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Special Report : भरतपुर संभाग में बीते 3 साल में सड़क हादसों में जान गंवा चुके ढाई हजार लोग - ईटीवी भारत की खबर

हमारे देश में सड़क दुर्घनाटाओं में रोज लाखों लोग अपनी जान गंवाते है. वहीं बात करे प्रदेश के भरतपुर जिले की तो यहा पिछले तीन सालों में ढाई हजार से अधिक लोगों ने सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होकर अपनी जान गंवाई है. ईटीवी भारत ने जब बीते 3 साल के भरतपुर संभाग के दुर्घटना के आंकड़े निकाले तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. देखें पूरी रिपोर्ट...

भरतपुर सड़क हादसे, road accident in Bharatpur
ढाई हजार लोगों ने सड़क हादसों में गंवाई जान
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Published : Jul 23, 2020, 10:09 AM IST

भरतपुर. गड्ढों से भरी सड़क और जागरूकता के अभाव के चलते भरतपुर संभाग में हर दिन सड़क हादसों में लोग अपनी जान गंवा रहे हैं. संभाग के भरतपुर, धौलपुर, करौली और सवाई माधोपुर जिलों में बीते 3 साल (2017 से 2019 दिसंबर तक) में करीब 5 हजार सड़क हादसों में 2 हजार 522 लोग जान गवा चुके हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि सड़क हादसों में से 50 फीसदी सड़क हादसे अकेले भरतपुर जिले में हुए हैं. इतना ही नहीं बल्कि इन हादसों में सबसे ज्यादा जान गंवाने वाले भी भरतपुर जिले के ही लोग हैं.

3 साल में ढाई हजार लोगों ने गवांई जान

सर्वाधिक दुर्घटना और मौत भरतपुर मेंः

रेंज पुलिस कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार साल 2017 से दिसंबर 2019 तक पूरे संभाग में 4950 दुर्घटनाएं हुई, जिनमें सर्वाधिक दुर्घटनाएं भरतपुर जिले में 2032 दर्ज की गई. जबकि इस अवधि में धौलपुर में 1078, करौली में 778 और सवाई माधोपुर में 1062 दुर्घटनाएं हुई. वहीं इन दुर्घटनाओं में मौत के आंकड़ों में भी भरतपुर सबसे आगे है. इन दुर्घटनाओं में भरतपुर जिले के 1104 लोगों ने अपनी जान गंवाई है.

भरतपुर सड़क हादसे, road accident in Bharatpur
बीते 3 साल के आंकडे़

पढ़ेंः एक शाही मर्डर, जिसकी वजह से छोड़नी पड़ी थी मुख्यमंत्री को गद्दी



गड्ढे बन रहे दुर्घटना का कारणः

प्रादेशिक परिवहन अधिकारी (आरटीओ) राजेश शर्मा ने बताया कि जिले में दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण जहां दुपहिया वाहन चालकों द्वारा हेलमेट नहीं पहनना है, तो वहीं सड़क निर्माण में खामी और गड्ढे भी दुर्घटना का बड़ा कारण है. इसके लिए परिवहन विभाग ने भरतपुर जिले में दुर्घटना संभावित क्षेत्रों (ब्लैक स्पॉट) की सर्वे करके सूची तैयार की है और उन्हें दुरुस्त कराने के लिए भी बोला गया है.

भरतपुर सड़क हादसे, road accident in Bharatpur
बीते 3 साल के आंकडे़

ये हैं भरतपुर जिले के ब्लैक स्पॉटः

परिवहन विभाग कि ओर से किए गए सर्वे में जिले के कई क्षेत्र सर्वाधिक दुर्घटना वाले पाए गए हैं. इनमें भरतपुर शहर के उद्योग नगर थाना क्षेत्र में ऑयल डिपो और रारह स्टेट हाईवे 30 को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिह्नित किया गया है. चिकसाना थाना क्षेत्र में ऊंचा नगला हाईवे 21, कुम्हेर क्षेत्र में चक मीणा स्टेट हाईवे 14, रूपवास क्षेत्र में जरैला और खानसुरजापुर नेशनल हाईवे नंबर 123 मुख्य ब्लैक स्पॉट हैं.

भरतपुर सड़क हादसे, road accident in Bharatpur
बीते 3 साल के आंकडे़

जानलेवा बना जनवरी का महीनाः

संभाग में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में सर्वाधिक सड़क दुर्घटनाएं जनवरी महीने में होती हैं. जनवरी में ठंड की वजह से कोहरा बढ़ जाता है जिससे बड़ी संख्या में दुर्घटना होती है. जनवरी 2020 की बात करें तो भरतपुर में 63, धौलपुर में 33, करौली में 30 और सवाई माधोपुर में 26 सड़क हादसे हुए. वहीं इन हादसों में भरतपुर में 37, धौलपुर में 13, करौली में 10 और सवाई माधोपुर में 11 लोगों ने जान गवाई.

