भरतपुर. बहुचर्चित मिथिलेश हत्याकांड में पुलिस जांच पर एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. अप्रैल 2019 में मिथिलेश हत्याकांड मामले में जिस रिक्शा चालक अरुण कटारा को पुलिस ने आरोपी मानते हुए गिरफ्तार किया था, उसी व्यक्ति को पुलिस के उच्चाधिकारियों ने निर्दोष मानते हुए रिहा करने के आदेश दिए हैं. वहीं, जमानत पर रिहा अरुण और उसके परिजनों को अभी तक पुलिस की ओर से इस संबंध में कोई जानकारी ही नहीं दी गई है.
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यह था मामला
10 अप्रैल 2019 को शहर की आदर्श नगर निवासी मिथिलेश गुप्ता पत्नी सुरेश गुप्ता की चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई थी और उसके जेवरात भी चुरा लिए गए थे. इस संबंध में मृतका के पति सुरेश गुप्ता ने कोतवाली थाने में मामला दर्ज कराया था. पूरे मामले में पुलिस ने तफ्तीश करने के बाद गोपालगढ़ मोहल्ला निवासी एक रिक्शा चालक अरुण कटारा को हत्या का आरोपी मानते हुए गिरफ्तार कर लिया था.
निर्दोष निकला अरुण
हत्या के करीब 2 साल बाद 16 अप्रैल 2021 को उपमहानिरीक्षक पुलिस, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप जयपुर रणधीर सिंह ने पूरे मामले की अलग से जांच कराई और इस मामले में आरोपी अरुण कटारा की अपराध में संलिप्तता के साक्ष्य नहीं पाए जाने पर धारा 169 सीआरपीसी के तहत रिहाई की कार्रवाई करवाए जाने का आदेश भरतपुर पुलिस अधीक्षक को भेजा.
वहीं, अरुण कटारा के भाई जितेंद्र कटारा ने बताया कि मिथिलेश हत्याकांड मामले में उसके भाई अरुण कटारा को 19 सितंबर 2019 को जमानत मिल गई थी. लेकिन पुलिस के उच्चाधिकारियों द्वारा अभी तक अरुण कटारा के निर्दोष करार दिए जाने की सूचना परिजनों को नहीं दी गई है.
गौरतलब है कि मिथिलेश हत्याकांड मामले में जब पुलिस द्वारा गोपालगढ़ मोहल्ला निवासी अरुण कटारा को आरोपी मानते हुए गिरफ्तार किया था, उसी समय मिथिलेश के परिजनों ने पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध किया था. साथ ही अरुण कटारा को मिथलेश के परिजनों ने निर्दोष बताया और अरुण के समर्थन में विरोध प्रदर्शन और रैलियां भी निकाली थी.