भरतपुर. महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय भरतपुर को स्थापित हुए 9 साल बीत गए हैं, लेकिन आज भी यह विश्वविद्यालय स्टाफ की कमी का दंश झेल रहा है. कहने को विश्वविद्यालय में शैक्षणिक और अशैक्षणिक कुल 83 पद स्वीकृत हैं, लेकिन हकीकत में यहां सिर्फ 7 कर्मचारी ही नियुक्त हैं. ऐसे में भरतपुर और धौलपुर जिले के करीब 165 निजी और सरकारी कॉलेजों में अध्ययनरत करीब 90 हजार विद्यार्थियों का जिम्मा इन 7 कर्मचारियों के कंधों पर ही है. वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से बार-बार सरकार को लिख कर देने के बावजूद अभी तक नई भर्तियों का रास्ता नहीं खुल पा रहा है.
सिर्फ 7 नियमित, एक-एक के पास कई-कई प्रभार
विश्वविद्यालय से मिली जानकारी के अनुसार यहां स्वीकृत 83 पदों में से सिर्फ 7 नियमित और स्थाई कर्मचारी कार्यरत हैं. इनमें कुलपति, कुलसचिव, वित्त नियंत्रक, एक डिप्टी रजिस्ट्रार, दो असिस्टेंट रजिस्ट्रार और एक लीगल असिस्टेंट शामिल हैं. यही वजह है कि एक-एक कर्मचारी के पास 8 से 10 अलग-अलग प्रभार की जिम्मेदारी है. इसके अलावा विश्वविद्यालय की कार्य व्यवस्था के लिए अन्य पदों पर प्रतिनियुक्ति या फिर अस्थाई कर्मचारी लगा रखे हैं.
पांच पाठ्यक्रमों के लिए शिक्षक एक भी नहीं
बृज विश्वविद्यालय की ओर से एमए ( होम साइंस, ड्राइंग एंड पेंटिंग, मैथमेटिक्स), बीए एलएलबी और एलएलएम पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं. लेकिन अभी तक विश्वविद्यालय में एक भी नियमित और स्थाई शिक्षक/व्याख्याता की नियुक्ति नहीं हो पाई है. जबकि विश्वविद्यालय में पांच प्रोफेसर, 10 एसोसिएट प्रोफेसर और 15 असिस्टेंट प्रोफेसर के पद स्वीकृत हैं, लेकिन अभी सभी रिक्त हैं. ऐसे में अस्थाई शिक्षकों से ही विद्यार्थियों के अध्यापन का कार्य कराया जा रहा है.
भर्ती के लिए स्वीकृति का इंतजार
विश्वविद्यालय के वित्त नियंत्रक चंद्रप्रकाश राजन ने बताया कि विश्वविद्यालय में 30 पद शैक्षणिक और 53 पद अशैक्षणिक स्वीकृत हैं. शैक्षणिक पदों की भर्ती के लिए उच्च शिक्षा विभाग को अभिशंषा भेजी हुई है, लेकिन अभी तक वहां से स्वीकृति नहीं मिल पाई है. ऐसे में स्वीकृति मिलते ही भर्ती का कैलेंडर जारी कर दिया जाएगा.
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गौरतलब है कि महाराजा सूरजमल बृज विश्वविद्यालय वर्तमान में एमएसजी कॉलेज के भवन में संचालित है. वहीं पाठ्यक्रमों का संचालन भी आरडी गर्ल्स कॉलेज और अन्य किराए के भवनों में कराया जा रहा है. विश्वविद्यालय का कुम्हेर के पास बेलारा में नया भवन बनकर तैयार है, लेकिन उसके भी लोकार्पण का इंतजार है.