भरतपुर. तकनीकी खेती विषय पर भरतपुर में दो दिवसीय सेमीनार का शुभारंभ हुआ. इस अवसर पर जिला कलेक्टर नथमल डिडेल ने किसानों से अपील किया कि बदलते परिवेश और कोरोना काल में उद्यानिकी फसलों विशेष रूप से बगीचों की स्थापना पर ध्यान दें.
कलेक्टर नथमल डिडेल ने कहा कि उद्यान विभाग के सहयोग से उच्च गुणवत्ता वाली किस्मों का चयन करते हुए स्वयं की आमदनी बढ़ाने के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में अन्य लोगों को भी रोजगार उपलब्ध कराए जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि किसान अपनी दिनचर्या के साथ-साथ कार्यप्रणाली और कार्यशैली में भी बदलाव लाएं. धान्य फसलों के साथ ही आधुनिक उद्यानिकी फसलों को भी उगाएं. फसल विविधीकरण के तहत अधिक उत्पादन, अधिक लाभ तथा ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक रोजगार पैदा करने की अवधारणा को साकार करें. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में हुए जलवायु परिवर्तन को मद्देनजर रखते हुए केवल गेहूं, जौ, चना की खेती से जीवन-यापन नहीं हो सकता है. इसलिए बेर, अमरूद, अनार, आंवला पपीता इत्यादि ऐसे फलों के बगीचे स्थापित करें, जो भरतपुर की जलवायु में सफलतापूर्वक हो सकते हैं.
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सेमीनार में विशेषज्ञों ने स्ट्राबेरी व मशरूम की खेती की जानकारी देने के साथ ही जिले में स्ट्राबेरी की खेती के लिए प्रशिक्षण दिया गया. जिला कलेक्टर ने हाईटेक हार्टीकल्चर के तहत ग्रीन हाउस, नेट हाउस, लो टनल तथा मल्चिंग जैसी आधुनिक तकनीकी को अपनाने की अपील की. आत्मा के परियोजना निदेशक योगेश कुमार शर्मा ने किसानों से आग्रह किया कि आत्मा योजनांतर्गत विभिन्न विषयों पर आयोजित होने वाले तकनीकी प्रशिक्षणों का लाभ उठाएं. उन्होंने कहा कि कृषक तकनीकी जानकारी के लिए आत्मा के सहयोग से प्रशिक्षण प्राप्त कर अपने उत्पादन को बढाकर आय में वृद्धि करें.
सहायक निदेशक उद्यान जनकराज मीणा ने सभी अतिथियों का स्वागत एवं आभार व्यक्त करते हुए इस दो दिवसीय सेमीनार के बारे में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस सेमीनार के माध्यम से स्ट्राबेरी एवं मशरूम की खेती करने के बारे में विशेष रूप से जानकारी दी जाएगी. उन्होंने किसानों से अपील किया कि वे अपनी सामर्थ्य के अनुसार आधुनिक तकनीक के माध्यम से आगे बढ़े.
सेमीनार में सरसों अनुसंधान निदेशालय के निदेशक डॉ. पी के राय ने सरसों अनुसंधान निदेशालय पर उन्नत किस्म की सरसों की विभिन्न प्रजातियों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए किसानों से अपील की, कि अनुसंधान निदेशालय पर सरसों फसल के लिए विकसित की जा रही है. तकनीकों का उपयोग करें और अधिक पैदावार लेने की दिशा में आगे बढ़े. संयुक्त निदेशक कृषि संभाग देशराज सिंह ने सेमीनार में जिले से आए हुए किसानों को फल तथा सब्जियों की जैविक खेती के बारे में जानकारी दी और आधुनिक समय में इसके महत्व को समझते हुए स्वस्थ और निरोगी भारत का निर्माण करने में सरकार का सहयोग करें.