भीलवाड़ा. जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क हादसों में होने वाली मौतों पर अंकुश लगाने के लिए भीलवाड़ा में हेलमेट वितरण शुरू की गई. भीलवाड़ा दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ की ओर से जिले के 15 हजार पशुपालकों को हेलमेट देने का लक्ष्य रखा गया है. जिसकी शुरुआत प्रदेश मुख्यालय पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2 पशुपालकों को प्रमाणिक कंपनी के हेलमेट पहनाकर की. वहीं, भीलवाड़ा जिला मुख्यालय पर जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और जनप्रतिनिधियों ने 12 से ज्यादा पशुपालकों को हेलमेट पहनाकर वाहन रैली को हरी झंडी दिखाई.
इस मौके पर हेलमेट लेने आए पशुपालक नारायण लाल गुर्जर ने कहा कि मैं जिले के शाहपुरा क्षेत्र का निवासी हूं. हेलमेट जीवन के सुरक्षा के लिए बहुत अच्छा है. जीवन बचाने के लिए यह एक उपहार साबित हो सकता है. उन्होंने कहा कि हमारे डेरी द्वारा दूसरे पशुपालकों को भी हेलमेट वितरित किए जाएंगे, जिससे उनकी जीवन की रक्षा हो सके. वहीं, भीलवाड़ा दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री रामलाल जाट ने कहा कि आज मुख्यमंत्री प्रदेश में एक्सीडेंट से हुई मौतों की संख्या कम करने के लिए सजग है.
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उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने हमारे हुरडा क्षेत्र के सुराज गांव के डेयरी सचिव और आसीन्द क्षेत्र के नानू राम कुमावत को हेलमेट पहनाकर इसकी शुरुआत करवाई. इसके साथ ही हमने यहां सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए जिला मुख्यालय पर जनप्रतिनिधि कलेक्टर और एसपी के सानिध्य में 20-22 पशुपालकों को हेलमेट पहनाकर रवाना किया. वहीं, बाकी किसानों को कोरोना के कारण एकत्रित नहीं किया. इसलिए उनको घर पर ही हेलमेट पहुंचाए जाएंगे. बता दें कि भीलवाड़ा प्रथम फेज में 15 हजार पशुपालकों को लगभग 80 लाख रुपये की लागत के हेलमेट वितरित किए जा रहे हैं.
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इस मौके पर भीलवाड़ा के नवनियुक्त पुलिस अधीक्षक प्रीति चंद्रा ने कहा कि भीलवाड़ा दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ की ओर से 15 हजार हेलमेट वितरण का कार्यक्रम रखा गया. जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसका शुभारंभ किया. मुख्यमंत्री ने हम सभी को यही मैसेज दिया कि हेलमेट अनिवार्य रूप से हर आदमी को पहनना है. सरकार का यह स्पष्ट निर्देश है कि एक्सीडेंट से मौत की संख्या में 50 प्रतिशत की कमी लानी है.