भीलवाड़ा. जिले में मानसून सक्रिय नहीं होने के कारण अब तक 50 प्रतिशत क्षेत्र में ही खरीफ की फसल की बुवाई हो सकी है. कुछ जगह तो किसान बरसात का इंतजार कर रहे हैं. वहीं कृषि विभाग ने किसानों से कहा कि कम समय के लिए दलहनी फसलों की बुवाई करें, जिससे कम बरसात में उपज हो सके.
जुलाई माह के प्रथम पखवाड़े में भीलवाड़ा जिले में मानसून सक्रिय नहीं होने के कारण किसान चिंतित हैं. जिले में अब तक कुछ क्षेत्र में बरसात होने के कारण 50 प्रतिशत क्षेत्र में ही खरीफ की फसल के रूप में ज्वार, बाजरा, सोयाबीन, मूंग, उड़द, तिल और ग्वार की फसल की बुवाई हो पाई है. वहीं, जिले के कुछ किसान अभी भी बरसात की आस लगाए बैठे हैं, जिससे वह अपनी फसल की बुवाई कर सकें.
वहीं, भीलवाड़ा कृषि विभाग के उपनिदेशक रामपाल खटीक ने बताया कि जिले में 600 मिलीमीटर औसत बरसात होती है. यहां अब तक 95 मिलीमीटर बरसात हुई है, जिससे 50 प्रतिशत एरिया में खरीफ की फसल की बुआई हो पाई है. जिले में कृषि विभाग के अनुसार 4 लाख 37 हजार हेक्टेयर भूमि में खरीब की फसल की बुवाई का लक्ष्य रखा गया है. उसके अनुरूप 2 लाख 20 हजार हेक्टेयर भूमि में खरीफ की फसल की बुवाई हो चुकी है.
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भीलवाड़ा जिले में मक्का 1 लाख 65 हजार हेक्टेयर के अनुरूप 97 हजार हेक्टेयर भूमि में बुवाई हो चुकी है. वहीं ज्वार की 57 हजार हेक्टेयर की तुलना में 18 हजार हेक्टेयर भूमि में बुवाई हुई है. मूंगफली 10 हजार हेक्टेयर की तुलना में 6 हजार हेक्टेयर भूमि में बुवाई हुई है. वहीं जुलाई माह में मानसून सक्रिय नहीं है, जिससे किसान चिंतित है. उपनिदेशक रामपाल ने कहा कि जिले के सभी कृषि पर्यवेक्षकों को निर्देश दिए हैं कि जिले के किसानों को सलाह दें.