पढ़ेंः SPECIAL: कोरोना काल में चुनौतियों के आगे खाकी ने बदला अपना स्टाइल, कुछ इस तरह से जारी है जंग

प्रादेशिक परिवहन अधिकारी राजेश शर्मा ने बताया कि लोगों में जागरूकता के लिए विभाग की ओर से यातायात पुलिस के साथ समय-समय पर सड़क सुरक्षा सप्ताह के माध्यम से अभियान चलाया जाता है. साथ ही स्कूलों और संस्था में भी लोगों को यातायात के नियमों की पालना करने, दुपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनने और चारपहिया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट का इस्तेमाल करने के लिए भी जागरूक किया जाता है. हालांकि इस बार कोरोना संक्रमण के चलते स्कूल और महाविद्यालयों में ये अभियान संचालित नहीं हो पा रहे हैं. जिसके चलते लोगों को यातायात नियमों के लिए जागरूक करने के कार्यक्रम आयोजित नहीं हो पाए हैं

भरतपुर. गड्ढों से भरी सड़क और जागरूकता के अभाव के चलते भरतपुर संभाग में हर दिन सड़क हादसों में लोग अपनी जान गंवा रहे हैं. संभाग के भरतपुर, धौलपुर, करौली और सवाई माधोपुर जिलों में बीते 3 साल (2017 से 2019 दिसंबर तक) में करीब 5 हजार सड़क हादसों में 2 हजार 522 लोग जान गवा चुके हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि सड़क हादसों में से 50 फीसदी सड़क हादसे अकेले भरतपुर जिले में हुए हैं. इतना ही नहीं बल्कि इन हादसों में सबसे ज्यादा जान गंवाने वाले भी भरतपुर जिले के ही लोग हैं.

3 साल में ढाई हजार लोगों ने गवांई जान

सर्वाधिक दुर्घटना और मौत भरतपुर मेंः

रेंज पुलिस कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार साल 2017 से दिसंबर 2019 तक पूरे संभाग में 4950 दुर्घटनाएं हुई, जिनमें सर्वाधिक दुर्घटनाएं भरतपुर जिले में 2032 दर्ज की गई. जबकि इस अवधि में धौलपुर में 1078, करौली में 778 और सवाई माधोपुर में 1062 दुर्घटनाएं हुई. वहीं इन दुर्घटनाओं में मौत के आंकड़ों में भी भरतपुर सबसे आगे है. इन दुर्घटनाओं में भरतपुर जिले के 1104 लोगों ने अपनी जान गंवाई है.

भरतपुर सड़क हादसे, road accident in Bharatpur
बीते 3 साल के आंकडे़

पढ़ेंः एक शाही मर्डर, जिसकी वजह से छोड़नी पड़ी थी मुख्यमंत्री को गद्दी



गड्ढे बन रहे दुर्घटना का कारणः

प्रादेशिक परिवहन अधिकारी (आरटीओ) राजेश शर्मा ने बताया कि जिले में दुर्घटनाओं का सबसे बड़ा कारण जहां दुपहिया वाहन चालकों द्वारा हेलमेट नहीं पहनना है, तो वहीं सड़क निर्माण में खामी और गड्ढे भी दुर्घटना का बड़ा कारण है. इसके लिए परिवहन विभाग ने भरतपुर जिले में दुर्घटना संभावित क्षेत्रों (ब्लैक स्पॉट) की सर्वे करके सूची तैयार की है और उन्हें दुरुस्त कराने के लिए भी बोला गया है.

भरतपुर सड़क हादसे, road accident in Bharatpur
बीते 3 साल के आंकडे़

ये हैं भरतपुर जिले के ब्लैक स्पॉटः

परिवहन विभाग कि ओर से किए गए सर्वे में जिले के कई क्षेत्र सर्वाधिक दुर्घटना वाले पाए गए हैं. इनमें भरतपुर शहर के उद्योग नगर थाना क्षेत्र में ऑयल डिपो और रारह स्टेट हाईवे 30 को ब्लैक स्पॉट के रूप में चिह्नित किया गया है. चिकसाना थाना क्षेत्र में ऊंचा नगला हाईवे 21, कुम्हेर क्षेत्र में चक मीणा स्टेट हाईवे 14, रूपवास क्षेत्र में जरैला और खानसुरजापुर नेशनल हाईवे नंबर 123 मुख्य ब्लैक स्पॉट हैं.

भरतपुर सड़क हादसे, road accident in Bharatpur
बीते 3 साल के आंकडे़

जानलेवा बना जनवरी का महीनाः

संभाग में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में सर्वाधिक सड़क दुर्घटनाएं जनवरी महीने में होती हैं. जनवरी में ठंड की वजह से कोहरा बढ़ जाता है जिससे बड़ी संख्या में दुर्घटना होती है. जनवरी 2020 की बात करें तो भरतपुर में 63, धौलपुर में 33, करौली में 30 और सवाई माधोपुर में 26 सड़क हादसे हुए. वहीं इन हादसों में भरतपुर में 37, धौलपुर में 13, करौली में 10 और सवाई माधोपुर में 11 लोगों ने जान गवाई.

पढ़ेंः SPECIAL: कोरोना काल में चुनौतियों के आगे खाकी ने बदला अपना स्टाइल, कुछ इस तरह से जारी है जंग

प्रादेशिक परिवहन अधिकारी राजेश शर्मा ने बताया कि लोगों में जागरूकता के लिए विभाग की ओर से यातायात पुलिस के साथ समय-समय पर सड़क सुरक्षा सप्ताह के माध्यम से अभियान चलाया जाता है. साथ ही स्कूलों और संस्था में भी लोगों को यातायात के नियमों की पालना करने, दुपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट पहनने और चारपहिया वाहन चलाते समय सीट बेल्ट का इस्तेमाल करने के लिए भी जागरूक किया जाता है. हालांकि इस बार कोरोना संक्रमण के चलते स्कूल और महाविद्यालयों में ये अभियान संचालित नहीं हो पा रहे हैं. जिसके चलते लोगों को यातायात नियमों के लिए जागरूक करने के कार्यक्रम आयोजित नहीं हो पाए हैं

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