वी पी सिंह बदनोर ने संबोधित करते हुए कहां की त्याग, तपस्या और बलिदान की धरती में आचार्य महाश्रमण के चातुर्मास से भीलवाड़ा जिले ही नहीं पूरे मेवाड़ क्षेत्र में लोगों को धर्म के बारे में उपदेश मिलेगा. कार्यक्रम में जैन समाज के चातुर्मास समिति की ओर से तमाम राजनेताओं का स्वागत किया गया.
समापन के बाद पंजाब के राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनोर ने प्रेस से मुखातिब होते हुए कहा कि मेरा सौभाग्य है कि आचार्य महाश्रमण जी के चातुर्मास जो भीलवाड़ा में हो रहा है उसके मंगल प्रवेश के मौके पर उपस्थित हुआ हूं. जहां आचार्य महाश्रमण जी ने डेमोक्रेसी, रेस्पॉन्सब्लिटी और ड्यूटी पर जो उपदेश दिया है वह वास्तव में हम लोगों को अपने जीवन में उतारना चाहिए.
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जब आचार्य महाश्रमण चेन्नई में चातुर्मास कर रहे थे उस दौरान मैं भी पंजाब के लोगों के साथ चेन्नई में इनके दर्शन करने गया और पंजाब में चातुर्मास करने के लिए विनती कि थी. आज भी मैंने आचार्य महाश्रमण जी को पंजाब में चातुर्मास करने के लिए निवेदन किया कि वह वहां पधारें. आज मंगल प्रवेश में पंजाब से भी काफी संख्या में लोग आते, लेकिन कोरोना महामारी के चलते भक्तजन उपस्थित नहीं हो सके.
राज्यपाल ने कहा कि मैं आचार्य महाश्रमण जी का लंबे समय से भक्त हूं. जब यह युवाचार्य थे तब आसींद में आचार्य महाप्रज्ञ का चातुर्मास हुआ था उस समय मैं भीलवाड़ा जिले से जनप्रतिनिधि था और वहां हमेशा मौजूद रहता था.